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डेनमार्क ओपन की विजेता बनी साइना

२२ अक्टूबर २०१२

भारत की साइना नेहवाल ने डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर ट्रॉफी जीत ली है. लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद 22 साल की साइना पहली बार किसी टूर्नामेंट में खेलीं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

35 मिनट चले मुकाबले में साइना ने जर्मन खिलाड़ी शेंक को 21-17 और 21-8 से हराया. साइना को इस जीत से 30 हजार डॉलर की रकम इनाम में हासिल हुई है. जीत के बाद साइना ने कहा, "मैं डेनमार्क और यहां के भारतीय प्रशंसकों को धन्यावद देती हूं. मुझे इस टूर्नामेंट में जीत की कोई उम्मीद नहीं थी."

गलती से फायर अलार्म बज जाने की वजह से मैच थोड़ी देर से शुरू हुआ. दोनों खिलाड़ी कोर्ट के दोनों सिरों पर इंतजार करते रहे. इस दौरान साइना की प्रतिद्वंद्वी शेंक के चेहरे पर एक बेचैनी साफ देखी जा सकती थी जबकि अंपायर के बगल में खड़ी साइना के चेहरे पर साफ साफ आत्मविश्वास झलक रहा था. साल का चौथा फाइनल खेल रही साइना ने अपने चिर परिचित क्रॉस स्मैश से शुरुआत में ही हमला बोल दिया जिसका शेंक के पास कोई जवाब नहीं था. साइना ने महज 3 मिनट में ही स्कोर 8-2 पर पहुंचा दिया जिसमें पांच स्मैश प्वाइंट शामिल थे. हालांकि शेंक ने इसके बाद 9-9 से मुकाबले को एक वक्त बराबरी पर पहुंचा कर साइना को रक्षात्मक स्थिति में पहुंचा दिया था.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

शेंक ने साइना को काबू में रखने के लिए उन्हें नेट के करीब रखने की रणनीति अपनाई जो बहुत हद तक कारगर भी रही. इसी के दम पर शेंक एक बार 10-9 से साइना के आगे निकलने में भी कामयाब रहीं. हालांकि साइना ने वापसी की और अपने स्मैश का बेसलाइन शॉट्स की धार से स्कोर को जल्दी ही अपने पक्ष में 15-12 कर लिया. दोनों के बीच फासला बहुत ज्यादा नहीं था लेकिन साइना ने थोड़ी तेजी दिखाई और नतीजा उनके पक्ष में गया पहला मुकाबला साइना ने 19 मिनट में अपने नाम लिया. दूसरे गेम में शेंक ने भी अपना बेसलाइन बेहतर किया. हालांकि साइना फिर भी 11-7 से आगे थीं लेकिन इस मोड़ पर उन्होंने कुछ गलतियां की और शेंक को आगे बढ़ने का मौका दिया. हालांकि उसके बाद साइना ने पसीना पोंछ कर वापसी की और फिर शेंक को कोई मौका नहीं दिया. पिछले साल शेंक से हार का मुंह देखने वाली साइना ने इस बार हिसाब बराबर कर लिया. डेनमार्क की जीत के बाद शेंक के खिलाफ साइना का रिकॉर्ड बेहतर हो कर 6-3 पर पहुंच गया है.

तस्वीर: picture alliance / dpa

टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी यिहान वांग को हराने वाली साइना ने कहा, "ओलंपिक के बाद मैंने बहुत कुछ किया है जिसके कारण मैं तरोताजा हो गई हूं लेकिन हर टूर्नामेंट कठिन होता है. मेरा दायां घुटना बिल्कुल ठीक नहीं है लेकिन भगवान का शुक्र है जिसने मुझे इतनी ऊर्जा दी की मैं जीत सकूं.

इस विजय ने भारत की बैडमिंटन स्टार की झोली में एक और बड़ी जीत डाल दी है. इस से पहले वह इस साल स्विस ओपन का अपना खिताब भी बचाए रखने में कामयाब रही हैं. जून में साइना ने थाइलैंड ओपन ग्रां प्री गोल्ड टाइटल जीता और फिर इसके बाद इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर.

एनआर/ओएसजे (पीटीआई, रॉयटर्स)

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