भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कैम्ब्रिज एनालिटिका की मदद लेने का आरोप लगाया है. भारत सरकार ने फेसबुक को कड़ी चेतावनी भी दी है.
विज्ञापन
लोकतंत्र और फेसबुक यूजर्स की संख्या के लिहाज से भारत सबसे बड़ा देश है. भारत में 25 करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं. फेसबुक पर आरोप लग रहे हैं कि उसने पांच करोड़ लोगों का डाटा लीक किया. इस डाटा का इस्तेमाल अमेरिकी चुनावों और ब्रेक्जिट के दौरान किया गया. आरोपों के मुताबिक 2016 के राष्ट्रपति चुनावों से पहले अमेरिका में लाखों फेसबुक यूजर्स को ट्रंप का महिमामंडन करने वाली पोस्ट ही दिखाई जा रहीं थीं. ऐसा ही कुछ ब्रेक्जिट के दौरान भी हुआ. ब्रेक्जिट का समर्थन करने वालों को फेसबुक के लीक हुए डाटा से मदद मिली. अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में अब फेसबुक के खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है.
सरकार फेसबुक से क्यों मांग रही है डाटा
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपनी ट्रांसपैरेंसी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार ने कंपनी से साल 2017 में पिछले साल के मुकाबले 55 फीसदी अधिक डाटा मांगा. डाटा मांगने में अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है.
तस्वीर: Reuters
एकाउंट्स का जानकारी
फेसबुक की रिपोर्ट में साल 2017 की पहली छमाही का डाटा पेश किया गया है. इसके मुताबिक सरकार ने जनवरी-जून की अवधि में 9853 हजार एकाउंट्स की जानकारी मांगी. साल 2016 के मुकाबले इस मांग में 55 फीसदी का इजाफा हुआ है. पिछले साल यह मांग तकरीबन 6 हजार पर थी.
तस्वीर: picture-alliance/Zuma Press
बढ़ रही मांग
वहीं साल 2016 की दूसरी छिमाही में जुलाई से दिसंबर के दौरान तकरीबन 7200 एकाउंट्स का डाटा मांगा गया था. इससे साफ जाहिर है कि डाटा को लेकर सरकार की ओर से मांग लगातार बढ़ी है.
तस्वीर: Reuters
क्यों मांगी जानकारी
फेसबुक के मुताबिक भारत सरकार की ओर से कुल 9690 डाटा आवेदन कानूनी मामलों से जुड़े थे. इसके चलते 13 हजार यूजर्स के एकाउंट का एक्सेस भी मांगा गया. इसके अलावा सरकारी एजेंसियों ने 163 डाटा अनुरोध, इमरजेंसी में किये थे. साथ ही 262 डाटा एकाउंट का एक्सेस मांगा था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
आपराधिक मामले
फेसबुक को तमाम ऐसे अनुरोध भी प्राप्त हुए जिसमें किसी एकाउंट को सुरक्षित रखे जाने की बात कही गयी थी. ये अनुरोध आपराधिक मामलों की जांच से जुड़े थे. फेसबुक ने बताया कि उसे 1166 एकाउंट को सुरक्षित रखने और 1629 यूजर्स के एकाउंट का एक्सेस का अनुरोध मिला.
तस्वीर: Reuters
अमेरिका सबसे आगे
जानकारी मांगने में भारत, अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. अमेरिकी सरकार ने इस दौरान तकरीबन 32 हजार एकाउंट का डाटा और करीब 52 एकाउंट का एक्सेस मांगा. वहीं ब्रिटेन इस सूची में तीसरे स्थान पर है. ब्रिटेन ने 6 हजार यूजर का डाटा मांगा और तकरीबन 8 हजार एकाउंट का एक्सेस.
सामग्री से जुड़ी मांग
कंटेट से जुड़ी मांग फेसबुक के पास भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसी, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से आई. फेसबुक का कहना है कि मानहानि के स्थानीय कानूनों व धर्म कानूनों का उल्लंघन करने वाली सामग्री के मामले में अधिकतर बार ये अनुरोध उसे प्राप्त हुए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Maja Hitij
6 तस्वीरें1 | 6
असल में इन आरोपों की तह में फेसबुक और कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की कंपनी है. कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने एक क्विज ऐप की मदद से फेसबुक यूजर्स का डाटा हासिल किया. ऐप का इस्तेमाल करने वाले लोगों के फेसबुक मित्रों तक भी कैम्ब्रिज एनालिटिका पहुंच गई. फ्रेंड लिस्ट में शामिल इन यूजर्स से पूछे बिना कैम्ब्रिज एनालिटिका ने उनका फेसबुक डाटा हासिल किया. इस तरह कुल पांच करोड़ लोगों के डाटा में सेंध मारी गई.
