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डेविस मामले की सुनवाई टली, अमेरिकी दबाव कायम

२५ फ़रवरी २०११

पाकिस्तानी अदालत ने हत्या के आरोपी अमेरिकी नागरिक रेमंड डेविस के मुकदमे को 3 मार्च तक टाल दिया है और उसकी रिहाई की अमेरिकी मांग को खारिज कर दिया है. अमेरिका ने फिर डेविस को अपना राजनयिक बताया है.

तस्वीर: AP

सीआईए के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले डेविस ने पिछले महीने लाहौर में दो लोगों की हत्या कर दी. डेविस के मुताबिक उसने अपने बचाव में गोली चलाई क्योंकि वे लोग उसे लूटना चाहते थे. अमेरिका का कहना है कि डेविस को राजनयिक होने के नाते संरक्षण प्राप्त है और उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. इस मामले ने पाकिस्तान में अमेरिका विरोधी भावनाओं को और भड़का दिया है. दोनों देशों के रिश्ते इस्लामी चरमपंथियों पर कार्रवाई को लेकर पहले ही तनाव का शिकार हैं.

डेविस को सजा देने की मांगतस्वीर: AP

डेविस की गोली से मरने वाले लोगों के परिवारों के वकील असद मंजूर बट ने कहा, "डेविस ने कहा कि उसे संरक्षण दिया जाना चाहिए. इस बारे में और चर्चा अगले महीने सुनवाई के दौरान होगी." अमेरिकी सरकार के लिए विशेष सुरक्षा अधिकारी रहे डेविस पर दोहरे हत्याकांड के आरोप लगे हैं जिनके साबित होने पर मौत की सजा भी हो सकती है.

बेबस सरकार

अमेरिकी दवाब के बावजूद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की सरकार इस मामले में अदालती फैसले का इंतजार करने से सिवा कुछ नहीं कर सकती है क्योंकि घरेलू मोर्चे पर लोगों में इस मुद्दे पर काफी गुस्सा है. लाहौर की कोट लखपत जेल के पास एक फैक्ट्री में काम करने वाले मुजम्मिल मुख्तार कहते हैं, "उसके साथ वहीं सलूक होना चाहिए जो उसने पाकिस्तानियों से किया है. हमें अमेरिका से रिश्तों की परवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे तो कभी अच्छे नहीं रहे." डेविस को 11 फरवरी से कोट लखपत जेल में रखा गया है.

लाहौर की घटना के बाद से कई प्रदर्शन हुए हैं जिनमें डेविस के पुतलों के साथ अमेरिकी झंडे भी जलाए गए हैं. खुद डेविस की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. उसे फिलहाल कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. अमेरिकी कॉन्सुलेट जनरल कारमेला ए कॉनरॉय ने शुक्रवार को डेविस के मामले की सुनवाई में हिस्सा लिया.

डेविस को लेकर इस वक्त दो मुकदमे चल रहे हैं. इनमें से एक दो पाकिस्तानियों की हत्या से जुड़ा है तो दूसरे मामले में लाहौर हाई कोर्ट को 14 मार्च को यह तय करना है कि डेविस को राजनयिक संरक्षण प्राप्त है या नहीं. पाकिस्तान सरकार के लिए डेविस का मामला कड़ी परीक्षा साबित हो रहा है. कई अमेरिकी सांसद धमकी दे चुके हैं कि अगर डेविस को रिहा नहीं किया जाता है तो पाकिस्तान को मिलने वाली सालाना 3 अरब डॉलर की नागरिक और सैन्य मदद रोक दी जाएगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

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