दिल की बीमारी और पक्षाघात के लिए तनाव को दोषी ठहराया जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अब उन्हें यह पता चल गया है कि ऐसा क्यों होता है. असल में तनाव से श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ जाता है.
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लगातार तनाव से शरीर में रोगों से लड़ने वाली रक्त की श्वेत कोशिकाओं का उत्पादन काफी तेज हो जाता है. इनके बहुत अधिक मात्रा में होने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता हैं. अतिरिक्त कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी दीवार में चिपक जाती हैं और खून के प्रवाह को रोकती हैं. इसकी वजह से खून के थक्के बनने लगते हैं. थक्कों से खून के बहाव में तो रूकावट आती ही है साथ ही ये थक्के शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चले जाते हैं.
इस अध्ययन के सहलेखक बॉस्टन के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मथियास नारेनडॉर्फ का कहना है, "श्वेत ब्लड सेल इंफेक्शन और उपचार के लिए जरूरी हैं, लेकिन यदि वे बड़ी मात्रा में हों और गलत जगह पर हों तो वे नुकसानदेह होते हैं." डॉक्टरों को काफी समय से पता है कि क्रोनिक तनाव कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का कारण है लेकिन इसका कारण सामने नहीं आया था. इनके बीच संबंध का पता करने के लिए नारेनबर्ग और उनकी टीम ने इंटेसिव केयर यूनिट में काम करने वाले 29 डॉक्टरों पर स्टडी की गई.
(हार्ट अटैक में क्या होता है?)
हार्ट अटैक में क्या होता है?
दिल का दौरा आखिर क्यों पड़ता है. हार्ट अटैक के दौरान शरीर के भीतर क्या होता है, जानिये ये जरूरी जीवनरक्षक जानकारी.
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हार्ट अटैक से पहले
आमतौर पर दिल बेहद स्वस्थ और मजबूत कोशिकाओं से बना होता है. लेकिन आलसी जीवनशैली, बहुत ज्यादा फैट वाला खाना खाने और बहुत ज्यादा धूम्रपान करने के अलावा आनुवांशिक कारणों से भी दिल की सेहत खराब होने लगती है.
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रक्त वाहिकाओं में गड़बड़
हमारा हृदय लगातार शरीर के हर हिस्से को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है. फेफड़ों से आने वाली ऑक्सीजन खून में मिलकर शरीर के बाकी हिस्सों तक जाती है. हार्ट खून को पंप कर शरीर में दौड़ाता है. लेकिन बढ़ती उम्र या खराब जीवनशैली से हृदय को खून पहुंचाने वाली धमनियां बाधित होने लगती हैं.
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धमनियों के भीतर
आर्टिलरी कही जाने वाली धमनियों के भीतर धीरे धीरे प्लैक जम जाता है. प्लैक नसों को संकरा बना देता है, इससे खून का बहाव बाधित होने लगता है. यहां से हार्ट अटैक के खतरे की शुरूआत होती है.
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आर्टिलरी का बंद होना
धमनी में बहुत ज्यादा प्लैक जमने के बाद पीड़ित इंसान अगर दौड़ भाग वाला काम करे गंभीर नतीजा होता है. शरीर को ज्यादा ऊर्जा देने के लिए हार्ट बहुत तेजी से धड़कने लगता है. लेकिन इस दौरान संकरी धमनी में लाल रक्त कणिकाएं का जमावड़ा होने लगता है और रक्त का प्रवाह रुक जाता है.
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ऑक्सीजन की कमी
बंद धमनी, हार्ट को पर्याप्त खून और ऑक्सीजन मुहैया नहीं पाती है. बस फिर हमारा हृदय ऑक्सीजन के लिए छटपटाने लगता है. धड़कन और तेज हो जाती है. सांस लेने में हरारत होने लगती है.
