मस्क ने कहा है कि कंपनी ड्राइविंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए हाईवे और शहर की सड़कों दोनों के लिए सिंगल टेक प्लेटफॉर्म की कोशिश कर रही है. मस्क ने एक ट्वीट में कहा, "फुल स्क्रीन डिस्प्ले बीटा 9.2 वास्तव में महान आईएमओ नहीं है, लेकिन ऑटोपायलट और एआई टीम जितनी जल्दी हो सके सुधार करने के लिए काम कर रही है."
उन्होंने आगे कहा, "हम हाईवे और शहर की सड़कों दोनों के लिए एक तकनीकी स्टैक रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह बड़े पैमाने पर एनएन (तंत्रिका नेटवर्क) को फिर से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है."
द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक नया एफएसडी फीचर ड्राइवरों को स्थानीय, गैर-हाईवे सड़कों पर ऑटोपायलट मोड के माध्यम से कई उन्नत ड्राइवर-सहायता सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाता है.
अतिरिक्त 10,000 डॉलर के लिए, लोग पूर्ण स्व-ड्राइविंग या फुल स्क्रीन डिस्प्ले खरीद सकते हैं, जो मस्क के वादे पूर्ण स्वायत्त ड्राइविंग क्षमता प्रदान करेंगे.
पूरी तरह सेल्फ-ड्राइविंग क्षमताओं में ऑटोपायलट, ऑटो लेन चेंज, समन (मोबाइल ऐप या चाभी का इस्तेमाल करके अपनी कार को एक तंग जगह से अंदर और बाहर ले जाना) पर नेविगेट करना शामिल है.
टेस्ला ने जुलाई में अपना फुल सेल्फ-ड्राइविंग (फुल स्क्रीन डिस्प्ले) सब्सक्रिप्शन पैकेज 199 डॉलर प्रति माह के लिए लॉन्च किया था. जिन लोगों ने पहले एन्हांस्ड ऑटोपायलट पैकेज खरीदा था, उनके लिए फुल स्क्रीन डिस्प्ले फीचर की कीमत 99 डॉलर प्रति माह होगी.
वेबसाइट के मुताबिक टेस्ला के मालिक किसी भी समय अपनी मासिक एफएसडी सदस्यता रद्द कर सकते हैं.
इलेक्ट्रेक का कहना है ईवी निर्माता का लक्ष्य एक वास्तविक स्तर 5 पूर्ण स्व-ड्राइविंग प्रणाली प्रदान करना है और पैकेज खरीदने वाले लोग टेस्ला पर उस लक्ष्य को प्राप्त करने पर दांव लगा रहे हैं.
नवीनतम बीटा संस्करण लंबे समय से विलंबित है और पहली बार 2018 में वादा किया गया था.
मस्क ने यह भी पुष्टि की कि टेस्ला अपने एफएसडी वी9 बीटा सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ एक नया यूजर इंटरफेस जारी करेगी.
2019 में टेस्ला दुनिया में सबसे ज्यादा प्लग-इन और बैटरी इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियां बनाने वाली कंपनी बन गई थी. प्लग-इन श्रेणी में टेस्ला का बाजार के 17 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है और बैटरी इलेक्ट्रिक श्रेणी में 23 प्रतिशत पर.
एए/सीके (रॉयटर्स)
जर्मनी ज्यादातर अपनी मंहगी कार, बीयर और ऐसी दूसरी चिजों के निर्माण के लिए से जाना जाता है. लेकिन जर्मनी ने दुनिया के कुछ ऐसे आविष्कार भी किए हैं जिसे बहुत कम लोग जानते होंगे.
तस्वीर: Colourboxद्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकियों को लगा कि वे कोका कोला की सप्लाई बंद कर जर्मनी को परेशान कर देंगे. तभी कोका कोला जर्मनी के प्रमुख माक्स काइथ ने जर्मन बाजार के लिए नया प्रोडक्ट उतारने की सोची. उन्होंने स्थानीय चीजों का सहारा लिया और 1941 में फैंटा से तहलका मचा दिया.
