विजेता बना डॉर्टमुंड
१४ अगस्त २०१४बार्यन म्यूनिख ने टीम में कई बड़े बदलाव किए. अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का मिक्स तैयार किया. बायर्न के कोच पेप गुआर्डिओला को लगा कि मानुएल नॉयर, जेरोम बोआटेंग और थोमास मुलर, अल्बा, रॉबर्ट लेवांडोवस्की और शकीरी जैसे दिग्गज मैच को अपनी पकड़ में बनाए रखेंगे. मारियो गोएत्से और लेवांडोवस्की तो अपने ही पूर्व क्लब के खिलाफ मैदान पर थे.
डॉर्टमुंड की टीम भी अपने नए कप्तान और यूरोप के बेस्ट सेंट्रल डिफेंडर कहे जाने वाले माट्स हुमेल्स और जबरदस्त स्ट्राइकर मार्को रॉयस के बिना मैदान पर उतरी. टीम में कोई बहुत बड़ा नाम नहीं था. लेकिन इसके बावजूद दस मिनट बाद ही डॉर्टमुंड ने खेल को अपने नियंत्रण में लेना शुरू कर दिया.
जबरदस्त डिफेंस, पास तोड़ने और तेज जबावी हमलों के लिए मशहूर डॉर्टमुंड ने बायर्न के गोल पर कई करारे शॉट मारे. इस साल फुटबॉल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और बायर्न के गोलकीपर मानुएल नॉयर ने ज्यादातर शॉट बेहतरीन ढंग से बचाए लेकिन अकेला गोलकीपर कब तक जूझता.
23वें मिनट में जबरदस्त बैक पास की मदद से आर्मेनिया के हेनेरिख मिखिटारियान ने रॉकेट की रफ्तार वाला गोल दागा. अगला गोल अगले हाफ में हुआ. खुद को फुटबॉल का स्पाइडरमैन मानने वाले फ्रांस के पियर एमरिक ओबामेयांग ने शानदार हेडर मारकर नॉयर को उलझा दिया.
62 मिनट के भीतर दो गोल खाते ही बायर्न और उसके स्टार कोच गुआर्डिओला का सब्र जबाव दे गया. उन्होंने वर्ल्ड कप फाइनल के स्टार मारियो गोएत्से को मैदान पर उतार दिया. कमजोर डिफेंस को संभालने के लिए ब्राजील के दांते और वर्ल्ड कप में जर्मनी के कप्तान फिलिप लाम को भी तैनात कर दिया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
डॉर्टमुंड के बारे में कहा जाता है कि एक बार अगर यह टीम आगे बढ़ गई तो उसे हराना किसी के बस की बात नहीं. यही हुआ भी. 90 मिनट बाद जोश से लबरेज डॉर्टमुंड के खिलाडि़यों ने सुपर कप की ट्रॉफी उठाई. साथ ही यह भी बता दिया कि इस बार वह बुंडेसलीगा और चैंपियंस लीग में दावेदारी पेश करेंगे.
बुधवार शाम को खेला गया यह मैच बुंडेसलीगा की लोकप्रियता के लिहाज से भी अहम रहा. मैच को लुत्फ 207 देशों में उठाया गया.
ओएसजे/एएम (डीपीए, एएफपी)