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इमरजेंसी सिग्नल
ऑक्सीजन के लिए छटपटाता दिल मस्तिष्क को इमरजेंसी सिग्नल भेजता है. वहीं दूसरी तरफ पसीना आने लगता है, जी मचलने लगता है. ऐसा होने पर बिना देर किये तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.
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सीने में मरोड़
मस्तिष्क से इमरजेंसी सिग्नल रीढ़ की हड्डी को भेजे जाते हैं. मस्तिष्क शरीर के दूसरे हिस्सों की ऑक्सीजन सप्लाई कम कर देता है. इसके चलते शरीर में दर्द होने लगता है. गर्दन, जबड़े, कान, कंधे, बांह दुखने लगते हैं. सीने के बीचों बीच मरोड़ सा दर्द उठने लगता है.
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दर्द कब तक
जवान लोग हल्का फुल्का अटैक झेल लेते हैं. वैसे हार्ट अटैक के चलते उठने वाला दर्द कुछ मिनट से लेकर कई घंटों तक रह सकता है. यह फिर लौटता भी है. अगर ऐसा हो तो तुरंत बेहद आरामदायक तरीके से अस्पताल जाना चाहिए.
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अंत में कार्डिएक अरेस्ट
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो हार्ट अटैक के बाद दिल की मांसपेशियां धीरे धीरे मरने लगती है. और आखिरकार दिल काम करना बंद कर देता है. इसके बाद तीन से सात मिनट के बीच मस्तिष्क की कोशिकाएं भी मरने लगती है.
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अटैक के बाद
अटैक के दौरान हार्ट का जो हिस्सा मर जाता है, वो कभी ठीक नहीं हो पाता. इसीलिए हर पल महत्वपूर्ण होता है. इसीलिए हृदय रोगियों को खास मशविरे दिये जाते हैं.
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यह भी जरूरी
अगर हार्ट अटैक के बाद धड़कन बंद हो जाए और रोगी बेहोश हो जाए तो एक हथेली को दूसरे हाथ के ऊपर रख कर जोर जोर से उसके सीने को बीच में दबाना चाहिए. ऐसा कम से कम 120 बार करना चाहिए. कई बार यह बहुत मददगार साबित होता है.
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कैसे रहे दिल सेहतमंद
बहुत ज्यादा वसा वाला खाना न खाएं. नियमित रूप से फल, सलाद और हरी सब्जी खाएं. शरीर को थकाना बहुत जरूरी है, इसीलिए नियमित कसरत करें. इसके अलावा तबियत खराब होने पर खुद डॉक्टर न बनें.
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डॉक्टरों के काम की जगह और उसके माहौल को जीवन-मरण तय करने वाले तेज फैसलों और भारी जिम्मेदारी के कारण निरंतर तनाव का मॉ़डल माना गया. काम के समय और ड्यूटी के बाद उनके खून का सैंपल लिया गया और उनसे तनाव के बारे में सवाल पूछे गए. इन नतीजों के आधार पर शोधकर्ताओं ने तनाव और इम्यून सिस्टम के बीच संबंध पाया. उन्होंने देखा कि तनाव बोन मैरो स्टेमसेल को सक्रिय करता है जिसका वजह से श्वेत रक्त कोशिकाओं का जरूरत से ज्यादा बनना शुरु हो जाता है.
ल्यूकोसाइट्स कही जाने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएं घाव के ठीक होने और इंफेक्शन से लड़ने में मददगार होती है. लेकिन यह अपने मेजबान के खिलाफ हो सकती हैं, जिसका एथरोक्लेरोसिस बीमारी वाले लोगों पर घातक असर होता है. इसके बाद यह रिसर्च चूहों पर दोहराया गया. भीड़भाड़ और पिंजरे को उलटने पुलटने जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर एथरोक्लेरोसिस वाले चूहों को तनाव दिया गया.
