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टीवी अधिक देखने से दिल की बीमारी का खतरा

२० अप्रैल २०११

बच्चों के मानसिक और बौद्धिक विकास पर टीवी के संभावित नकारात्मक असर पर बातें होती रही है, लेकिन अब पता चला है कि उनके स्वास्थ्य पर भी इसका भयानक असर हो सकता है.

तस्वीर: PA/dpa

ऑस्ट्रेलिया में बुधवार को प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि अधिक टीवी देखने वाले बच्चों को बाद में कहीं अधिक मात्रा में दिल की बीमारियों, हाई ब्लडप्रेशर व डायाबिटीज होने का खतरा रहता है.

भारतीय मूल के डॉक्टर बामिनी गोपीनाथ के नेतृत्व में सिडनी विश्वविद्यालय में किए गए इस अध्ययन को दुनिया में अपनी किस्म का पहला अध्ययन कहा जा रहा है. इसमें पाया गया है कि लगातार टेलिविजन देखने वाले 6-7 साल के बच्चों के आंखों के पीछे की धमनियां संकरी हो जाती हैं. इसकी वजह से उम्र अधिक होने पर दिल की बीमारियों, हाई ब्लडप्रेशर व डायाबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है. डॉक्टर गोपीनाथ ने कहा कि मातापिता को चाहिए कि वे बच्चों को टेलिविजन सेट के सामने से हटाएं और उन्हें चुस्त दुरुस्त बनाने की कोशिश करें.

इस अध्ययन के तहते सिडनी के 34 प्राइमरी स्कूलों में डेढ़ हजार बच्चों की जांच की गई, जिनकी उम्र 6 से 7 साल के बीच थी. इसमें पाया गया कि बच्चे प्रतिदिन औसतन 1.9 घंटे तक टेलिविजन देखते हैं, जबकि खेलकूद या कसरत के लिए वे सिर्फ 36 मिनट का समय देते हैं.

इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि एक घंटे तक या उससे अधिक समय खेलकूद और कसरत में बिताने वाले बच्चों की आंखों की धमनियां कहीं अधिक फैली होती हैं. डॉक्टर गोपीनाथ कहते हैं, "हमने पाया है कि कसरती बच्चों की रक्त संचार प्रणाली कहीं बेहतर होती है". उनकी राय में इससे साबित होता है कि बचपन की अस्वास्थ्यकर आदतों का असर उम्र बढ़ने पर देखा जा सकता है. उन्होंने सुझाव दिया है कि स्कूलों में हर सप्ताह कम से कम खेलकूद के दो घंटे अनिवार्य रूप से होने चाहिए.

यह अध्ययन इसी हफ्ते अमेरिकन हार्ट एसोसियेशन की आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रंबोसिस ऐंड वैस्कुलर बायोलॉजी जर्नल नामक पत्रिका में छपी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एन रंजन

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