दुबई की एक गगनचुंबी रिहाइशी इमारत में आग लगी. यह दूसरा मौका है जब 1,100 फुट ऊंची इस इमारत में फिर से आग लगी है.
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दुबई के टॉर्च टावर में गुरुवार रात अचानक आग लग लगी. आग करीब एक बजे लगी. देखते ही देखते एक तरफ की करीब 40 मंजिलें आग की चपेट में आ गयीं. आग की वजह से 86 मंजिला इमारत के कुछ हिस्से जलकर नीचे भी गिरे.
ढाई घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. प्रशासन के मुताबिक सिविल डिफेंस वर्कर्स ने सभी लोगों को इमारत से सुरक्षित ढंग से बाहर निकाल लिया.
प्रशासन ने एक ट्वीट के जरिये राहत और बचाव कार्य की जानकारी दी, "टॉर्च टावर में लगी आग की घटना में अब तक किसी के घायल होने की खबर नहीं है. कूलिंग ऑपरेशन जारी है."
टॉर्च टावर 86 मंजिलों वाली रिहाइशी इमारत हैं. इस इमारत में फरवरी 2015 में भी आग लग चुकी है. 2011 में जब इसका उद्घाटन हुआ तो यह दुनिया की सबसे ऊंची रिहाइशी इमारत थी. अब यह 32वें नंबर पर आती है.
गगनचुंबी इमारतों के लिए मशहूर यूएई में स्काईस्क्रैपरों में आग के कई मामले सामने आ चुके हैं. 31 दिसंबर 2016 की रात दुबई में एक 63 मंजिला लक्जरी होटल में भी आग लगी. 2017 में दुबई ने आग से बचाव के लिए नए नियम लागू किये. इन नियमों के तहत इमारतों की बाहरी दीवारों में ज्यादा आगरोधी मैटीरियल लगाना होगा. तब प्रशासन ने कहा था कि यूएई की 30,000 इमारतों में क्लैडिंग या पैनलिंग है, तो आग को तेजी से फैलने में मदद करती है.
(दुनिया की ऊंची इमारतें)
दुनिया की ऊंची इमारतें
फ्रांसीसी इंजीनियर गुस्ताव आइफल की चमत्कारी संरचना बनाने के 125 साल बाद भी लोग इसे देखने पेरिस पहुंचते हैं. तस्वीरों में देखें दुनिया की 10 सबसे ऊंची इमारतें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
इंजीनियरिंग का चमत्कार
1889 में जब गुस्ताव आइफल ने इसे बनाया, तब यह इंजीनियरिंग का चमत्कार ही था. 324 मीटर ऊंचा यह टावर 1930 तक दुनिया की सबसे ऊंची संरचना थी. आज यह पेरिस की पहचान है और इसे देखने और इस पर चढ़ने दुनिया के सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं.
तस्वीर: Fotolia/XtravaganT
बुर्ज खलीफा
फिलहाल दुनिया की सबसे ऊंची इमारत संयुक्त अरब अमीरात का बुर्ज खलीफा है. जनवरी 2010 में शुरू हुआ यह स्काईसक्रैपर दुबई में है और 829 मीटर का है. इसमें कई अपार्टमेंट, होटल और ऑफिस हैं.
तस्वीर: picture-alliance/ZB
सबसे ऊंची घड़ीः अबराज अल बैत
दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची इमारत और सबसे ऊंचा क्लॉक टावर सऊदी के मक्का में है. यह दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद अल हराम के सामने है. 601 मीटर ऊंचा यह टावर 2012 में बना. इसमें प्रार्थना का कमरा, होटल और 20 मंजिला शॉपिंग मॉल है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
सबसे ऊंची मूर्ति
सिर्फ ऊंची इमारतें ही पर्यटकों को नहीं खींचती. चीन के लुशान में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है. 153 मीटर ऊंची तांबे की मूर्ति 2008 में पूरी हुई. अफगानिस्तान में बामियान के बुद्ध तोड़े जाने के बाद इसे बनाने की घोषणा की गई.
तस्वीर: cc-by-sa-Zgpdszz
द मदरलैंड कॉल्स
रूस के वोल्गोग्राड में 1967 में जब मदरलैंड कॉल्स नाम की मूर्ति बनाई गई तब यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति थी. तलवार की नोंक से लेकर नीचे तक इसकी कुल ऊंचाई 87 मीटर थी. यहां की 200 सीढ़ियां स्टालिनग्राड की लड़ाई का प्रतीक हैं. यह लड़ाई भी इतने ही दिन चली थी.
तस्वीर: imago/ITAR-TASS
अफ्रीका का सबसे ऊंचा
दुनिया की ऊंची इमारतों में अफ्रीका की यह मूर्ति भी शामिल है. अफ्रीकन रिनासां नाम की यह मूर्ति कांसे की बनी है और 49 मीटर ऊंची है. उत्तर कोरिया की बनाई यह संरचना 2010 में पूरी हुई. यह 1959 में सेनेगल की फ्रांस से आजादी का प्रतीक है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
लेडी लिबर्टी
न्यूयॉर्क में 46 मीटर ऊंची लेडी लिबर्टी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति तो नहीं है लेकिन सबसे ज्यादा फोटो में आने वाली जरूर है. करीब 40 लाख लोग हर साल इसे देखने पहुंचते हैं. इसे 1886 में बनाया गया था.
तस्वीर: dapd
वाइल्ड वेस्ट की ओर
मिसूरी में सेंट लुइस आर्क अमेरिका आने वाले पर्यटकों की पसंद है. यह मिसिसीपी नदी के ऊपर बना है और इसे पश्चिमी अमेरिका का दरवाजा कहा जाता है. 1965 में पूरा हुआ यह पुल इंजीनियरिंग की मिसाल है और स्टेनलेस स्टील कंक्रीट से बना दुनिया का सबसे बड़ा ढांचा भी.
तस्वीर: Gateway Arch
यहां भी
स्टील से पहले दुनिया का सबसे ऊंचा ढांचा ईंट पत्थर का बना था. इनमें से अधिकतर इमारतें चर्च की हैं. दक्षिणी जर्मनी के उल्म का मिन्स्टर 1377 में बनना शुरू हुआ. यह चर्च के टावरों में आज भी सबसे ऊंचा है. ये कुल 161.5 मीटर ऊंचा है.
तस्वीर: picture-alliance/Carsten Schmidt
सबसे पुराना रिकॉर्ड
मिस्र में गीजा का पिरामिड सबसे पुरानी संरचना है जो दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शामिल है. 2560 ईसा पूर्व में बना यह पिरामिड बड़े पत्थर से काटा गया है. यह मिस्र के चौथे वंश फाराओ खुफु की कब्र पर बनी इमारत है. 3,800 साल तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना थी.