अगर आप सोचते हैं कि ऐसे मामले सिर्फ भारत में होते हैं, तो आप गलत हैं. वह 24 साल से ब्रिटेन में रह रही है. पति और दो बच्चे ब्रिटिश नागरिक हैं. ब्रेक्जिट से डर कर नागरिकता मांगी तो अधिकारियों के जवाव ने उसे चकित कर दिया.
विज्ञापन
ब्रिटिश अखबार गार्डियन ने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डच नागरिक मोनिक हॉकिंस का ब्रिटिश नागरिकता मांगना उसे भारी पड़ा है. ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने उसे देश छोड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है. मोनिक हॉकिंस को डर था कि ब्रिटिश नागरिकता के बिना उसे ब्रिटेन आने जाने के दौरान भविष्य में अमेरिकियों वाली दो घंटे की इमीग्रेशन लाइन में लगना होगा, जबकि उसके परिवार के लिए अलग लाइन होगी. गार्डियन का कहना है कि यह मामला उन दिक्कतों की ओर इशारा करता है जो ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने की स्थिति में यूरोपीय नागरिकों को झलनी पड़ सकती है.
ब्रेक्जिट पर हुए जनमत संग्रह के बाद मोनिक हॉकिंस ने ब्रिटेन की नागरिकता लेने की सोची क्योंकि उसका मानना था कि यदि ब्रिटेन सचमुच ईयू छोड़ देता है तो ब्रिटेन में उसके रिहायशी दर्जे पर असर पड़ेगा और उसके अधिकारों में कटौती स्वीकार करनी होगी. ब्रिटेन के कानून के अनुसार ब्रिटिश नागरिकों के विदेशी पार्टनरों को ब्रिटिश नागरिकता पाने का स्वाभाविक अधिकार नहीं होता. नागरिकता पाने के लिए पहले स्थायी रिहायशी परमिट लेना पड़ता है. हॉकिंस ने अपने सारे कागजात संबंधित दफ्तर को भेज दिए लेकिन वह छह महीने की मंजूरी प्रक्रिया के दौरान अपना पासपोर्ट अधिकारियों को सौंपने के लिए तैयार नहीं थी.
क्या होगा ब्रेक्जिट के बाद
अगले दो सालों में ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अपने एक्जिट यानि ब्रेक्जिट की प्रक्रिया पूरी करनी है. ब्रिटिश और यूरोपीय लोगों को कई तरह के नए तालमेल बिठाने होंगे, देखिए कुछ नमूने.
तस्वीर: picture alliance/dpa/S. Mundil
महंगी होगी स्कॉच व्हिस्की?
जी नहीं, इसके उलट. विशेषज्ञों की मानें तो क्रैश हुई ब्रिटिश मुद्रा पाउंड के कमजोर बने रहने से ब्रिटेन के उत्पाद बाहर के बाजारों में फिलहाल कुछ वक्त के लिए सस्ते पड़ेंगे. यानि यही अच्छा समय है स्कॉच व्हिस्की, इंग्लिश वाइन गम्स और बाकी ब्रिटिश प्रोडक्ट्स का स्टॉक भरने के लिए. देर की तो दाम फिर से ऊपर जा सकते हैं.
तस्वीर: Getty Images
सस्ती होगी लंदन में शॉपिंग?
यूनाइटेड किंगडम में छुट्टियां बिताना सस्ता नहीं पड़ता. पाउंड के कमजोर होने से पर्यटकों को थोड़ी आसानी होगी. छुट्टी से लौटते वक्त कुछ ज्यादा यादगार चीजें खरीद कर ले जा सकेंगे. और अगर क्रिसमस के आसपास लंदन पहुंचे, तो डॉलर या यूरो के बदले और भी ज्यादा शॉपिंग कर सकेंगे. फोन कॉल्स महंगी होंगी, क्योंकि 2017 शुरु होते ही ईयू कॉलरों को मोबाइल रोमिंग चार्जेस में मिली छूट खत्म हो जाएगी.
तस्वीर: Reuters/K. Pempel
इरासमुस-मुंडुस स्कॉलरशिप से बाहर?
