दुनिया में सबसे ज्यादा कमाने वाली महिला एथलीट टेनिस स्टार मारिया शारापोवा ने माना है कि ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान उन्होंने एक ड्रग टेस्ट फेल किया. डोपिंग में लिप्त पाए जाने पर अब क्या क्या हो सकता है उनके साथ.
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मेल्डोनियम एक प्रतिबंधित पदार्थ है जो शरीर में ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ाकर व्यक्ति की सहनशक्ति को भी बढ़ाता है. 1 जनवरी 2016 को प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल किए गए मेल्डोनियम के इस्तेमाल के मामले में अब तक कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दोषी पाए जा चुके हैं. शारापोवा जिस दवा को ले रही थीं उसका निर्माण लात्विया की कंपनी ग्रिन्डेक्स करती है.
मारिया शारापोवा के ड्रग टेस्ट फेल करने की खबर के बाद से स्विस वॉचमेकर कंपनी टैग हॉयर, स्पोर्ट्स कंपनी नाइकी और जर्मन लक्जरी कार निर्माता पोर्शे ने उनसे अपना नाता तोड़ लिया है. पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन रह चुकी 28 वर्षीया रूसी खिलाड़ी पर भविष्य में टेनिस खेलने पर प्रतिबंध लग सकता है.
शारापोवा ने प्रेस वार्ता कर जनवरी में आयोजित हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन मुकाबले के दौरान इस ड्रग के लिए पॉजिटिव पाए जाने की बात स्वीकारी है. हाल में डोपिंग और भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आने के कारण दुनिया भर के खेल संगठन और प्रायोजक इसे लेकर कड़ा रूख अपना रहे हैं. फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, शारापोवा ने पिछले साल करीब तीन करोड़ डॉलर कमाए जिसमें से ज्यादातर तमाम विज्ञापनों, प्रायोजनों और रॉयल्टी से आया. लगातार 11 सालों से शारापोवा दुनिया की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली एथलीट रही हैं.
2004 में शारापोवा ने केवल 17 साल की उम्र में विंबल्डन खिताब जीता था. उन्होंने बताया है कि इस पदार्थ मेल्डोनियम को वे अपनी सेहत के लिए बीते दस सालों से ले रही हैं. 1 जनवरी से लागू हुई विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की नई लिस्ट पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया था. शारापोवा को अगली कार्रवाई तक निलंबित कर दिया गया है, जो कि 12 मार्च से लागू होगा. रियो ओलंपिक में भी वे रूस की ओर से नहीं खेल पाएंगी. आगे चलकर उन पर दो साल तक का प्रतिबंध लग सकता है.
डोपिंग से दागदार हुए चमकते खेल सितारे
पूर्व विश्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा की स्वीकारोक्ति से खेल जगत हैरान है. उनके अलावा भी कई मशहूर खिलाड़ियों और एथलीटों ने ड्रग टेस्ट फेल किए हैं.
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टेनिस स्टार मारिया शारापोवा
पांच बार ग्रैंड स्लैम खिलाब जीतने वाली रूसी टेनिस खिलाड़ी शारापोवा ने 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन मुकाबले में हुआ ड्रग टेस्ट फेल करने की बात स्वीकार की है. अभी साफ नहीं हुआ है कि इसके लिए उन्हें कितना लंबा प्रतिबंध झेलना होगा.
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बेन जॉनसन से विश्व रिकॉर्ड भी छिना
1998 के सियोल ओलंपिक में 100 मीटर की फर्राटा दौड़ का गोल्ड मेडल कनाडा के धावक बेन जॉनसन ने जीता था, जिसे डोपिंग टेस्ट में फंसने के बाद उनसे छीन लिया गया. फिर उन्होंने 1987 में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के दौरान स्टीरॉयड लेने की बात मानी तो वह भी उनसे वापस ले लिया गया.
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टाइसन गे को दूसरा मौका
मानव इतिहास में उसैन बोल्ट के बाद सबसे तेज इंसान माने जाने वाले अमेरिकी स्प्रिंटर गे ने 2009 में 100 मीटर की दूसरी मात्र 9.69 सेकंड में पूरी की थी. 2013 में प्रतिबंधित स्टीरॉएड लेने का दोषी पाए जाने पर अमेरिकी एंटी-डोपिंग एजेंसी ने एक साल के लिए बैन कर दिया. 2012 लंदन ओलंपिक में जीता सिल्वर मेडल भी छिन गया.
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ट्रैक से जेल तक मारियन जोन्स
अमेरिका की ट्रैक एंड फील्ड वर्ल्ड चैम्पियन और ओलंपिक की गोल्ड विजेता मारियन जोन्स से 2000 की सारी इनामी राशि छीन ली गई. 2007 में मारियन ने माना कि उसने उन मुकाबलों के दौरान डोपिंग की थी. मारियन ने इस मामले में ग्रैंड ज्यूरी के सामने झूठ बोलने की बात स्वीकारी और तब उन्हें छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई.
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आर्मस्ट्रांग ने बदनाम की साइक्लिंग
अमेरिका की एंटी डोपिंग एजेंसी ने 2012 में लांस आर्मस्ट्रांग को प्रतिबंधित दवा लेने का दोषी पाया. उनसे टूअर डे फ्रांस के सात टाइटल छीन लिए गए और जीवन भर के लिए उन पर पाबंदी लगा दी गई. 2013 में ओप्रा विन्फ्री के शो पर आर्मस्ट्रांग ने बताया कि 1998 से 2004 तक वो झूठ बोल कर डोपिंग में फंसने से बचते रहे.
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नशीली दवा का खतरा
1997 में रिटायर होने वाले धुरंधर अर्जेंटीनियाई फुटबॉलर डियेगो मैराडोना 1986 विश्वकप के क्वाटर फाइनल में अर्जेंटीना को इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से जिता कर हीरो बन गए थे. अमेरिका में 1994 के वर्ल्ड कप के दौरान डोपिंग में फंसे और टूर्नामेंट से बाहर कर दिए गए. उन पर 1991 में भी कोकीन लेने का दोषी पाए जाने पर 15 महीनों का प्रतिबंध लगा था.