रिसर्चरों ने पाया कि तनाव की वजह से पैदा हुई श्वेत रक्त कोशिकाएं धमनियों में जमा हो गई और थक्कों के बनने को बढ़ावा मिला. नारेनडॉर्फ कहते हैं, "यहां कोशिकाएं एंजाइम रिलीज करती हैं जो जोड़ने वाले टिशु को नरम बनाती हैं और थक्कों के टूटने की वजह बनती है. यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आम वजह है." उनका कहना है कि कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, धूम्रपान और जेनेटिक कारण भी इसमें योगदान देते हैं. तनाव उन्हें और खतरनाक बना देता है.
(इन नौकरियों में टेंशन ही टेंशन)
इन नौकरियों में टेंशन ही टेंशन
कुछ नौकरियां हमेशा बहुत ज्यादा तनाव देती हैं. जानिये कौन सी हैं ये नौकरियां.
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1. सैनिक
तनाव की वजह: घर परिवार से दूर बेहद मुश्किल हालात में काम करना. सामाजिक ताने बाने से अलग रहना, जान जाने या घायल होने का जोखिम भी.
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2. दमकलकर्मी
तनाव की वजह: किसी भी वक्त ड्यूटी की कॉल आना. बेहद जोखिम भरे माहौल में काम करना. आग बुझाने के अलावा सड़कों पर गिरा तेल हटाना, मुश्किल में फंसे लोगों और जानवरों को बचाना.
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3. एयरलाइन पायलट
तनाव की वजह: कभी सुबह, कभी देर रात तो कभी तड़के ड्यूटी पर जाना. उड़ान से पहले बारीक से बारीक डिटेल चेक करना. लगातार अलग अलग टाइम जोन्स में सफर करना. आधे समय घर से बाहर होटलों में रहना. गलती होने पर लाइसेंस छिनने का खतरा.
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4. पुलिसकर्मी
तनाव की वजह: ड्यूटी के दौरान कई बार बेहद पेचीदा माहौल में काम करना. खुद को हर वक्त नियंत्रण में रखना. जान का जोखिम.
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5. इवेंट कॉर्डिनेटर
तनाव की वजह: इवेंट की प्लानिंग के दौरान हर बारीकी पर ध्यान देना. मेहमानों की मान मनुहार करना और उनके नखरे बर्दाश्त करना. सफल आयोजन के लिए समझौते करना.
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6. पब्लिक रिलेशन एक्जीक्यूटिव
तनाव की वजह: कई बार क्लाइंट्स की काल्पनिक मांग को पूरा करना. विवादों के असर को कम से कम करते नकारात्मक महौल को सकारात्मक बनाना.
7. कॉरपोरेट एक्जीक्यूटिव
तनाव की वजह: हर वक्त कंपनी की परफॉर्मेंस बेहतर करना. लगातार होड़ में आगे बनने रहने की कोशिश करना. खर्च घटाने से लेकर मुनाफा बढ़ाने तक की जिम्मेदारी. कंपनी बोर्ड को संतुष्ट रखना. कानूनी मसलों के लिए जिम्मेदारी.
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8. ब्रॉडकास्टर
तनाव की वजह: काम के दौरान खूब मेकअप कर तेज रोशनी में बैठे रहना. मूड खराब होने पर भी मुस्कुराते रहना. प्रोड्यूसर के निर्देश पर खबरों को लंबा खींचना.
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9. पत्रकार
तनाव की वजह: हमेशा बड़ी खबर की खोज करना. कोई घटना होने पर सब कुछ छोड़कर घटनास्थल के लिए निकल पड़ना. तयशुदा वक्त पर काम पूरा करना. जान का जोखिम.
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10. टैक्सी ड्राइवर
तनाव की वजह: आए दिन अलग अलग किस्म के लोगों से पाला पड़ना. दिन रात गाड़ी चलाना. सवारियों के दबाव में तेज गाड़ी चलाना. सवारी न मिलने पर घंटों इंतजार करना. मानसिक थकावट.