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टूट रही है पुलिस और जर्मन शेपर्ड की दोस्ती

९ सितम्बर २०११

लंबे समय से जर्मन शेपर्ड पुलिस के सबसे अच्छे दोस्त माने जाते हैं लेकिन हाल के दिनों में दूसरी नस्लों ने बड़ी तेजी से उनकी जगह लेनी शुरू कर दी है. नई दोस्ती परवान चढ़ी है इनकी दिलेरी और दबाव में अच्छे काम से.

तस्वीर: picture alliance/Zoonar

नरम और घने बाल, खड़े कान, तीखे दांतों के बीच से बाहर निकली जीभ इनके साथ वफादारी और सौम्य व्यवहार ने जर्मन शेपर्ड को दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले कुत्तों की प्रजाति के रूप में मशहूर किया है. पर पुलिस वालों की जरूरत की बात करें तो ये सारे गुण उनके बहुत काम नहीं आते. पुलिस सुरक्षा और खोज की कार्रवाइयों में जर्मन शेपर्ड का इस्तेमाल धीरे धीरे कम करती जा रही है. पुलिस वालों को अब इन कामों के लिए बेल्जियम शीपडॉग ज्यादा भा रहे हैं जो उनके मुताबिक ज्यादा दिलेर और दृढ़ हैं.

तस्वीर: AP

हालांकि जर्मनी में जर्मन शेपर्ड एसोसिएशन के प्रवक्ता ये मानने को तैयार नहीं कि दुनिया की सबसे लोकप्रिय कुत्तों की प्रजाति किसी भी मामले में डरपोक है. प्रवक्ता क्रिस्टियान ग्रुबे कहते है, "इन कुत्तों की तंत्रिकाएं बेहद मजबूत हैं और सीखने की क्षमता उनका सबसे शानदार गुण. इसके अलावा उनकी चपलता उन्हें ज्यादा फायदेमंद बनाती है. ये रखवाली, रास्ता दिखाने वाले कुत्ते, खेलने वाले कुत्ते और परिवार में रहने वाले कुत्तों के अलावा राहत के कामों में इस्तेमाल होने वाले कुत्तों के रूप में काफी उपयोगी हैं." हालांकि जर्मनी में भी जर्मन शेपर्ड को पालने वाले परिवारों की संख्या में कमी आई है. पिछले 12 सालों में इनकी संख्या घट कर आधी रह गई है. वैसे ग्रुबे इस बात की ओर ध्यान दिलाना नहीं भूलते कि पिछले साल यानी 2010 में दुनिया भर में कुल 10 लाख जर्मन शेपर्ड ने जन्म लिया.

ग्रुबे की दलील अपनी जगह है लेकिन जर्मनी के नॉर्थ राइन वेस्टफालिया प्रांत की पुलिस ने धीरे धीरे जर्मन शेपर्ड को अपने महकमे से हटाना शुरु कर दिया है. फिलहाल पुलिस के पास केवल 26 जर्मन शेपर्ड बचे हैं जबकि कुत्तों की ब्रिगेड में बेल्जियम शीपडॉग की प्रजाती मालिनोइस की संख्या 281 है. 1988 के बाद से ही दोनों प्रजातियों के कुत्तों का वंश आगे बढ़ाया जा रहा है. औसत रूप से बेल्जियम शेपर्ड की प्रजाति जर्मन शेपर्ड की तुलना में ज्यादा हुनरमंद है. नॉर्थ राइन वेस्टफालिया में पुलिस के शोध और शिक्षा विभाग में कुत्तों को संभालने वाले गायथनर बोन्के कहते हैं, "पुलिस के कुत्तों को दिलेर और तनाव की स्थिति में भी काम करने लायक और अपने सहयोगी की रक्षा करने वाला होना चाहिए. कुत्तों को अवैध नशीली दवाइयां और विस्फोटकों को सूंघने और उनका पता लगाने में भी दक्ष होना चाहिए. हमने पिछले सालों में बेल्जियम शीपडॉग के भीतर इन पैमानों पर बेहतर क्षमता देखी है."

तस्वीर: picture alliance/Arco Images GmbH

बोन्के ये भी मानते हैं कि बेल्जियम शेपर्ड ना सिर्फ बेहतर हैं बल्कि वह तुलनात्मक रूप से देखें तो सस्ते भी हैं. वजय यह है कि जर्मनी के 16 में से ज्यादातर राज्य अपने लिए कुत्ते पैदा करने के बजाए उन्हें खरीदते हैं. ऐसे में उनकी कीमत भी फैसलों को काफी प्रभावित करती है. हालांकि जर्मन पुलिस विभाग पूरी तरह से जर्मन शेपर्ड को अलविदा कहने के मूड में नहीं है पोस्टडैम में पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, "लंबे समय से हमारा इन कुत्तों के साथ काफी अच्छा अनुभव रहा है."

बहुत सारे परिवार भी जर्मन शेपर्ड के सच्चे साथी हैं और अपने घर में उसी को रखना चाहते हैं. जर्मन डॉग एसोसिएशन के मुताबिक जर्मनी में पिछले साल 14,500 जर्मन शेपर्ड के बच्चों ने जन्म लिया. इस संख्या ने इसे जर्मनी के सबसे लोकप्रिय डाक्सहुंड और रिट्रीवर से भी आगे पहुंचा दिया है. नॉर्थ राइन वेस्टफालिया की पुलिस भी इन कुत्तों के साथ है. बोन्के कहते हैं,"हमारे बहुत सारे कुत्तों को संभालने वाले लोग इन्हें रखना चाहते हैं और हम उनके लिए अच्छे कुत्तों की तलाश में हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

 

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