भारत की कुछ राजनीतिक पार्टियों पर भी कैम्ब्रिज एनालिटिका की मदद लेने के आरोप लग रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को दोषी करार दे रहे हैं.
राजनीतिक बयानबाजी के बीच भारत सरकार ने फेसबुक और उसके संस्थापक मार्क जकरबर्ग को चेतावनी दी है. बुधवार को भारत के सूचना और प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "मिस्टर मार्क जकरबर्ग, बेहतर होगा कि आप ये ध्यान रखें कि भारत का आईटी मंत्री नजर बनाए हुए है. फेसबुक सिस्टम के साथ साठ गांठ कर अगर भारतीयों का कोई भी डाटा चुराया गया, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." चेतावनी भरे अंदाज में प्रसाद ने कहा, "आईटी एक्ट के तहत हमारे पास सख्त ताकत है. हम इसका इस्तेमाल करेंगे, आपको भारत में समन किया जाएगा."
प्रसाद ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवाएं लेने का आरोप भी लगाया. हालांकि आरोप लगाते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रसाद ने यह नहीं बताया कि वह किस आधार पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं. यह भी नहीं बताया गया कि इन आरोपों के बाद कैसी कड़ी कार्रवाई होगी. कांग्रेस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कैम्ब्रिज एनालिटिका की मदद बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी जेडीयू ने ली है. कांग्रेस ने भारत के चुनाव आयोग से इस मामले की जांच कराने की मांग की है.
भारत में पिछले कुछ सालों से फर्जी खबरों की बाढ़ सी आई हुई है. फेसबुक से लेकर व्हट्सऐप तक ऐसी फर्जी खबरें आए दिन दिखाई पड़ती हैं. दुनिया के कई देशों में फेक न्यूज से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जा चुके हैं, लेकिन भारत सरकार अब भी मोर्चे पर बेहद सुस्त दिखती है. बीजेपी पर फेक न्यूज का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "बीजेपी की फेक न्यूज फैक्ट्री ने आज एक और प्रोडक्ट बनाया है. ऐसा लगता है जैसे फर्जी बयान, फर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस और फर्जी एजेंडा बीजेपी और "कानूनहीन" कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के हर दिन के चरित्र का हिस्सा बन चुके हैं."
हालांकि फेक न्यूज का सहारा बीजेपी समर्थक दक्षिणपंथी संगठन और कांग्रेस व लेफ्ट समर्थक धड़ा भी खूब ले रहा है. सत्यता को बिना परखे बेवसाइटों पर कुछ भी छाप दिया जा रहा है. फेसबुक के सहारे ऐसी सूचनाएं वायरल हो रही हैं. कई यूजर्स इन्हें सही मान लेते हैं और गलत धारणाएं बनाने लगते हैं.
यह पहला मौका है जब डाटा सुरक्षा को लेकर फेसबुक पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं. फेसबुक ने खुद को बेकसूर बताते हुए सारी जिम्मेदारी कैम्ब्रिज एनालिटिका और क्विज ऐप पर डाली है. अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन ने मामले की जांच शुरू कर दी है. अगर फेसबुक दोषी पाया गया, तो उस पर अरबों डॉलर का जुर्माना लग सकता है. यूजर्स का भरोसा खोने का डर तो है ही.
फेसबुक के 11 राज
क्या बता सकते हैं फेसबुक का रंग नीला क्यों है? या उस अकाउंट के बारे में जिसे कभी ब्लॉक नहीं कर सकते. अगर कोई मर जाए तो उस अकाउंट का क्या होगा? जानिए फेसबुक के बारे में ऐसी 11 बातें जो आमतौर पर किसी को नहीं मालूम होतीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Berg
फेसबुक का नीला रंग
दुनिया में इतने रंग है लेकिन फेसबुक का रंग नीला ही क्यों? दरअसल फेसबुक का रंग नीला है क्योंकि फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख सकते हैं. मार्क जुकरबर्ग को रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है. एक रशियन टेलिविजन टॉक शो में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे वे सबसे बेहतर ढंग से देख सकता हूं. इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है.
