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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

डॉनल्ड ट्रंप के घर क्यों पड़ा एफबीआई का छापा

९ अगस्त २०२२

अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के मार-आ-लागो एस्टेट पर छापा मारा है. एफबीआई यह पता लगाना चाहती है कि क्या ट्रंप व्हाइट हाउस के गोपनीय दस्तावेज अपने साथ घर ले गये हैं.

डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका के लिये इसे "काला समय" कहा है
डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका के लिये इसे "काला समय" कहा हैतस्वीर: DW

अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ जांच पहले से ही चल रही है. डॉनल्ड ट्रंप ने एक लंबा बयान जारी कर उनके घर पर पड़े छापों की जानकारी दी है. ट्रंप ने बताया है कि एफबीआई एजेंटों ने उनके घर के सेफ खोले हैं. उन्होंने एफबीआई की कार्रवाई को "अघोषित छापा" करार देते हुए इसे "अभियोगात्मक कदाचार" जैसा बताया है.

डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है, "यह हमारे देश के लिये काला समय है, जब फ्लोरिडा के पाम बीच पर मार-आ-लागो के मेरे खूबसूरत घर पर छापा पड़ा और बड़ी संख्या में एफबीआई के एजेंटों ने उस पर कब्जा कर लिया. अमेरिका के किसी राष्ट्रपति के साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ."

यह भी पढ़ेंः क्या फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बन सकते हैं डॉनल्ड ट्रंप

गोपनीय दस्तावेज

इस साल की शुरुआत में गोपनीय दस्तावेजों से भरे दर्जनों बक्से मार-आ-लागो एस्टेट के पास मिले थे. इसी सिलसिले में चल रही जांच में अब तेजी आ गई है. अधिकारी ये पता लगाने की कोशिश में हैं कि क्या इन गोपनीय दस्तावेजों के यहां पहुंचने के पीछे पूर्व राष्ट्रपति की कोई भूमिका है. यह सब कुछ ऐसे वक्त में हो रहा है जब डॉनल्ड ट्रंप पर 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को कथित तौर पर पलटने की कोशिशों के खिलाफ ग्रैंड ज्यूरी की जांच चल रही है. ट्रंप ने चुनाव में हार को स्वीकार करने से मना कर दिया था. फिलहाल वो  राष्ट्रपति पद के अगले चुनाव में उम्मीदवारी पाने की कोशिशों में जुटे हैं.

ट्रंप के घर के पास गोपनीय दस्तावेज मिले थेतस्वीर: Eva Marie Uzcategui/Getty Images

ट्रंप के चार साल के शासन के दौरान भी एफबीआई और संसदीय कमेटियां उनके खिलाफ जांच कर रही थीं. सोमवार की रात एक बार फिर यह कहानी उसी ओर जाती दिखी. ट्रंप और उनके सहयोगियों का कहना है कि यह कार्रवाई को क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का नतीजा है. उन्होंने इसे डेमोक्रैटिक पार्टी की ओर से उन्हें 2024 के चुनाव जीतने से रोकने की कोशिश करार दिया है.

व्हाइट हाउस को जानकारी नहीं

उधर व्हाइट हाउस का कहना है कि उन्हें इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी. एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर व्रे को पांच साल पहले डॉनल्ड ट्रंप के शासन में ही नियुक्त किया गया था. वे रिपब्लिकन पार्टी के नेतृत्व वाले न्याय विभाग में ऊंचे पद पर रह चुके हैं.

ट्रंप का कहना है, "सरकारी एजेंसियों के साथ काम करने और सहयोग करने के बावजूद मेरे घर पर यह अघोषित छापा ना तो जरूरी था ना ही उचित."

ट्रंप के घर के पास गोपनीय दस्तावेज मिले थेतस्वीर: Eva Marie Uzcategui/Getty Images

न्याय विभाग के प्रवक्ता ने इस छापे पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया. प्रवक्ता ने यह भी नहीं बताया कि क्या अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने निजी तौर पर इसकी अनुमति दी थी.

क्या अपराध हुआ है?

ट्रंप ने खुद तो नहीं बताया कि इन छापों का आधार क्या है, लेकिन न्याय विभाग उनके खिलाफ गोपनीय जानकारियों को ठीक से संभाल कर नहीं रखने के आरोपों की जांच कर रहा है. नेशनल अर्काइव्स एंड रिकॉर्ड्स एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि उसे मार-आ-लागो इस्टेट के पास से गोपनीय दस्तावेजों के 15 बक्से इस साल की शुरुआत में मिले थे. नेशनल अर्काइव्स का कहना है कि ट्रंप ने पद से हटने पर इन दस्तावेजों को फेंक दिया होगा. नेशनल अर्काइव्स ने ही न्याय विभाग को इसकी जांच करने के लिये कहा. 

अमेरिका में गोपनीय दस्तावेजों के प्रशासन और देखभाल से जुड़े बहुत सारे संघीय कानून हैं. इस तरह के दस्तावेजों को बाहर ले जाना और गैरआधिकारिक जगहों पर रखना भी अपराध है. सर्च वारंट का मतलब किसी अपराध का आरोप नहीं है लेकिन इसके जरिये संघीय अधिकारी जज को यह दिखाना चाहते हैं कि वास्तव में किसी अपराध के होने की पूरी आशंका है.

एनआर/आरपी (एपी, एएफपी)

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