यूरोपीय कॉलेज छात्रों के लिए एक सेमेस्टर यूके में बिताने का अवसर होता था और इरासमुस-मुंडुस कार्यक्रम का एक बेहद लोकप्रिय आकर्षण था. इस स्कॉलरशिप के बारे में भी फिर से बातचीत करनी होगी. यूके में बैचलर, मास्टर्स या पीएचडी डिग्री लेने की इच्छा रखने वाले छात्रों को अभी से पैसे बचाने शुरु कर देने चाहिए. हो सकता है उन्हें ब्रिटिश छात्रों के बराबर नहीं बल्कि बाहरी छात्रों के बराबर फीस देनी पड़े.
तस्वीर: DW/C. Ricking
तैर कर पार होगा इंग्लिश चैनल?
जल्द ही ऐसे हर मुद्दे पर एक एक कर के समझौते करने होंगे. वीजा-मुक्त यात्रा का मामला हो या इंग्लिश चैनल में तैराकी. पानी में छंलाग लगाने से पहले यह पता कर लेना ठीक होगा कि इस बाबत क्या समझौता हुआ है. ईयू के देशों में यात्रा करने वाले ब्रिटिश लोगों को भी एयरपोर्टों पर ईयू के बाहर से आने वालों की लाइन में लगना होगा.
तस्वीर: picture-alliance/DUMONT
क्या मैनयू से बाहर होंगे जर्मन खिलाड़ी श्वाइनस्टाइगर?
अब तक बास्टियान श्वाइनस्टाइगर, मेसुत ओएजिल और दूसरे कई यूरोपीय फुटबॉलर बड़े आराम से प्रीमियर लीगों में खेलते रहे हैं. ब्रेक्जिट के बाद इन पेशवर खिलाड़ियों को बाकी विदेशी कामगारों की ही तरह अतिरिक्त वर्क परमिट लेना पड़ेगा. श्वाइनी शायद इस मुसीबत से बच जाएं क्योंकि दो साल में वे 33 साल के हो जाएंगे और चाहें तो फिर रिटायरमेंट ले सकते हैं. हालांकि ये यूरोपीय चैंपियनशिप मुकाबलों में खेल सकेंगे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Tsoi
यूरोपीय संसद के ब्रिटिश सदस्यों का क्या?
कुल 73 सदस्यों वाली यूरोपीय संसद से फिलहाल किसी ब्रिटिश पासपोर्ट धारक को वापस भेजने की शुरुआत नहीं हुई है. वह जब तक रहेंगे, उनके सक्रिय रहने और वोट देने तक के अधिकार बने रहेंगे, केवल ब्रिटिश रेफरेंडम पर वोटिंग को छोड़ कर. इस पर ईयू के बाकी राज्यों को सहमति बनानी है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/S. Mundil
6 तस्वीरें1 | 6
कुछ समय पहले हॉकिंस के पिता की मौत हो गई थी और उसे ब्रिटेन और नीदरलैंड्स के बीच आना जाना पड़ रहा था, जिसके लिए उसे पासपोर्ट की जरूरत थी. उसने अधिकारियों को पासपोर्ट की कॉपी दी थी. गृह मंत्रालय ने रिहायशी परमिट की उसकी अर्जी ठुकरा दी और उसे देश छोड़ने की तैयारी करने को कहा है. उसके बाद से हॉकिंस लगातार अधिकारियों से मिलकर मामले को निबटाने की कोशिश कर रही है लेकिन लिखित शिकायत भी नाकाम रही. अंत में उसे बताया गया कि उसकी अर्जी इसलिए ठुकराई गई है कि उसने अपना ऑरीजनल पासपोर्ट अधिकारियों को नहीं सौंपा था. इस बीच मोनिक हॉकिंग ने पर्मानेंट स्टे परमिट के लिए नई अर्जी दी है. उसे उम्मीद है कि उसका मामला ब्रिटेन में गैर ब्रिटिश पार्टनरों के साथ होने वाले भेदभाव को सामने लाएगा.
इसी हफ्ते भारत में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 49 साल से देश में रह रहे एक पाकिस्तानी नागरिक के स्थायी वीजा को बढ़ाने की मांग खारिज कर दी है. आसिफ कराडिया के माता पिता भारतीय हैं. आसिफ का जन्म कराची में हुआ और कुछ ही दिनों बाद उसकी मां उसे लेकर भारत आ गई थी. आसिफ उसके बाद कभी पाकिस्तान नहीं गया है और उसके पास कोई पाकिस्तानी कागजात नहीं हैं. हाईकोर्ट ने इस बात की जांच के भी आदेश दिए हैं कि बिना पासपोर्ट के उसे अबतक वीजा कैसे दिया जाता रहा है.
ईयू से अलग होकर क्या मिलेगा ब्रिटेन को
28 मार्च को ब्रिटेन ने 'अनुच्छेद 50' पर हस्ताक्षर के साथ औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. एक नजर उन बिंदुओं पर जो बेक्जिट की वजह माने जाते हैं.
तस्वीर: Reuters/T. Melville
सरकारी धन पर बोझ
ब्रिटेन की समस्या यह है कि पूर्वी यूरोप के नए सदस्य देशों के नागरिकों के लिए खुली आवाजाही का सपना तो पूरा हुआ है लेकिन पोलैंड और रोमानिया जैसे देशों के नागरिकों के आने से वहां राजकोष पर बोझ बढ़ा है.
तस्वीर: picture alliance/Klaus Ohlenschläger
बेरोजगारी में बढ़ोत्तरी
एक डर तो सस्ते विदेशी कामगारों के आने से देश में बेरोजगारी बढ़ने का और कामगारों के वेतन पर दबाव बढ़ने का है. इसकी वजह से ब्रिटेन में यूरोप विरोधी ताकतें मजबूत हुई हैं और परंपरागत पार्टियां कमजोर हुई हैं.
तस्वीर: DW/S. Shackle
वीटो का अधिकार
वित्तीय संकट के बाद एक ओर यूरोप को और एकताबद्ध करने की मांग हो रही है तो लंदन राष्ट्रीय संसदों की भूमिका बढ़ाना चाहता है. इससे राष्ट्रीय जन प्रतिनिधियों को ब्रसेल्स के मनमाने बर्ताव के खिलाफ लाल कार्ड दिखाने का अधिकार मिलेगा.
तस्वीर: Reuters/D. Martinez
सामाजिक भत्तों में कटौती
ब्रिटेन नहीं चाहता कि गरीब सदस्य देशों के सस्ते कामगार ब्रिटेन में सामाजिक भत्तों का लाभ उठाएं. ब्रिटेन चाहता है कि ईयू देशों से अचानक बहुत से लोगों के आने पर उसे रोक लगाने का हक होना चाहिए. आप्रवासियों को चार साल बाद भत्ता पाने का हक मिलेगा.
तस्वीर: picture-alliance/empics
संतान भत्ता
यूरोपीय संघ में वह सरकार संतान भत्ता देती है जहां मां बाप काम करते हैं, चाहे बच्चा कहीं और रह रहा हो. ब्रिटेन पोलैंड और रोमानिया के कामगारों को बच्चों के लिए भत्ता देता है. अब यह बहस हो रही है कि क्या भत्ते को संबंधित देश के जीवन स्तर के अनुरूप होना चाहिए.
तस्वीर: Reuters
घनिष्ठ होता संघ
यूरोपीय संघ का लक्ष्य समय के साथ घनिष्ठ होना है. लंदन को यह पसंद नहीं है. ब्रिटेन को स्वीकार फॉर्मूला समापन घोषणा में है जिसमें कहा गया है कि ईयू का लक्ष्य खुले और लोकतांत्रिक समाज में रहने वाले साझा विरासत वाले लोगों के बीच भरोसा और समझ बढ़ाना है.
तस्वीर: Reuters/N. Hall
दक्षिणपंथी ताकतों का असर
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ईयू में बने रहने के लिए तमाम शर्तें रखी हैं. जाहिर है यूरोपीय संघ से रियायतें पाकर वे इसका पूरा राजनीतिक लाभ उठाएंगे और अति दक्षिणपंथी पार्टियों को कमजोर करना चाहेंगे.