तस्वीर: Reuters/T. White
जिसे ब्लॉक नहीं किया जा सकता
फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे कभी भी ब्लॉक नहीं किया जा सकता है. जी हां, ऐसा बिल्कुल संभव है. कोई हैरत की बात नहीं है कि वह प्रोफाइल खुद मार्क जुकरबर्ग की है. फेसबुक पर कोई भी व्यक्ति उन्हें ब्लॉक नहीं कर सकता. कोशिश करके देखिए.
तस्वीर: Getty Images/ Oscar Siagian
जुकरबर्ग को खोजना इतना आसान
अगर आप फेसबुक पर लॉग इन करके अपने होम पेज पर हैं तो उस वक्त आपका यूआरएल होता है https://www.facebook.com और दिलचस्प बात यह है कि अगर आप अपने इसी url के आगे बस /4 जोड़ देंगे तो आप सीधे मार्क जुकरबर्ग की वॉल पर पहुंच जाएंगे.
तस्वीर: Facebook/Mark Zuckerberg
दो देशों में फेसबुक बैन भी है
फेसबुक पर अरबों यूजर्स हैं जिनमें दुनिया के लगभग हर देश के लोग हैं. लेकिन सबसे दिलचस्प बात है कि फेसबुक चीन और उत्तर कोरिया दो देशों में बैन है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/epa/R. Khan
कोई मर जाए तो अकाउंट का क्या होता है?
यदि हमारी जान पहचान में कोई किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम फेसबुक पर इस बात की रिपोर्ट कर सकते हैं. फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक (memorialized account) बना देता है. इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है. इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता.
हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर
फेसबुक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं. फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती हैं. हर 60 सेकंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं. वहीं दूसरी ओर फेसबुक पर लगभग 9 करोड़ फेक प्रोफाइल्स हैं.
तस्वीर: picture-alliance/empics/D. Lipinski
लाइक की जगह था ये नाम
फेसबुक पर हर जगह लाइक का ऑप्शन दिखता है. वैसे फेसबुक पर इस ऑप्शन के बारे में काफी विवाद रहा. सबसे पहले इसका नाम 'AWESOME' रखा गया था. लेकिन इसे बाद में LIKE किया गया था.
तस्वीर: Imago/Pixsell/B. Filic
ये पोक क्या बला है?
फेसबुक पर एक फीचर है पोक. किसी की प्रोफाइल पर जाकर आप उसे पोक कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब क्या है? दरअसल कोई मतलब नहीं है. ये बस जैसे खेल के लिए है. यहां तक कि फेसबुक हेल्प सेंटर में भी आप पूछेंगे कि 'poke' का क्या मतलब है तो आपको कभी पता नहीं चलेगा. इस बारे में मार्क जुकरबर्ग कह चुके हैं कि उन्होंने सोचा था कि वे फेसबुक पर एक ऐसा फीचर बनाएंगे जो बेमतलब होगा. ये बस मस्ती के लिए बनाया गया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Sanogo
फेसबुक एक बीमारी
फेसबुक का एडिक्शन इन दिनों एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है. दुनियाभर में हर उम्र के लोग फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर यानी फेसबुक की लत से जूझ रहे हैं. इस बीमारी का संक्षिप्त नाम FAD है. इस वक्त दुनिया में लगभग कई करोड़ लोग FAD से ग्रसित हैं.
तस्वीर: Imago/TASS/K. Kuhkmar
खरीदा इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को
9 फेसबुक 2004 मार्च में शुरू हुआ और एक साल के भीतर ही इसने दस लाख यूजर्स जुटा लिए थे. जून 2009 तक यह इतना बढ़ चुका था कि यह अमेरिका की नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गयी. अप्रैल 2012 में फेसबुक ने इंस्टाग्राम और 2014 में वॉट्सऐप को भी खरीद लिया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Hase
कब क्या लॉन्च हुआ
फेसबुक ने सितंबर 2004 में "वॉल", सितंबर 2006 में "न्यूज फीड", फरवरी 2009 में "लाइक" बटन और सितंबर 2011 में टाइमलाइन फीचर लॉन्च किया.