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ड्रीमर्स को नहीं मिलेगी अब अमेरिका में जगह

६ सितम्बर २०१७

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ओबामा कार्यकाल में लागू किेये गये डीएसीए कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. इस फैसले से अमेरिका में रह रहे तकरीबन 8000 भारतीय भी प्रभावित होंगे.

USA Daca-Programm Proteste in San Diego
तस्वीर: Reuters/J. Gastaldo

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने डीएसीए कार्यक्रम के तहत आने वाले आप्रवासियों के मुद्दे पर मंगलवार को बेहद ही अहम फैसला लिया. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने डीएसीए पर घोषणा करते हुये कहा "ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में लागू किये गये डीएसीए (डेफर्ड एक्शन फॉर चिल्ड्रन अरायवल) कार्यक्रम को रद्द किया जाता है."

तस्वीर: Reuters/K. Grillot

इस फैसले के आते ही देश भर में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गये हैं. वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, शिकागो और अन्य शहरों में लोगों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. डीएसीए कार्यक्रम के तहत आप्रवासी नाबालिगों को अस्थाई रूप से रहने, पढ़ने और काम करने की अनुमति मिलती थी. डीएसीए ऐसे लोगों को अमेरिका में कोई कानूनी हैसियत नहीं देता लेकिन निर्वासन से जरूर बचाता है. ऐसे लोगों को अमेरिका में ड्रीमर्स कहा जाता है. साल 2012 में ओबामा प्रशासन ने एक कार्यकारी आदेश के जरिये तकरीबन 8 लाख युवाओं की मदद करने के उद्देश्य से इसे शुरू किया था.

ट्रंप के खिलाफ गुस्सा

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/

ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे दर्जनों लोगों को न्यूयॉर्क में पुलिस ने पकड़ा, वहीं मैनहटन में भी ट्रंप टावर के सामने जमा लोगों को हटाने में भी पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. लॉस एंजेलेस में पुलिस ने कुछ रास्तों को बंद कर दिया लेकिन देश भर में प्रदर्शन अब भी जारी है. डीएसीए को डेमोक्रेट्स के अलावा कई कारोबारी समूहों का भी समर्थन प्राप्त है. सोशल मीडिया पर भी इस फैसले की खूब आलोचना हो रही है.

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्वीट कर कहा, "जो फैसला लिया गया है उसकी कानूनी रूप से कोई जरूरत नहीं है." अपनी फेसबुक पोस्ट में ओबामा ने कहा कि "यह राजनीतिक निर्णय है, और एक नैतिक प्रश्न भी"

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस फैसले का बचाव करते हुये कहा "वह वयस्क हो चुके उन बच्चों को दंडित करने के पक्ष में नहीं है जो अपने मां-बाप के चलते यहां आये लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि हम कानून मानने वाले देश हैं"

मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने भी आप्रवासियों के पक्ष में ट्वीट कर कहा है "यह कदम ऐसे कई हजार युवाओं को प्रभावित करेगा जो मैक्सिको में तो जन्में लेकिन बचपन से ही अमेरिका में रह रहे हैं"

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकर्बग ने भी अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा "ट्रंप प्रशासन का यह फैसला बिल्कुल गलत है. पहले युवा लोगों को अमेरिकी स्वप्न दिखाकरआने के लिये प्रोत्साहित करो और फिर उन्हें सजा दो."

अधिकारियों के मुताबिक मार्च 2018 के पहले ड्रीमर्स प्रभावित नहीं होंगे लेकिन मंगलवार के बाद से आने वाले नये आवेदनों पर ध्यान नहीं दिया जायेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फैसले से अमेरिका में रह रहे तकरीबन 8000 भारतीय भी प्रभावित होंगे.

एए/एनआर (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)

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