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डीएमके मंत्रियों का इस्तीफा टला

७ मार्च २०११

भारत में केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद डीएमके ने नाटकीय घटनाक्रम में अपने छह मंत्रियों के इस्तीफे रोक लिए हैं. कांग्रेस के साथ पार्टी की लंबी चौड़ी बात चल रही है और फिलहाल उसने इस्तीफे न जमा करने का फैसला किया.

तस्वीर: UNI

सोमवार को दोनों ही पार्टियों के लिए बड़ा अफरा तफरी का दिन रहा, जहां सबसे बड़े स्तर पर बातचीत होती रही. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में एक प्रणब मुखर्जी ने फोन पर डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि से दो बार बात की. मुखर्जी ने उनसे अनुरोध किया कि बजट सत्र के दौरान वह मंत्रियों से इस्तीफा न देने को कहें और कांग्रेस को एक दिन का वक्त दें ताकि मामले को हल कर लिया जाए.

तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री और डीएमके के कोषाध्यक्ष एमके स्टालिन ने चेन्नई में बताया, "प्रणब मुखर्जी ने आज दिन में दो बार हमारे नेता एम करुणानिधि को फोन किया. कांग्रेस ने एक दिन की मोहलत मांगी है. इसलिए सरकार से मंत्रियों का इस्तीफा कल तक के लिए टाल दिया गया है."

डीएमके की नेता काणीमोझी ने भी बताया कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी लंबी चौड़ी बातचीत में लगी हुई है और सिर्फ मंगलवार को ही कोई तस्वीर साफ हो पाएगी. नई दिल्ली में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद डीएमके नेता दयानिधि मारन से बातचीत की, जिसके बाद स्थिति में अचानक बदलाव आ गया. इस बैठक में कांग्रेस के तमिलनाडु प्रभारी गुलाम नबी आजाद, सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और गृह मंत्री पी चिदंबरम भी शामिल हुए.

दयानिधि मारन और एमके अलागिरी सहित डीएमके के छह मंत्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपने वाले थे. लेकिन इससे ठीक पहले चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी की मुलाकात हुई. इसके बाद मुखर्जी ने करुणानिधि से बात की.

सूत्रों का कहना है कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए डीएमके ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस को 60 से ज्यादा सीटें नहीं दे सकती लेकिन उसकी मर्जी की सीटें दी जा सकती हैं. रविवार रात मुखर्जी ने डीएमके के टीआर बालू से बात की और उनसे कहा कि करुणानिधि से कहा जाए कि मंत्रियों के इस्तीफे न हों. हालांकि बालू ने कहा कि इस फैसले को पलटा नहीं जा सकता है.

चेन्नई में जमा डीएमके के छह मंत्री सोमवार सुबह दिल्ली पहुंचे, जहां उन्हें प्रधानमंत्री से मिल कर इस्तीफा देना था. उनकी मुलाकात सुबह से टाल कर शाम को कर दी गई और बाद में पूरे दिन के लिए रद्द कर दी गई. कांग्रेस सूत्रों ने दिल्ली में इस बात का संकेत दिया है कि दोनों पार्टियों के बीच सुलह का रास्ता निकल सकता है. उन्होंने सरकार पर किसी खतरे की संभावना से इनकार किया है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा, "क्या आपने कभी देखा है कि किसी एक राज्य में तीन विधानसभा सीटों को लेकर दो पार्टियों में झगड़ा होता है और फिर सरकार गिर जाती है." तमिलनाडु विधानसभा के लिए कांग्रेस 63 सीट मांग रही है, जबकि डीएमके सिर्फ 60 सीट देने को तैयार है.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मंगलवार रात तक मामले को सुलझा लिया जाएगा. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस एआईएडीएमके के साथ तालमेल पर विचार कर सकती है, तो उन्होंने कहा कि वह कयासबाजियों का जवाब नहीं देंगे.

कांग्रेस की तरफ से पार्टी महासचिव और तमिलनाडु मामलों के प्रभारी गुलाम नबी आजाद डीएमके नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. लेकिन सीटों को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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