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ट्रंप की नीतियों पर माक्रों का तंज

२६ अप्रैल २०१८

अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने डॉनल्ड ट्रंप की कुछ नीतियों की आलोचना की. उन्होंने हर मुद्दे का जिक्र किया, जिस पर ट्रंप की राय बिल्कुल अलग है.

USA Capitol Hill in Washington | Emmanuel Macron, Präsident Frankreich
तस्वीर: Getty Images/C. Somodevilla

अमेरिकी संसद के साझा सत्र को संबोधित करते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन, राष्ट्रवाद, व्यापार और 2015 के ईरान परमाणु समझौते का जिक्र किया. ये सभी ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अंतरराष्ट्रीय सहमतियों को दरकिनार कर रहे हैं.

इमानुएल माक्रों ने फ्रांस और अमेरिका के ऐतिहासिक संबंधों और दोस्ती का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि वॉशिंगटन पेरिस में हुए जलवायु समझौते पर वापस लौटेगा. ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति की आलोचना करते हुए माक्रों ने कहा, "हम एकांतवाद, पैर पीछे खींचने और राष्ट्रवाद को चुन सकते हैं...लेकिन दुनिया का दरवाजा बंद करके भी हम विश्व का क्रमिक विकास नहीं रोक पाएंगे."

जलवायु परिवर्तन को सच्चाई बताते हुए फ्रेंच राष्ट्रपति ने कहा, "चलिए साथ मिलकर फिर से अपने ग्रह को महान बनाते हैं. हमारे पास कोई दूसरा ग्रह नहीं है." अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जलवायु परिवर्तन को असली नहीं मानते हैं.

फेक न्यूज को लोकतंत्र और समाज के लिए बड़ा खतरा करार देते हुए माक्रों ने कहा, "बिना किसी कारण के, बिना किसी सच्चाई के, असली लोकतंत्र नहीं बन सकता क्योंकि लोकतंत्र का मतलब ही सच्चे विकल्प और तर्कसंगत फैसले हैं."

अमेरिका और फ्रांस के संबंधों और इतिहास का हवाला देते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने अमेरिकी सांसदों से कहा, "अमेरिका और फ्रांस के लोगों का मिलन आजादी के साथ होता है."

ट्रंप के नीतियों से यूरोप के नेता असहजतस्वीर: Reuters/J. Ernst

यूरोपीय संघ चाहता है कि अमेरिका ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते का सम्मान करे. लेकिन हाल के समय में ट्रंप ईरान पर फिर से नए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे रहे हैं. माक्रों ने इस मुद्दे पर कहा, "ईरान को कभी कोई परमाणु हथियार हासिल नहीं करने चाहिए. अभी नहीं, पांच साल बाद नहीं. 10 साल बाद भी नहीं. कभी नहीं."

बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान माक्रों ने आशंका जताई कि अमेरिका ईरान के साथ हुई न्यूलियर डील से बाहर निकल सकता है. आपसी मतभेदों का हवाला देते हुए फ्रेंच राष्ट्रपति ने कहा, "इस मुद्दे पर अमेरिका और फ्रांस के बीच मतभेद हैं. ये कुछ ऐसे ही हैं जैसे हर परिवार में होते हैं."

माक्रों के संबोधन को अमेरिकी सांसदों ने बड़ी गर्मजोशी के साथ सुना. संबोधन के बाद तीन मिनट तक सभी ने खड़े होकर तालियों के साथ फ्रांसीसी राष्ट्रपति का अभिवादन किया. विपक्षी डेमोक्रैटिक पार्टी के सांसद डिक डर्बिन के मुताबिक, "मुझे यह बहुत पंसद आया. उन्होंने काफी धीमी शुरुआत की और फिर बेहद मजबूत तरीके से वो उन दो मुद्दों पर आए जो उनके लिए बेहद अहम हैं: जलवायु परिवर्तन और ईरान के साथ परमाणु समझौता."

वरिष्ठ डेमोक्रैटिक नेता एडम शिफ के मुताबिक "राष्ट्रपति मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा सीधे तौर पर प्रतिवाद कर रहे थे. कुछ नहीं बल्कि रिपब्लिकन पार्टी के लिए बहुत ज्यादा असहज करने वाले पल भी सामने आए." वहीं सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी के नेता केविन मैकार्थी के मुताबिक माक्रों ने राष्ट्रपति ट्रंप का विरोध नहीं किया. मैकार्थी कहते हैं, "उन्होंने कहा कि वह फ्री और फेयर ट्रेड में विश्वास करते हैं, बिल्कुल यही तो राष्ट्रपति (ट्रंप) भी कहते आ रहे हैं."

माक्रों के बाद जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल भी अमेरिका के दौरे पर जा रही हैं. शनिवार को उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति से होगी. अब नजरें इस बात पर हैं कि यूरोप की सबसे प्रभावशाली नेता मैर्केल ट्रंप की नई नीतियों के बारे में क्या संदेश देती हैं. आम तौर पर जलवायु परिवर्तन, सीरिया, ईरान और व्यापार के मुद्दे पर जर्मनी और फ्रांस की राय काफी मिलती जुलती है. अब तक मैर्केल और ट्रंप की आपसी मुलाकातें बहुत ज्यादा दोस्ताना नहीं रही हैं. ट्रंप की नाटो संबंधी नीतियों के विरोध में मैर्केल कह चुकी हैं कि यूरोप को अब अपना भविष्य अपने हाथ में लेना होगा.

ओएसजे/एमजे (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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