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डॉक्टर को जेल भेजने से नाराज अमेरिका

२४ मई २०१२

अमेरिका इस बात से नाराज है कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन के ठिकाना का पता लगाने में अमेरिका की मदद करने वाले डॉक्टर को जेल भेजने का फैसला लिया. पाक ने कहा फैसले का आदर करे अमेरिका.

तस्वीर: dapd

पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को शकील अफरीदी नाम के डॉक्टर को कैद की सजा सुनाई क्योंकि उसने ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद की. अमेरिका ने पाकिस्तान के इस कदम पर नाराजगी जताई है और मदद राशि में कटौती की चेतावनी दी है.

पाकिस्तान का इल्जाम है कि डॉक्टर अफरीदी ने बिना पाकिस्तान सरकार की अनुमति के अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की मदद की, जो कि गैरकानूनी है.

पहले ही पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते पिछले दो साल से नाजुक चल रहे हैं. अमेरिका इस से पहले भी पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद की राशि में कटौती ला चुका है. अब एक बार फिर ऐसी चेतावनी मिलना पाकिस्तान पर भारी पड़ सकता है.

कबायली कानून

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोअजम अली खान ने कहा है कि अमेरिका को पाकिस्तान के फैसले का सम्मान करना चाहिए, "मुझे लगता है कि जहां तक अफरीदी के मामले की बात है तो उसका फैसला पाकिस्तान के कानून के अनुरूप हुआ है और हमें एक दूसरे की न्याय प्रणाली का सम्मान करने की जरूरत है."

डॉक्टर शकील अफरीदीतस्वीर: dapd

पाकिस्तान की अदालत ने अफरीदी को 33 साल की कैद की सजा सुनाई और तीन लाख बीस हजार का जुर्माना भरने को भी कहा. अधिकारियों के अनुसार अफरीदी को वकील की मदद लेने की भी अनुमति नहीं दी गई. हालांकि उसे अदालत में अपनी बात कहने का एक मौका दिया गया. अफरीदी फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है. यह सजा कबायली कानून के आधार पर सुनाई गई है. आलोचकों का कहना है कि मामला कबायली इलाके के बाहर का है, इसलिए इस तरह के कानून का इस्तेमाल गलत तरह से किया गया है.

तनाव बढ़ा

पेंटागन ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा है, "जो व्यक्ति ओसामा बिन लादेन को पकड़वाने में अमेरिका की मदद कर रहा हो, वह पाकिस्तान के नहीं, बल्कि अल कायदा के खिलाफ काम कर रहा है." अमेरिकी सांसदों कार्ल लेविन और जॉन मैक केन ने अफरीदी की फौरन रिहाई की मांग की है. अपने बयान में उन्होंने कहा, "डॉक्टर अफरीदी ने जो किया उसका दूर दूर तक देशद्रोह के साथ कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने जो किया उसमें उनका साहस और देशभक्ति नजर आती है."

पाकिस्तान ने अब तक अमेरिका की चेतावनी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. गौरतलब है कि पाकिस्तान की अदालत का यह फैसला शिकागो शिखर सम्मलेन के ठीक दो दिन बाद आया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को साथ देखा गया.

आईबी/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)

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