डॉनल्ड ट्रंप ने कश्मीर को लेकर फिर की मध्यस्थता की बात
२१ अगस्त २०१९
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की बात को दोहराते हुए कहा कि वो इस हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर कश्मीर पर बात करेंगे. अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद कश्मीर से पहली मुठभेड़ की खबर आई है.
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20 अगस्त को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कश्मीर का जिक्र किया. कश्मीर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि वो कश्मीर में शांति बहाली की कोशिश में लगकर खुश हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर में धर्म भी एक बड़ा मसला है जिसकी वजह से ये समस्या चलती आ रही है. ट्रंप ने 18 अगस्त को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात की थी.
कश्मीर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, "कश्मीर एक बहुत जटिल जगह है. वहां पर हिंदू भी हैं और मुस्लिम भी हैं. मैं नहीं कहूंगा कि वहां अब तक सब सही चलता आया है. इसलिए आज ऐसा है. वहां पर दोनों तरफ लाखों लोग ऐसे हैं जो किसी और का शासन चाहते हैं. दोनों देश इस मुद्दे की वजह से ठीक से नहीं रह सके हैं. साफ तौर पर आज वहां बहुत विस्फोटक स्थिति बनी हुई है."
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से हाल में बात की है. उनके मुताबिक, "दोनों मेरे अच्छे दोस्त हैं. वे दोनों महान लोग हैं जो अपने-अपने देश से प्रेम करते हैं. कश्मीर में एक मुश्किल परिस्थिति बनी है. दशकों से ये समस्या चलती आ रही है. वहां पर गोलियां चलती रही हैं. ये बहुत लंबे समय से चला आ रहा है. लेकिन मेरी उन दोनों से अच्छे से बात हुई है. इमरान खान कुछ दिन पहले यहां आए थे."
ट्रंप ने कहा कि वह जल्द फ्रांस में पीएम मोदी से मिलेंगे और कश्मीर पर बात करेंगे. उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी से मैं इस सप्ताह फ्रांस में जी7 सम्मेलन में मिलूंगा. हम स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. उन दोनों देशों के बीच में बहुत सारी समस्याएं हैं लेकिन मैं दोनों के बीच मध्यस्थता करने की सारी कोशिशें करूंगा. दोनों मेरे दोस्त हैं लेकिन आपस में दोस्त नहीं हैं. धर्म का इससे बहुत लेना देना है. धर्म एक जटिल मुद्दा है."
इमरान खान से अमेरिका में मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी को मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि भारत ने ऐसे किसी भी प्रस्ताव से इंकार किया था. 19 अगस्त को ट्रंप और मोदी के बीच हुई बातचीत कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद पहली बातचीत थी. इसके बाद इमरान खान ने भी ट्रंप से बात की.
इस बातचीत के बाद व्हाइट हाउस से जारी बयान के मुताबिक ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं को शांति बनाए रखने की सलाह दी. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से बात की और कश्मीर को भारत का आंतरिक मसला बताया. फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यौं-ईस ले द्रियों ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात की और शांति बनाए रखने की अपील की. फ्रेंच विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों को बातचीत से इस मुद्दे का हल निकाल कर शांति स्थापित करनी चाहिए. फ्रांस का कहना है कि जी 7 सम्मेलन में मोदी से मिलकर फ्रेंच राष्ट्रपति माक्रों भी कश्मीर पर बात करेंगे.
20 अगस्त को पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि कश्मीर के मुद्दे को लेकर वो दा हेग के अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का रुख करेगा. पिछले सप्ताह पाकिस्तान के आग्रह के बावजूद यूएन सुरक्षा परिषद कश्मीर के मुद्दे पर औपचारिक रूप से चर्चा करने पर सहमत नहीं हुई. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाने की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने एनडीटीवी से कहा, "हर देश के पास अपने विकल्पों का इस्तेमाल करने का अधिकार है. हमारे पास भी कई सारे विकल्प हैं. अगर वो अलग-अलग मंचों पर इस सवाल को उठाएंगे तो हम अलग-अलग मंचों पर उन्हें जवाब देंगे. ये उनकी सहूलियत का मामला है. वो पहले भी एक बार विफल प्रयास कर चुके हैं."
कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद कश्मीर में पहली मुठभेड़ की खबरें भी आई हैं. इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और एक चरमपंथी के मारे जाने की खबर है. वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी गोलीबारी हुई है. भारतीय न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पाकिस्तानी गोलीबारी में एक भारतीय सिपाही की मौत और चार अन्य सिपाही घायल हुए हैं. वहीं पाकिस्तान का कहना है कि भारत की ओर से की गई गोलाबारी में तीन पाकिस्तानी नागरिक मारे गए हैं.
आजादी के बाद से ही कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक फांस बना हुआ है. कश्मीर के मोर्चे पर कब क्या क्या हुआ, जानिए.
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1947
बंटवारे के बाद पाकिस्तानी कबायली सेना ने कश्मीर पर हमला कर दिया तो कश्मीर के महाराजा ने भारत के साथ विलय की संधि की. इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया.
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1948
भारत ने कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया. संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 47 पास किया जिसमें पूरे इलाके में जनमत संग्रह कराने की बात कही गई.
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1948
लेकिन प्रस्ताव के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर से सैनिक हटाने से इनकार कर दिया. और फिर कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया.
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1951
भारतीय कश्मीर में चुनाव हुए और भारत में विलय का समर्थन किया गया. भारत ने कहा, अब जनमत संग्रह का जरूरत नहीं बची. पर संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने कहा, जनमत संग्रह तो होना चाहिए.
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1953
जनमत संग्रह समर्थक और भारत में विलय को लटका रहे कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर की नई सरकार ने भारत में कश्मीर के विलय पर मुहर लगाई.
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1957
भारत के संविधान में जम्मू कश्मीर को भारत के हिस्से के तौर पर परिभाषित किया गया.
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1962-63
चीन ने 1962 की लड़ाई भारत को हराया और अक्साई चिन पर नियंत्रण कर लिया. इसके अगले साल पाकिस्तान ने कश्मीर का ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट वाला हिस्सा चीन को दे दिया.
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1965
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ. लेकिन आखिर में दोनों देश अपने पुरानी पोजिशन पर लौट गए.
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1971-72
दोनों देशों का फिर युद्ध हुआ. पाकिस्तान हारा और 1972 में शिमला समझौता हुआ. युद्धविराम रेखा को नियंत्रण रेखा बनाया गया और बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति हुई.
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1984
भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण कर लिया, जिसे हासिल करने के लिए पाकिस्तान कई बार कोशिश की. लेकिन कामयाब न हुआ.
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1987
जम्मू कश्मीर में विवादित चुनावों के बाद राज्य में आजादी समर्थक अलगाववादी आंदोलन शुरू हुआ. भारत ने पाकिस्तान पर उग्रवाद भड़काने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया.
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1990
गवकदल पुल पर भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 100 प्रदर्शनकारियों की मौत. घाटी से लगभग सारे हिंदू चले गए. जम्मू कश्मीर में सेना को विशेष शक्तियां देने वाले अफ्सपा कानून लगा.
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1999
घाटी में 1990 के दशक में हिंसा जारी रही. लेकिन 1999 आते आते भारत और पाकिस्तान फिर लड़ाई को मोर्चे पर डटे थे. कारगिल की लड़ाई.
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2001-2008
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोशिशें पहले संसद पर हमले और और फिर मुबई हमले समेत ऐसी कई हिंसक घटनाओं से नाकाम होती रहीं.
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2010
भारतीय सेना की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत पर घाटी उबल पड़ी. हफ्तों तक तनाव रहा और कम से कम 100 लोग मारे गए.
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2013
संसद पर हमले के दोषी करार दिए गए अफजल गुरु को फांसी दी गई. इसके बाद भड़के प्रदर्शनों में दो लोग मारे गए. इसी साल भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मिले और तनाव को घटाने की बात हुई.
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2014
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गए. लेकिन उसके बाद नई दिल्ली में अलगाववादियों से पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मुलाकात पर भारत ने बातचीत टाल दी.
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2016
बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में आजादी के समर्थक फिर सड़कों पर आ गए. अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और गतिरोध जारी है.
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2019
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 46 जवान मारे गए. इस हमले को एक कश्मीरी युवक ने अंजाम दिया. इसके बाद परिस्थितियां बदलीं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है.
तस्वीर: Reuters/Y. Khaliq
2019
22 जुलाई 2019 को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता करने की मांग की. लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझेगा.
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2019
5 अगस्त 2019 को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया. इस संशोधन के मुताबिक अनुच्छेद 370 में बदलाव किए जाएंगे. जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. लद्दाख को भी एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. धारा 35 ए भी खत्म हो गई है.