तस्वीर: Colourbox1908 में ड्रेसडेन की एक महिला मेलिटा बेंट्स ने कॉफी के स्वाद को बेहतर करने के लिए उसे बेहद बारीक कागज से छानने की सोची. आइडिया चल निकला. कप में सिर्फ कॉफी आई, उसका बारीक पाउडर फिल्टर में अटक गया. बेंट्स ने इस आइडिया को पेटेंट कराया. उनकी कंपनी मेलिटा ग्रुप आज भी 3,300 कर्मचारियों के साथ चल रही है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/A. Warneckeहथौड़े से मुक्ति इलेक्ट्रिक ड्रिल ने दिलाई. हालांकि इलेक्ट्रिक ड्रिल का आविष्कार 1889 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ. लेकिन जर्मनी के लुडविषबुर्ग के विल्हेम एमिल फाइन ने 1895 में इसे पोर्टेबल बना दिया. हाथ में आराम से आने वाली पोर्टेबल ड्रिल आज भी निर्माण और रिपेयरिंग के मामले में अहम औजार है.
तस्वीर: mariusz szczygieł - Fotolia.comएमपी3 फाइल ने एक झटके में संगीत को कैसेट से निकालकर चिप में डाल दिया. एमपी3 बनाने का विचार कार्लहाइंत्स ब्रांडेनबुर्ग को 1980 के दशक में आया. उन्होंने डाटा फाइल को कंप्रेस करने में सफलता पाई.
तस्वीर: picture-alliance/ dpa/dpawebआज दफ्तरों में कंप्यूटर लगे हैं, लेकिन इसके बावजूद रिकॉर्ड रखने के लिए फाइलों को इस्तेमाल किया जाता है. पंच फाइल का विचार मथियास थेल का था. लेकिन फ्रिडरिष सोएनएकन ने 14 नवंबर 1886 को इसके लिए पेटेंट फाइल किया. सोएनएकन की फाइल में एक रिंग बाइंडर और दो छेद थे.
तस्वीर: Fotolia/Eisenhansफुटबॉल खेलने के बूट ब्रिटेन में बने. लेकिन एडिडास के संस्थापक एडी डासलेर ने 1954 में स्क्रू तकनीक का इस्तेमाल कर इन बूटों के डिजाइन और तले को पूरी तरह बदल दिया. उसी साल पश्चिमी जर्मनी ने फुटबॉल विश्वकप जीता. एडी के बड़े भाई रुडोल्फ डासलेर इससे खुश नहीं थे. प्यूमा कंपनी के मालिक रुडोल्फ ने दावा किया कि यह खोज उनकी थी.
तस्वीर: imagoनिविया क्रीम, लाबेलो लिप बाम बनाने के बाद भी फार्मेसिस्ट ऑस्कर ट्रोप्लोविट्स संतुष्ट नहीं हुए. तभी उनके दिमाग में सेलो टेप बनाने का विचार आया. लेकिन इस आइडिया पर और लोग भी काम कर रहे थे. तो ट्रोप्लोविट्स ने 1901 में ल्यूकोप्लास्ट बना दिया. आज मेडिकल क्षेत्र में इसका खूब इस्तेमाल होता है.
तस्वीर: Reuters/E.Alonsoएकोर्डियन भी जर्मन आविष्कार है. 1822 में इसे क्रस्टियान फ्रिडरिष लुडविष बुशमन ने बनाया. कहा जाता है कि बुशमन इससे पहले हार्मोनियम भी बना चुके थे. लेकिन आसानी से कंधे पर लटकने वाले एकोर्डियन जल्द ही दुनिया भर में छा गया.
तस्वीर: Reuters/C. Kernसेंटा क्लॉज को खोजने का श्रेय फिनलैंड लेता है और क्रिसमस ट्री का जर्मनी. जर्मनी में पुर्नजागरण काल के दौरान टानेनबाउम नामक पेड़ को सजाने का चलन शुरू हुआ. 19वीं शताब्दी के अंत तक यह परंपरा सी बन गई. आज दुनिया भर में क्रिसमस ट्री को फलों, लाइटों और मेवों से सजाया जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Thiemeइससे प्यार और नाराजगी बनी रहती है. 1891 में फ्रिडरिष विल्हेम गुस्ताव ब्रून ने डायमलर कंपनी की टैक्सियों के लिए यह मीटर बनाया. तभी से दुनिया भर की टैक्सियों के मीटर लगातार डाउन हैं.
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