1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

तनाव भगाने के लिए जवान सीख रहे हैं योग

१३ जनवरी २०१२

बीएसएफ जवानों को तनाव से बचने के लिए योग का सहारा लेने की सलाह दी जा रही है. सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर जवान ठीक से सो नहीं पाते. पिछले आठ साल में 250 जवानों ने खुदकुशी कर ली है.

तस्वीर: shoot4u/Fotolia

27 साल के राम कुमार दिल्ली में बीएसएफ के योग शिविर में खुद को तनाव से दूर करना सीख रहे हैं. दो हफ्तों में उन्हें बीस अन्य साथियों के साथ कश्मीर भेज दिया जाएगा, जहां उन्हें अगले एक साल तक बिना छुट्टी के रहना होगा. वह भी अपने परिवार से दूर इस शिविर में रह कर तनाव भरे माहौल के लिए खुद को तैयार करना चाहते हैं.

पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर तैनात इन जवानों के लिए तनाव से बचने में योग काफी मददगार साबित हो रहा है. योग शिविर चलाने वाले योगी अनूप का कहना है, "मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को दूर करने में योग बेहद लाभकारी है."

तस्वीर: AP

"ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट" (बीपीआरडी) की हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं पर बीएसएफ के अधिकतर जवान तनाव का शिकार हैं. "इमोशनल इंटेलिजेंस एंड ओक्यूपेशनल स्ट्रेस" नाम की इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 160 बीएसएफ जवानों से बात की गई. बातचीत में पाया गया कि करीब 70 प्रतिशत जवान ठीक से सो नहीं पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा चार घंटे की ही नींद ले पाते हैं. तनाव और थकावट के कारण उनके काम पर बुरा असर पड़ता है.

उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें अफसरों के बुरे बर्ताव का भी सामना करना पड़ता है. इसका नतीजा यह है कि पिछले आठ सालों में करीब 250 जवान अपनी जान ले चुके हैं. इसके अलावा अपने साथियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने के भी मामले सामने आए हैं.

मनोवैज्ञानिक एसके शर्मा ने डॉयचे वेले से बातचीत में कहा, "सरकार को इस रिपोर्ट पर गौर करना चाहिए और चिकित्सकों की मदद से इसका कोई समाधान निकालना चाहिए. इसमें पेशेवर काउंसलर और मनोवैज्ञानिकों की सख्त जरूरत है." डॉक्टर शर्मा का कहना है कि जो जवान हमारी सीमाओं की रक्षा करने के लिए अपनी जान दांव पर लगाते हैं, उन्हें एक अच्छा माहौल देना बेहद जरूरी है.

रिपोर्ट: मुरली कृष्णन/ईशा भाटिया

संपादन: महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें