डब्ल्यूएचओः पाबंदियां हटाने को लेकर सतर्क रहें देश
१२ मई २०२०
दुनियाभर की सरकारें इस सवाल से जूझ रही हैं कि कोविड-19 बीमारी को काबू करते हुए वे अपनी अर्थव्यवस्था को कैसे शुरू करें. कोरोना के चलते दुनियाभर में जान माल का नुकसान हो रहा है. लॉकडाउन से कामकाज भी ठप्प है.
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कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाई तालाबंदी से निकलने वाले देशों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ) ने संक्रमण की दूसरी लहर की चिंताओं के बीच कहा है कि "अत्यधिक सतर्कता" की जरूरत है. लॉकडाउन में ढील देने के बाद जर्मनी में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं, इसी तरह से दक्षिण कोरिया में जहां कोरोना वायरस को काबू पाने में सफलता मिल गई थी, वहां भी नाइटक्लब से कोरोना वायरस के मामले उजागर हुए हैं. डब्ल्यूएचओ के इमर्जेंसी हेड माइक रायन के मुताबिक, "अब हमें कुछ उम्मीद नजर आ रही है क्योंकि दुनिया के कई देश लॉकडाउन हटा रहे हैं." उन्होंने साथ ही कहा कि ऐसे में "अत्यधिक सतर्कता की जरूरत है." रायन ने कहा, "अगर बीमारी निचले स्तर पर क्लस्टरों में बिना जांच किए रहती है तो हमेशा बीमारी के दोबारा फैलने का खतरा मौजूद रहता है." दुनियाभर की सरकारें कोरोना वायरस को काबू में करते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने के सवाल से जूझ रही हैं.
रायन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जर्मनी और दक्षिण कोरिया कोरोना वायरस के नए क्लस्टर को पनपने नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने उनकी निगरानी की तारीफ की जो वायरस की दूसरी लहर को रोकने में अहम रही है. रायन ने कहा, "यह वास्तव में अहम है कि हम उन देशों को उदाहरण के तौर पर देखें जिन्होंने अपनी आंखें खुली रखी और खुली रखना चाहते हैं." उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि कुछ ऐसे भी देश हैं जो इस बीमारी से "आंख मूंदकर निकलने" की कोशिश में हैं.
दूसरी ओर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एधानोम घेब्रेयसस ने कहा है कि पाबंदियां हटाना जटिल और कठिन है. उन्होंने पाबंदियां हटाने को लेकर कहा कि यह धीरे-धीरे और स्थिर स्तर पर होना चाहिए, जिससे जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा हो सके. उन्होंने कहा कि अब पूरे विश्व में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 40 लाख को पार कर चुकी है. लॉकडाउन के उपायों से कोरोना वायरस के प्रसार को काफी धीमा कर दिया गया है और बहुत से लोगों की जान बचाई गई है पर लॉकडाउन से गंभीर आर्थिक और सामाजिक प्रभाव भी पड़ा है और इसलिए इसे हटाने का काम भी शुरू हो गया है. घेब्रेयसस ने कहा कि जर्मनी, दक्षिण कोरिया और चीन में नए क्लस्टर के सामने आने के बाद वहां निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली मौजूद रहने से इन मामलों से निपटने में सहायता मिली है.
कोरोना महामारी के कारण लंबी तालाबंदी के बाद दुनियाभर के कई देश धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील दे रहे हैं. कई देशों में लंबी तालाबंदी के बाद जिंदगी सामान्य हो रही है. कई देशों में लॉकडाउन खत्म होने से लोग काम पर लौट रहे हैं.
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इटली
9 हफ्ते बाद लोगों को तालाबंदी में थोड़ी ढील मिली है. देश के नागरिकों को बाहर घूमने और रिश्तेदारों के यहां जाने की इजाजत है. 40 लाख लोग निर्माण कार्य और फैक्ट्रियां में काम पर लौट गए हैं. हालांकि आइसक्रीम पार्लर और बार अभी खोलने की इजाजत नहीं है. लोगों के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य है.
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जर्मनी
जर्मनी भी हालात सामान्य करने में जुट गया है. देश के कुछ स्कूल और व्यापारिक केंद्र 4 मई से खुल गए हैं. नाई की दुकानें करीब दो महीने बाद खुल गई हैं. सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सख्त पाबंदी लगाई थी. रविवार को लोग नदी किनारे टहलते नजर आए.
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स्पेन
स्पेन ने भी लॉकडाउन में ढील दे दी है. यहां सोमवार 4 मई से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में फेस मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. 48 दिनों के लॉकडाउन के बाद शनिवार को लोग घरों से बाहर निकले और कसरत की. स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 18 मार्च के बाद पहली बार देश में कोविड-19 से सबसे कम मौत हुई है.
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हंगरी
स्लोवेनिया, पोलैंड और हंगरी में सार्वजनिक स्थलों और व्यवसायों को आंशिक रूप से दोबारा खोलने की इजाजत दी गई है. हंगरी में सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क अनिवार्य है. लेकिन कई पाबंदियां 4 मई से हटा ली गई हैं.
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भारत
भारत में लॉकडाउन का तीसरा चरण 4 मई से लागू हो गया है. सरकार ने कुछ गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दी है और कुछ गतिविधियां अब भी बंद हैं. देश की राजधानी दिल्ली में सरकारी और निजी दफ्तर खुल गए हैं. निजी दफ्तरों में 33 फीसदी अधिकतम कर्मचारी होंगे.
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ईरान
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने बीते दिनों ऐलान कर दिया था कि 4 मई से देश के बड़े हिस्सों में मस्जिदें दोबारा खोल दी जाएंगी. ईरान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है.
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मलेशिया
मलेशिया में कई व्यापारिक केंद्र खुल गए हैं. मलेशिया सरकार ने कोरोना वायरस के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ बिजनेस केंद्रों का खोलने का फैसला किया है. हालांकि इस कदम के बाद से सार्वजनिक रुख बंट गया है. लोगों का कहना है कि इस तरह से बिजनेस केंद्र खोलने से वायरस तेजी से फैल सकता है.
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वियतनाम
वियतनाम में 4 मई को छात्र तीन महीने बाद स्कूल लौटे. स्कूल आने पर उनके शरीर का तापमान मापा गया और फिर उसके बाद उन्हें स्कूल में दाखिल होने दिया गया. एक छात्र ने कहा, "मुझे बहुत खुशी हो रही है. घर पर रहना बहुत उबाऊ है."
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दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में भी लोग घरों से बाहर निकले और बाजार और रेस्तरां में जाकर मन पसंद काम किया. हालांकि लोग एहतियात बरतने के लिए मास्क पहनना और अन्य जरूरी सावधानी बरत रहे हैं.