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ट्रैफिक जाम से बचाएगा मोबाइल

२६ फ़रवरी २०११

देश के सबसे बड़े महानगर कोलकाता में लोगों और गाड़ियों की बढ़ती तादाद के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या आम है. अब रवाना होने से पहले ही लोगों को पता चल जाएगा कि कहां ट्रैफिक की क्या स्थिति है और वो वैकल्पिक रास्ता चुन सकेंगे.

तस्वीर: google

इसके अलावा अक्सर होने वाली राजनीतिक रैलियां भी महानगर में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर देती हैं. नतीजतन लोगों को एक से दूसरी जगह जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों को पहले से पता नहीं होता कि कहां ट्रैफिक की क्या स्थिति है. ट्रैफिक जाम में फंसने पर कई बार पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में भी दो घंटे लग जाते हैं. लेकिन अब यह स्थिति बदलने वाली है.

मोबाइल फोन से भरें जुर्माना

कोलकाता ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट पर जल्दी ही महानगर के विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक की स्थिति की लाइव तस्वीरें देखी जा सकेंगी. राह चलते लोग अपने आधुनिकतम मोबाइल सेट पर भी यह तस्वीरें देख सकते हैं. यही नहीं, लोग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की हालत में मोबाइल और क्रेडिट कार्ड के जरिए मौके पर ही जुर्माना भी अदा कर सकते हैं.

संयुक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) विनीत गोयल कहते हैं, "आधुनिकतम तकनीक की सहायता से हम महानगर के विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति की तस्वीरें और ब्योरा भेज सकते हैं. इससे लोग उन रास्तों से जाने की बजाय वैकल्पिक रास्ता चुन सकते हैं. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को एंड्रॉयड प्रणाली पर आधारित फोन मुहैया कराए जाएंगे." पुलिस वाले मौके पर ही स्वाइप मशीनों के जरिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड से जुर्माना भी वसूल सकते हैं. इससे लोग थाने का चक्कर लगाने से बच जाएंगे.

तस्वीर: UNI

वेबसाईट पर देखें ट्रैफिक का हाल

लेकिन इसके लिए लोगों को करना क्या होगा? महानगर में ट्रैफिक की स्थिति की जानकारी के लिए उनके पास ब्लैकबेरी या कोई भी ऐसा फोन होना चाहिए जिसमें इंटरनेल सर्फिंग की सुविधा हो. इससे वे अपने दफ्तर या घर की राह में ट्रैफिक जाम की स्थिति जान कर वैकल्पिक रास्ता अपना सकते हैं. आप अपनी कार में बैठे-बैठे ही फोन के जरिए जान सकते हैं कि किन रास्तों पर जाम है और किन पर नहीं.

ट्रैफिक पुलिस की इस नई पहल से आम लोग खुश हैं. जाम की वजह से रोजाना औसतन दो से तीन घंटे सड़कों पर बिताने वाले सुदर्शन घोष कहते हैं, "आजकल ज्यादातर लोग इंटरनेट की सुविधा वाले मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं. उनके लिए तो यह वरदान साबित होगी. इससे उनका समय बचेगा और पैसा भी." यादवपुर विश्वविद्यालय के एक छात्र मदन पात्र कहते हैं, "फिलहाल तो घर से निकलते समय पता ही नहीं होता कि रास्ते में ट्रैफिक की क्या स्थिति है और यूनिवर्सिटी तक पहुंचने में कितना समय लगेगा. हमें पहुंचने में अक्सर देर हो जाती है. अब मोबाइल पर ट्रैफिक की स्थिति के बारे में जान कर हम अपनी सहूलियत से वैकल्पिक रास्ता चुन सकते हैं."

रिपोर्ट: प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता

संपादन: ईशा भाटिया

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