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ड्रोन पर हमले से शुरू हुए शरीफ

५ जून २०१३

अमेरिका पाकिस्तान में ड्रोन हमले बंद करे, संसद में तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में नवाज शरीफ ने इसी मांग के साथ अपनी बात शुरू की है. उम्मीद की जानी चाहिए कि इसे बंद कराने के लिए उन्होंन कोई ठोस उपाय सोच रखा होगा.

तस्वीर: STR/AFP/Getty Images

कबायली इलाकों में इन हमलों को बंद कराने के लिए वो क्या करने वाले हैं इसके बारे में उन्होंने अपने पहले भाषण में ज्यादा कुछ नहीं कहा. नवाज ने बस इतना कहा, "हम दूसरों की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और उन्हें भी हमारी आजादी और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. रोज रोज ड्रोन हमलों का यह अभियान अब बंद होना चाहिए." पाकिस्तान में ऐसे लोगों की कमी नहीं जो इसे पाकिस्तानी संप्रभुता पर हमला बताते हैं.

नवाज शरीफ का यह बयान तो उनके पिछले बयानों की तर्ज पर ही है लेकिन फिलहाल देश की अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था उनसे कुछ और एलानों के साथ ही ठोस कदमों की उम्मीद लगाए बैठे हैं. नए प्रधानमंत्री ने उन्हें निराश नहीं किया. सांसदों को संबोधित करते हुए नवाज ने देश की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने को अपनी पहली प्राथमिकता बताया. इसमें खासतौर से उन्होंने ऊर्जा की कमी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को मिटाने की बात कही है. नवाज ने कहा, "पाकिस्तान और यहां के लोगों की किस्मत बदलने के लिए मैं अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करूंगा."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अभूतपूर्व चुनावों में जीत के बाद नवाज शरीफ का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना बड़ी बात है क्योंकि अब तक किसी और को यह मौका नहीं मिला. नवाज प्रधानमंत्री के रूप में पिछला दोनों कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए बल्कि दूसरे कार्यकाल में तो उन्हें सेना ने पद से हटा कर देश से बाहर भी भेज दिया था. 8 साल तक निर्वासित रहने और फिर पाकिस्तान लौट कर पांच साल तक विपक्ष में रहने के बाद उनके पास सत्ता की कमान आई है.

बुधवार को नेशनल असेंबली के सत्र में वोटिंग के दौरान नवाज शरीफ को कुल 244 वोट मिले. उनके मुकाबले में खड़े पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अमीन फहीम को केवल 42 जबकि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार जावेद हाशमी को महज 31 वोटों से संतोष करना पड़ा.

नए प्रधानमंत्री को देश में सुधार लाने के लिए सबसे पहले ऊर्जा की कमी के बारे में सोचना होगा. सालों की अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और निवेश की कमी का नतीजा यह हुआ है कि भारी गर्मी में जब पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है तब पाकिस्तान में बहुत से इलाके ऐसे हैं जहां 20-20 घंटे तक बिजली नहीं रहती. ऐसी हालत में अर्थव्यवस्था किस ओर जा रही होगी समझा जा सकता है. नए प्रधानमंत्री ने सांसदों को संबोधित करते हुए भरोसा दिया कि देश में ऊर्जा की कमी से निपटना उनकी प्राथमिकता होगी, उन्होंने नए बिजलीघर बनाने का भी वादा किया है.

तस्वीर: AFP/Getty Images

राजनीतिक विश्लेषक इम्तियाज गुल का कहना है कि उन्हें नवाज शरीफ की सरकार से एक नरमपंथी सुधारवादी रवैये की उम्मीद है, "आज उनके सामने पाकिस्तान की जितनी चुनौतियां हैं, उनके बीच बहुत संभव है कि उन्हें न चाहते हुए भी अपनी राजनीति का अंदाज भी बदलना पड़ेगा."

चरमपंथ की स्थायी समस्याओं के साथ ही बीते सालों की अव्यवस्था ने देश को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है जहां बहुत ज्यादा बदलाव की जरूरत आ पड़ी है. विश्लेषकों के साथ ही आमलोग और खुद नवाज शरीफ भी यह जानते हैं कि उनके सामने सिर्फ चुनौतियां ही नहीं लोगों की उम्मीदें भी बहुत बड़ी हैं. पाकिस्तान को अब तक चलाती रही सेना, अमेरिका और अल्लाह में कौन उनके साथ होगा और कौन उनके खिलाफ यह अभी तय नहीं है.

एनआर/एमजे (एएफपी,डीपीए,एपी)

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