मंगलवार को होने वाले चुनावों में डॉनल्ड ट्रंप या जो बाइडेन में से जो भी जीते, उन्हें नए प्रशासन के उदघाटन से पहले कई बड़े इंतजाम करने होंगे. इनमें प्रशासन में की जाने वाली लगभग 4,000 राजनीतिक नियुक्तियां शामिल हैं.
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नए प्रशासन का उदघाटन समारोह 20 जनवरी 2021 को होना है. चुनावों और उदघाटन के बीच के समय को "ट्रांजीशन" कहा जाता है और इस बार इसकी अवधि 78 दिनों या 11 हफ्तों की है. लेकिन अगर भारी संख्या में डाक के जरिए डाले गए मतों की गिनती में देरी की वजह से विजेता मंगलवार को घोषित नहीं हुआ तो यह अवधि और छोटी हो जाएगी.
2000 में रिपब्लिकन जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट अल गोर के बीच हुए चुनाव के नतीजों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई थी और अदालत का फैसला पांच सप्ताह बाद आया. इसकी वजह से बुश के पास क्लिंटन प्रशासन से अपने प्रशासन तक "ट्रांजीशन" करने के लिए उपलब्ध अवधि आधी रह गई थी.
क्या होगा अगर ट्रंप जीते?
अगर ट्रंप फिर से चुने गए तो उनके पास पहले से एक तरह की बढ़त होगी क्योंकि शून्य से अपना प्रशासन खड़ा नहीं करना होगा. यह वो पहले ही कर चुके हैं. ऐसे में उनका मुख्य काम होगा अपने दूसरे कार्यकाल के लिए नए लोग खोज कर लाना ताकि वो मंत्री और अधिकारी जो तो उनका प्रशासन छोड़ कर चले गए हैं या जिन्हें वो खुद हटाना चाह रहे हों उनकी जगह नई नियुक्तियां की जा सकें.
क्या होगा अगर बाइडेन जीते?
बाइडेन के लिए चुनौती और ज्यादा बड़ी होगी. उन्हें सरकार में करीब 4,000 राजनीतिक नियुक्तियां करनी होंगी, यानी ऐसे लोग जिन्हें बाइडेन और उनकी टीम के सदस्य विशेष रूप से चुनेंगे. हालांकि बाइडेन के लिए यह काम थोड़ा आसान इसलिए भी हो सकता है क्योंकि 2008 में हुए चुनावों के बाद नव-निर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा के रनिंग मेट होने के नाते उन्हें पहले से "ट्रांजीशन" का तजुर्बा है.
क्या बाइडेन को शून्य से शुरुआत करनी होगी?
"ट्रांजीशन" की शुरुआत कुछ महीनों पहले ही हो गई थी. प्रेसिडेंशियल ट्रांजीशन कानून के तहत, केंद्र सरकार की संपत्तियों की मालिक संस्था जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन तुरंत बाइडेन और उनकी रनिंग मेट कमला हैरिस को कार्यालय और दूसरी सेवाएं तुरंत उपलब्ध करा देगी. इसी कानून के तहत व्हाइट हाउस और सभी सरकारी एजेंसियों को भी "ट्रांजीशन" की तैयारी कई महीनों पहले शुरू कर देनी होती है.
कैलिफोर्निया से अमेरिकी सांसद कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना गया है. वह कैरिबियाई और भारतीय मूल की हैं इसलिए भारत में उनके नाम और उनकी उपलब्धियों को लेकर बहुत चर्चा है.
अप्रैल 1965 की तस्वीर. हैरिस अपने पिता डॉनल्ड हैरिस की गोद में हैं. डॉनल्ड एक जमैकन-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एमेरिटस प्रोफेसर हैं.
यह तस्वीर हैरिस के बचपन की है जिसमें वह कैलिफोर्निया के बर्कले विश्वविद्यालय में अपनी मां श्यामला गोपालन की प्रयोगशाला में दिखाई दे रही हैं. भारतीय तमिल मूल की अमेरिकी नागरिक श्यामला एक कैंसर शोधकर्ता और एक नागरिक अधिकार एक्टिविस्ट थीं. उनका फरवरी 2009 में निधन हो गया था.
जनवरी 1970 की तस्वीर. हैरिस कैलिफोर्निया में अपनी मां श्यामला और बहन माया के साथ अपने घर के बाहर खड़ी दिख रही हैं. यह तस्वीर उनके माता-पिता के अलग होने के बाद की है.
जून 2004 की तस्वीर, जब हैरिस सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी थीं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. J. Sanchez
सीनेटर बनने की राह पर
फरवरी 2012 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ. हैरिस उन दिनों कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं और ओबामा और बाइडेन ने सीनेटर पद की उम्मीदवारी के लिए उनके नाम का समर्थन किया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E. Risberg
बड़ा अभियान
जनवरी 2019 में हैरिस राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपने अभियान की शुरुआत करते हुए, अपने पति डगलस एमहॉफ के साथ ऑकलैंड, कैलिफोर्निया में. उनकी गोद में उनकी भांजी अमारा अजागु है. डगलस एक अधिवक्ता हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Avelar
परिवार का साथ
राष्ट्रपति पद के अभियान की शुरुआत के मौके पर हैरिस का पूरा परिवार मौजूद था. तस्वीर में उनके पति डगलस एमहॉफ, बेटी एला और बेटा कोल ओकलैंड में मंच पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Avelar
बहन का समर्थन
हैरिस की बहन माया हैरिस नवंबर 2019 में राष्ट्रपति पद की दावेदारी के अभियान के बीच एक समारोह में. माया एक अधिवक्ता और राजनीतिक टीकाकार हैं.