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डोपिंग के कैंसर में फंसते आर्मस्ट्रॉन्ग

१४ जून २०१२

सबसे कठिन खेल प्रतियोगिता कही जाने वाली साइकिल रेस 'टूर डे फ्रांस' सात बार जीतने वाले अमेरिकी साइक्लिस्ट लांस आर्मस्ट्रॉन्ग विवादों में उलझे. संन्यास लेने के साल भर बाद उनके खिलाफ डोपिंग के आरोपों की जांच हो रही है.

तस्वीर: dapd

अमेरिकी एंटी डोपिंग एजेंसी (यूएसएडीए) ने आधिकारिक रूप से आर्मस्ट्रॉन्ग के खिलाफ जांच शुरू करने को हरी झंडी दे दी है. आर्मस्ट्रॉन्ग पर क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं लेने के आरोप हैं. यूएसएडीए ने आरोप एंटी डोपिंग रिव्यू बोर्ड को बढ़ा दिए हैं. यूएसएडीए ने एक बयान जारी कर कहा, "यह आधिकारिक नोटिस खेलों में प्रतिबंधित दवाएं लेने के नियमों के उल्लंघन के बारे में कई चरणों वाली कानूनी प्रक्रिया का पहला कदम है. यूएसएडीए के सभी मामलों में आरोप झेल रहे सभी लोग तब तक बेकसूर है जब तक कानूनी प्रक्रिया के तहत उनका दोष साबित नहीं हो जाता."

तस्वीर: dapd

ऑर्मस्ट्रॉन्ग के पांच सहयोगियों ने भी डोपिंग के आरोपों की फिर से जांच शुरू होने की पुष्टि की है. पूर्व साइकिल चैंपियन के तीन डॉक्टरों और दो टीम सदस्यों ने जांच की बात स्वीकार की है. यूएसएडीए ने आर्मस्ट्रॉन्ग और उनके सहयोगियों को 15 पन्नों की एक चिट्ठी भेजी है. इसमें उन पर 1998 से 2011 तक लगाए गए आरोपों का जिक्र है. आरोपों में ईपीओ के सेवन का भी जिक्र है. ईपीओ एरिथोप्रोटीन को कहा जाता है. यह शारीरिक क्षमता बढ़ाता है. उन पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन, टेस्टोस्टेरॉन, कोर्टिकोस्टेरॉयड और मानव विकास को बढ़ाने वाले हार्मोन लेने के भी आरोप हैं. इसका जवाब उन्हें 22 जून तक देना है.

टेक्सास प्रांत के एथलीट आर्मस्ट्रॉन्ग पर प्रतिबंधित दवाओं के सेवन को फैलाने के भी आरोप हैं. आलोचक कहते हैं कि आर्मस्ट्रॉन्ग ने टीम मैनेजर जोहान ब्रुनील, डॉक्टर पेड्रो सेलाया, लुईज डेल मोराल, मिशेले फरारी और ट्रेनर जोसे पेपे मार्टी के साथ मिलकर साजिश रची और अन्य खिलाड़ियों को बिना बताए प्रतिबंधित दवाएं दीं.

महान साइकिल रेसर कहे जाने वाले आर्मस्ट्रॉन्ग अब तक आरोपों को खारिज करते आए हैं. डोपिंग टेस्ट में कभी फेल न होने वाले अमेरिकी साइक्लिस्ट ने कहा, "मैंने मुझ पर आरोप लगाने वालों कई लोगों की तरह कभी डोपिंग नहीं की. मैंने एक सहनशील एथलीट की तरह 25 साल तक कभी अपने प्रदर्शन में कोई धब्बा नहीं लगाया. मैं 500 से ज्यादा ड्रग टेस्टों में पास हुआ और कभी एक भी फेल नहीं हुआ."

एक विवादित चैंपियन

ऑर्मस्ट्रॉन्ग साइकिल जगत के सबसे बड़े और विवादित खिलाड़ी हैं. 1996 में कैंसर से लड़ने के बाद 1998 में आर्मस्ट्रॉन्ग ने खेल में वापसी की. इसके बाद 1999 से 2005 तक उन्होंने लगातार टूर डे फ्रांस जीती. तीन हफ्तों तक चलने वाली करीब 3,200 किलोमीटर लंबी साइकिल रेस को उन्होंने सात बार जीतकर रिकॉर्ड बना दिया. इस दौरान उन्होंने यूरोप और अमेरिका में कई बड़े खेल पुरस्कार भी जीते. हालांकि उन पर डोपिंग के आरोप भी लगते रहे. 2005 में खेल को अलविदा कहने के बाद ऑर्मस्ट्रॉन्ग ने वापसी की. 2009 में वह टूर डे फ्रांस में तीसरे स्थान पर रहे. फिर दो साल बाद 2011 में उन्होंने खेल को अलविदा कहा.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/DW

एक तरफ आर्मस्ट्रॉन्ग कैंसर पीड़ितों और खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. उनकी किताब 'इट्स नॉट अबाउट द बाइक' सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में शुमार है. इसी साल कैंसर से जूझने वाले भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह भी आर्मस्ट्रॉन्ग से मिले. लेकिन दूसरी तरफ वह खेलों में पारदर्शिता की मांग करने वालों के निशाने पर हमेशा रहे. साइक्लिस्ट क्लिमागे तो उन्हें 'साइक्लिंग का कैंसर' तक कह चुके हैं.

फंसते आर्मस्ट्रॉन्ग

अब फिर से शुरू हो रही कानूनी प्रक्रिया आर्मस्ट्रॉन्ग के लिए झंझट जरूर खड़ा करेगी. अमेरिकी एंटी डोपिंग एजेंसी के मुताबिक इस बात के सबूत मिले हैं कि 2001 के स्विटजरलैंड टूर में आर्मस्ट्रॉन्ग ने ईपीओ लिया था. टेस्ट में भी यह बात सामने आई लेकिन नतीजों को छुपा दिया गया. यूएसएडीए का दावा है कि 2009 और 2010 में लिए गए नमूनों से भी संकेत मिले है कि ऑर्मस्ट्रॉन्ग ने या तो ईपीओ लिया या फिर ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया. ब्लड ट्रांसफ्यूजन में खिलाड़ी अपने शरीर में लाल रक्त कणिकाएं, श्वेत रक्त कणिकाएं, प्लाजमा और प्लैटलेट्स डलवाते हैं.

कुछ साल पहले ही डोपिंग का एक और तरीका सामने आया. इसे ब्लड डोपिंग कहा जाता है. बेहतर प्रदर्शन के लिए खिलाड़ी अपने ही ब्लड ग्रुप वाले किसी किशोर का खून खरीदते हैं. उम्र कम होने के कारण किशोर के खून में लाल-सफेद रक्त कणिकाएं, प्लाजमा और प्लैटलेट्स ज्यादा होते हैं. यह शरीर की ताकत को बढ़ाते हैं.

ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)

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