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ड्रोन बनाने वाले को मारना था: हेडली

१ जून २०११

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक और लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का कहना है कि उसने अपने साथी तहव्वुर हुसैन राणा को बेवकूफ बनाया. हेडली और राणा मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी हैं.

FILE- In this Dec. 9, 2009 file courtroom drawing shows David Coleman Headley, left, pleads not guilty before U.S. District Judge Harry Leinenweber in Chicago to charges that accuse him of conspiring in the deadly 2008 terrorist attacks in the Indian city of Mumbai and of planning to launch an armed assault on a Danish newspaper. (AP Photo/Verna Sadock, File)
तस्वीर: AP

शिकागो के कोर्ट में राणा पर मुकदमा चल रहा है. डेविड हेडली इस मुकदमे में राणा के खिलाफ गवाही दे रहा है. मंगलवार को उसने कहा कि उसने बेवकूफ बनाकर राणा को मुंबई हमलों की साजिश में शामिल कर लिया.

हेडली ने अपने बयान में एक बड़ा खुलासा यह किया कि आतंकी इलियास कश्मीरी में लॉकहीड मार्टिन कंपनी के प्रमुख को मारने की योजना बनाई थी. लॉकहीड मार्टिन कंपनी ड्रोन विमान बनाती है. अफगानिस्तान सीमा से लगते पाकिस्तानी इलाकों में अमेरिकी ड्रोन हमलों से कश्मीरी सख्त नाराज था इसलिए वह कंपनी के सीईओ की जान लेना चाहता था.

राणा के वकील पैट्रिक ब्लेगन के एक सवाल के जवाब में हेडली ने कहा, "मैंने उसे बेवकूफ बनाया. बेचारा बिना किसी गलती के इस सब में फंस गया. मैंने बेवकूफ बनाकर उसे साजिश में अपनी मदद के लिए शामिल कर लिया."

तस्वीर: DPA

डेविड हेडली ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है लेकिन राणा अब इस बात पर कायम है कि उस पर लगाया गया आतंकवाद की मदद का आरोप गलत है. राणा के मुकदमे की सुनवाई 15 जून तक चलने की संभावना है. दोषी पाए जाने पर राणा को उम्र कैद तक की सजा हो सकती है.

राणा के बचाव में लगे वकील हेडली को ऐसा चालबाज आदमी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं जिसने अपने बचपन के दोस्त राणा को अपनी आतंकवादी गतिविधियों के बारे में अंधेरे में रखा और उसे मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया.

राणा के वकील हेडली की विश्वसनीयता को निशाना बना रहे हैं. वकील ने जिला जज हैरी लाइनेनवेबर को पिछले हफ्ते कहा था कि यह तो बस शुरुआत है.

हेडली से पिछले करीब एक हफ्ते से सवाल जवाब हो रहे हैं जो बुधवार को खत्म हो सकते हैं. उसके बाद सरकारी वकील एफबीआई के एजेंटों का पक्ष रखेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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