यौन उत्पीड़न मामले में अमेरिका के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी क्लीनिक के डॉक्टर के खिलाफ चल रही अदालती कार्यवाही में अब पीड़िताएं लाइवस्ट्रीमिंग और ट्वीट के जरिए भाग ले सकेंगी.
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अमेरिकी जिम्नास्टिक टीम के पूर्व डॉक्टर लैरी नस्सार के मामले में मिशिगन की कोर्ट ने कहा है कि नस्सार के यौन उत्पीड़न का शिकार होने वाली महिलाओं और लड़कियों की संख्या अब तक 265 पर पहुंच गई है. अभियोजन पक्ष के मुताबिक इस डॉक्टर का शिकार हुई 65 महिलाएं तीन अलग-अलग मामलों में अब उसके खिलाफ गवाही देने के लिए तैयार हो गई हैं. जिम्नास्टिक टीम के इस डॉक्टर पर पिछले दो दशकों से मेडिकल ट्रीटमेंट के नाम पर लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था. 54 साल के नस्सार को पिछले हफ्ते मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी क्लीनिक में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया और अदालत ने 40 से 175 सालों की सजा सुनाई. इसके पहले चाइल्ड पोनोग्राफी के मामले में इस डॉक्टर को 60 साल की सजा सुनाई गई थी.
पिछले दो हफ्ते में करीब 150 लड़कियों ने अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार की बात सामने रखी है. इस मामले का अमेरिकी खेल जगत पर बड़ा असर हुआ है और इस बीच तमाम लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो काफी मामलों में जांच के आदेश दिए गए.
मिशिगन के शार्लोट में एक छोटे से कोर्टरूम में चल रही इस सुनवाई में अदालत ने कहा कि "265 से अधिक पीड़िताओं की पहचान की गई है और राज्य, देश एवं दुनिया में पीड़िताओं की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए लाइव स्ट्रीमिंग, ट्वीट आदि को शामिल किया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें." 17 साल की एक पीड़ित लड़की ने लैरी नस्सार को दुनिया का सबसे दुष्ट अपराधी कहा. इस याचिका के तहत नस्सार को कम से कम 25 से 40 सालों की जेल हो सकती है. यह मामला मिशिगन के ट्विस्टर्स जिम्नास्टिक्स क्लब का है. अमरीकी ओलंपिक समिति ने देश के पूरे जिमनास्टिक बोर्ड से इस्तीफे की मांग की थी. साथ ही कहा है या तो बोर्ड इस्तीफा दे या फिर उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.
एए/एनआर (एएफपी)
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले
बलात्कार और हत्या जैसे मामले हर बार इन मुद्दों पर नई बहस खड़ी करते हैं. इस मामले में आंकड़े भी कहते हैं कि स्थिति बहुत ही भयानक है. पढ़िए कि हाल के सालों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कितने मामले दर्ज किये गये हैं.
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सामाजिक दबाव
2015 में भारत में महिलाओं से बलात्कार के 34651 मामले सामने आए थे. लेकिन ऐसे मामलों की संख्या भी कम नहीं जिनमें समाजिक दबाव के चलते बलात्कार के मामले पुलिस में दर्ज नहीं कराये जाते.
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बलात्कार के प्रयास
इसी तरह 2015 में बलात्कार के प्रयास के 4434 मामले दर्ज किये गये थे. 2014 में इस तरह के 4232 मामले सामने आये थे. 2014 की तुलना में इन आंकड़ों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी.
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अपहरण
अपहरण के मामलों में 2014 की तुलना में 2015 में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2015 में महिलाओं के अपहरण के 59277 मामले दर्ज किये गये. वहीं 2014 में यह आंकड़ा 57311 मामलों का था.
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दहेज
दहेज के चलते हुई मौतों का आंकड़ा 2015 में 7,634 था. 2014 में दहेज के चलते मौतों के 8455 मामले दर्ज हुए थे. इस कमी के बावजूद हर साल महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के कुल आंकड़े बढ़ ही रहे हैं.
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छेड़खानी
छेड़खानी के मामलों का आंकड़ा काफी बड़ा है. साल 2015 में महिलाओं से छेड़खानी के 82,422 मामले दर्ज हुए. इसमें तेज वृद्धि हुई है. यह आंकड़ा 2011 में 42,968 मामलों का था.
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घरेलू हिंसा
सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा के दर्ज हुए. इस मामले में 2015 में 1,13,403 मामले दर्ज किये गये. यही आंकड़ा 2011 में 99,135 का रहा. रिपोर्ट के अनुसार घरेलू हिंसा के मामले हर साल बढ़ रहे हैं.
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हिंसा के मामले
गृह मंत्रालय की 2016-17 की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कुल 3,27,394 मामले दर्ज किए गए थे. जबकि 2011 में इनकी तादाद 2,28,650 थी.
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वैवाहिक बलात्कार
महिला संगठन वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाना चाहती हैं, जबकि भारत सरकार का कहना है कि ऐसा करने से महिलाओं को पतियों को तंग करने का हथियार मिल जायेगा.