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विवाद

डोकलम विवाद पर तटस्थ रहेगा नेपाल

८ अगस्त २०१७

नेपाल, भारत और चीन में से किसी की तरफदारी नहीं करेगा. तमाम मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए नेपाल के उप प्रधानमंत्री ने अपने देश का फैसला सामने रखा है.

Indien Goa Benaulim BRICS Gipfel - Narendra Modi und President Xi Jinping
तस्वीर: Reuters/D. Siddiqui

नेपाल के उप प्रधानमंत्री कृष्ण बहादुर माहरा ने कहा है कि भारत और चीन को डोकलम विवाद शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए. माहरा उप प्रधानमंत्री होने के साथ साथ देश के विदेश मंत्री भी हैं. पत्रकारों से बात करते हुए माहरा ने कहा, "इस सीमा विवाद पर नेपाल इस या उस पक्ष की तरफ नहीं जाएगा. कुछ मीडिया रिपोर्टें हमें इस तरफ की या उस तरफ खींचने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन मैं साफ करना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर हमने किसी का पक्ष नहीं लिया है." कुछ दिन पहले ही ऐसी रिपोर्टें आई थी कि चीन नेपाल को अपने पक्ष में करने की पुरजोर कोशिशें कर रहा है.

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा 23 से 27 अगस्त के बीच भारत का दौरा करेंगे. उप प्रधानमंत्री के मुताबिक पीएम की भारत यात्रा के लिए जरूरी तैयारियां की जा रही है.

देउबा की भारत यात्रा से पहले 14 अगस्त को चीन के उप प्रधानमंत्री वांग यांग भी नेपाल पहुंच रहे हैं. माहरा के मुताबिक चीनी उप प्रधानमंत्री के दौरे में विकास संबंधी नीतियों पर फोकस होगा. माहरा ने कहा कि चीनी उप प्रधानमंत्री के दौरे और नेपाली पीएम की भारत यात्रा को जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.

डोकलम विवाद का केंद्र

भारत और चीन 16 जून 2017 से डोकलम विवाद में उलझे हुए हैं. डोकलम भूटान और चीन के बीच का विवादित इलाका है. चीन वहां सड़क बनाने की कोशिश कर रहा था. भूटान और भारत ने इस निर्माण का विरोध किया. सड़क निर्माण रोकने के लिए भारतीय सेना डोकलम पहुंच गई. नई दिल्ली का कहना है कि सड़क निर्माण उसकी सामरिक सुरक्षा के लिए खतरा है. भारत को लगता है कि चीन की सड़क 20 किलोमीटर की चौड़ाई वाले चिकन नेक के लिए खतरा बनेगी. भारत को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने वाला पतले से इलाके को ही चिकेन नेक कहा जाता है.

विवाद अब भी जस का तस बना हुआ है. चीन बार बार भारतीय सेना से डोकलम छोड़ने को कह रहा है. वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक चीनी सेना भी वहां से नहीं हटेगी, तब तक भारतीय फौज भी डोकलम में ही रहेगी.

(चीनी सेना 90 साल में कहां से कहां पहुंच गयी)

ओएसजे/एनआर (पीटीआई)

 

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