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ड्रोन हमले में हक्कानी नेटवर्क के सात उग्रवादी मरे

२० जून २०११

पाकिस्तान के कुर्रम इलाके में ड्रोन हमले में सात उग्रवादियों की मौत हो गई है, जो हक्कानी नेटवर्क के बताए जाते हैं. कुर्रम उत्तरी वजीरिस्तान का इलाका है जिसे अल कायदा और तालिबानी आतंकियों का गढ़ माना जाता है.

स्थानीय अधिकारी के हवाले से रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने बताया है कि ड्रोन विमानों ने चार मिसाइल दागे जिसमें 7 उग्रवादी मारे गए. वहीं खुफिया एजेंसी के एक अन्य अधिकारी ने जानकारी दी कि मिसाइल का निशाना उग्रवादियों के दो परिसर बने. इनमें से एक स्थानीय कमांडर फजल सईद का था. बताया जाता है कि सईद हक्कानी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है.

खुफिया एजेंसी के बयानों के मुताबिक इस महीने ड्रोन हमले के कारण पाकिस्तान के कबायली इलाके वजीरिस्तान में कुल 73 आतंकी मारे गए हैं. सोमवार का हमला उत्तरी वजीरिस्तान के कुर्रम इलाके में किया गया. सामान्य तौर पर कुर्रम को निशाना नहीं बनाया जाता. लेकिन इस हमले के साथ आशंका है कि उग्रवादियों को निशाना बनाने के लिए उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान में अमेरिकी निशानों में बढ़ोतरी की गई है.

ड्रोन हमलों का विरोधतस्वीर: picture-alliance/dpa

उत्तरी वजीरिस्तान हक्कानी नेटवर्क का मुख्य ठिकाना है. सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस गुट के कई लड़ाके और उनके स्थानीय सहयोगी भाग कर कुर्रम और आसपास के कबायली इलाकों में चले गए हैं. यह अटकलें भी जारी हैं कि पाकिस्तान उत्तरी वजीरिस्तान में सैनिक कार्रवाई करेगा.

पाकिस्तान लंबे समय से संदिग्ध अमेरिकी ड्रोन हमलों का विरोध करता रहा है. लेकिन अमेरिका का दावा है कि यह अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सेना पर उग्रवादियों के हमलों को रोकने के लिए असरदार उपाय है.

पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाई की अटकलेंतस्वीर: AP

सोमवार को उत्तरी वजीरिस्तान के मीरानशाह में डेढ़ हजार कबायली लोगों ने ड्रोन हमलों का विरोध करते हुए हड़ताल की. मौलवी मोहम्मद आलम ने रैली में कहा, "हम जानते हैं कि यह पाकिस्तान के साथ गुप्त सौदे के तहत किया जा रहा है. मीरानशाह और उत्तरी वजीरिस्तान में तैनात सैनिक अमेरिका के एजेंट हैं. अगर ये ड्रोन हमले जारी रहते हैं तो हम उन्हें संदेश देना चाहते हैं कि इसके बाद कोई भी इन सैनिकों से लड़ने में परहेज नहीं करेगा."

उत्तरी वजीरिस्तान में उग्रवादी सैनिकों पर हमला न करने की बात मान गए हैं ताकि उन्हें अफगानिस्तान में अपने ठिकानों से कार्रवाई करने की आजादी हो. अगर वे इस समझौते को तोड़ने की कोशिश करते हैं तो इससे पाकिस्तान न केवल अस्थिर हो सकता है बल्कि उस पर उत्तरी वजीरिस्तान में उग्रवादियों पर हमले करने का दबाव बढ़ सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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