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डिजिटल क्रांति के खतरे

१९ फ़रवरी २०१४

कंप्यूटर युग और डिजिटल क्रांति के दौर में जितनी संभावनाएं आई हैं, उतने ही खतरे और जोखिम भी पैदा हुए हैं. जर्मनी में बुधवार से विज्ञान वर्ष की शुरुआत हो रही है, जिसमें डिजिटल युग के मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा होगी.

Symbolbild - Landgericht Köln untersagt Volumen-Drosselung der Telekom
तस्वीर: Fotolia/Calado

जर्मनी की शिक्षा मंत्री योहाना वान्का का मानना है कि इंटरनेट पर निजता और गोपनीयता के लिए खास रिसर्च होनी चाहिए, "हमारे पूरे माहौल के लगभग सभी क्षेत्रों में डिजिटाइजेशन के साथ कई लोगों में डर और असुरक्षा का भाव पैदा हो गया है." विज्ञान वर्ष के दौरान आने वाले महीनों में पूरे जर्मनी में डिजिटाइजेशन और कंप्यूटर रिसर्च पर चर्चा होगी. इनमें इंटरनेट सुरक्षा, हैकरों से बचाव, सोशल नेटवर्क की अहमियत और मीडिया से जुड़े मामले होंगे.

हाल ही में खुलासा हुआ है कि अमेरिका की जांच एजेंसी एनएसए ने जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल सहित कई लोगों के टेलिफोन रिकॉर्ड किए थे. इस मामले पर वान्का का कहना है कि लोगों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने आंकड़े कहां दे रहे हैं.

शिक्षा मंत्री योहाना वान्कातस्वीर: Getty Images

विज्ञान वर्ष में हिस्सा लेने भारत सहित दुनिया भर के कंप्यूटर और डाटा तकनीक के जानकार यहां पहुंच रहे हैं. भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर विजय नटराजन भी बर्लिन में हो रहे खास आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं.

यान्का का कहना है कि किसी अहम रिसर्च में सिर्फ पैसे का ही ध्यान नहीं रखना है, "बल्कि इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे समाज पर क्या असर पड़ेगा." उनका कहना है कि डिजिटल रिसर्च के क्षेत्र में रिसर्च के दौरान विकास की संभावनाएं और जोखिम दोनों हैं और हो सकता है कि इससे सामाजिक और नैतिक चुनौतियां पैदा हों. मंत्री का कहना है कि इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि तकनीक और अन्वेषण कहां तक जाए क्योंकि "हम किसी शख्स के आर पार नहीं देखना चाहते हैं." उनका संकेत निजता की अति की ओर था.

यान्का ने अपील की कि युवाओं के साथ बुजुर्गों और बड़े उम्र के लोगों को भी विज्ञान वर्ष 2014 में हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि युवा लोग तो तकनीक से दो चार हो जाते हैं क्योंकि वे इसी के साथ पल बढ़ रहे हैं. लेकिन ज्यादा उम्र के लोगों के लिए ये चीजें नई हैं. उन्होंने कहा कि यह स्वभाविक है कि कुछ सावधानी के साथ डिजिटाइजेशन और तकनीक से रूबरू हुआ जाए लेकिन "ज्यादा उम्र के लोगों के लिए भी असीमित संभावनाएं" हैं.

एजेए/एमजे (एएफपी)

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