डीएनए पर असर करती है कसरत
१४ अक्टूबर २०१७इस सवाल का जवाब पाने में यह एक्सरसाइज मशीन मदद करेगी. ये वॉलंटीयर यहां तीन महीने तक हफ्ते में चार बार ट्रेनिंग करते हैं. सिर्फ एक पांव का इस्तेमाल कर. स्टॉकहोल्म के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट की मालेने लिंडहोल्म के लिए एक बात अहम है. टेस्ट के दौरान वॉलंटीयर सिर्फ एक पांव से एक्सरसाइज करेंगे. दूसरे पांव से कोई एक्सरसाइज नहीं होगी. स्पोर्ट्स फिजियोलॉजिस्ट मालेने के मुताबिक, "हम एक पांव वाली एक्सरसाइज इसलिए कर रहे हैं क्योंकि दोनों पांवों के जीन एक जैसे हैं. उन्हें एक जैसा खाना, एक सा तनाव और एक जैसा आराम मिलता है. सिर्फ ये ट्रेनिंग अलग होगी."
पैरों के जीन की जांच करने के लिए रिसर्चर मांसपेशियों की कोशिकाओं का सैंपल लेते हैं. एक एक्सरसाइज वाले पैर का, दूसरा एक्सरसाइज न करने वाले पैर का. मांसपेशियों के टिश्यू की जांच कर बायो केमिकल बदलाव का पता चलता है, उन इलाकों पर ध्यान देकर जो जीन को रेगुलेट करते हैं.
जांच के नतीजे चौंकाने वाले है. उन्होंने डीएनए में आए बदलावों की जानकारी दी. रिसर्चर भी नतीजों से हैरान हैं. मालेने लिंडहोल्म कहती हैं, "हमने देखा कि करीब 4000 जीनों की सक्रियता एक्सरसाइज के कारण बदल गयी. हमारे जीनोम में 20,000 जीन है. इसका मतलब हुआ कि 20 फीसदी जीनों में परिवर्तन हुआ."
नियमित इंड्योरेंस ट्रेनिंग की बदौलत 4000 जीनों की गतिविधियों में बदलाव हो सकता है. रिसर्चरों को एक्सरसाइज के कारण जीन की बदली हुई गतिविधियों के बड़े नेटवर्क का पता लगा. मांसपेशियों के विकास को सिर्फ जीन ही प्रभावित नहीं करते हैं. जीन मांसपेशियों में ऊर्जा की खपत, कार्बोहाइड्रेट और शुगर मेटाबोलिज्म के अलावा मोटापा पैदा करने वाले बॉडी फैट को भी प्रभावित करते हैं.
फ्रांचेस्को माराबिता बायोइंफॉर्मेटिक्स विशेषज्ञ हैं. उन्होंने बदले हुए जीन्स और शरीर में उनके फंक्शन पर खास नजर डाली. उन्होंने पाया कि जीनों ने स्वतंत्र रूप से कोई बदलाव नहीं किया बल्कि एक साथ मिलकर, एक दूसरे से जुड़े नेटवर्क के अंदर बदलाव किया. माराबिता इसकी तुलना फेसबुक से करते हैं, "वे साथ प्रतिक्रिया करते हैं, उनकी गतिविधि एक साथ हो तो वे एक जैसा काम करते हैं. उसके बाद उनकी गतिविधि वैसे ही होती है, जैसे फेसबुक पर आपके दोस्तों का एक नेटवर्क हो, जब वे एक तरह के लाइक करते हैं, वे एक जगह जाते हैं, इसका मतलब है कि उनके कई गुण भी एक जैसे हों."
इस तरह के नेटवर्क के दो उदाहरण. एक नेटवर्क मांसपेशियों की संरचना से. दूसरा कोशिकाओं को ऊर्जा देना वाला नेटवर्क. वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि कसरत से जीनों की हलचल में बदलाव आता है. लिंडहोल्म कहती हैं, "ये तथ्य है कि हम ट्रेनिंग जैसी सामान्य चीज और लाइफस्टाइल में थोड़े परिवर्तन के जरिये अपने बहुत सारे जीनों की गतिविधि में बदलाव ला सकते हैं और मिथाइलेशन और एपीजेनेटिक्स में भी जो इन जीनों को रेगुलेट करता है."
शरीर में एक जटिल जीन एक्टिवेशन प्रोग्राम होता है जो हमारी सेहत को फायदा पहुंचा सकता है. नियमित कसरत के जरिये उसे एक्टिवेट किया जा सकता है.
(घंटों बैठे रहने के लिए नहीं बना इंसान)
माइक शैफर/एमजे