1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

तबाह हो गई पेंग्विनों की बड़ी बस्ती

२६ अप्रैल २०१९

अंटार्कटिका में एक झटके में एम्परर पेंग्विन के हजारों बच्चे डूबने से मारे गए. बहुत ही खराब मौसम ने बर्फ की उस मोटी परत को तबाह कर दिया, जिस पर वे बच्चे जीना सीख रहे थे.

Danger Island | Adelie Pinguine
तस्वीर: imago/Bluegreen Pictures

दक्षिणी ध्रुव में अंटार्कटिक के एक सर्द इलाके में पेंग्विन प्रजनन करते हैं और बच्चों को बड़ा करते हैं. इसके लिए समंदर के ऊपर बर्फ की मोटी परत का होना जरूरी है. लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि 2016 से अंटार्कटिका के वेडल सागर से एक बर्फीला इलाका गायब है. यह इलाका एम्परर पेंग्विन का दूसरा बड़ा ब्रीडिंग ग्राउंड था.

2016 से लेकर अब तक उस इलाके में एक भी पेंग्विन नहीं दिखाई पड़ा है. ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे की टीम के मुताबिक 2016 में आई मौसमी त्रासदी में बर्फ की तबाह हो गई. तबाही के दौरान बर्फ पर मौजूद एम्परर पेंग्विनों के हजारों बच्चे भी डूब गए. आपदा के बाद पेंग्विन वहां लौटने के कोई संकेत और सबूत नहीं मिले हैं.

हेली बे कहे जाने वाले उस इलाके में आम तौर पर पेंग्विनों के 15,000 से 24,000 जोड़े रहते थे. ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के कंजर्वेशन बायोलॉजी के प्रमुख फिल ट्राथन कहते हैं, "बीते 60 साल में हमने कभी इतने बड़े स्तर पर प्रजनन में आई नाकामी नहीं देखी है. इतनी बड़ी कॉलोनी का पूरी तरह प्रजनन में नाकाम हो जाना बेहद अस्वाभाविक है."

अंटार्कटिका की गर्मियों में एम्परर पेंग्विनतस्वीर: picture-alliance/All Canada Photos/W. Lynch

शोध के लेखक ट्रॉथन के मुताबिक दुनिया भर में मौजूद एम्परर पेंग्विनों की आठ फीसदी आबादी हेली बे पर प्रजनन और बच्चों का लालन पालन करती थी. काले-सफेद रंग के एम्परर पेंग्विन को कान और गले पर पीले रंग से पहचाना जाता है. यह पेंग्विनों की सबसे बड़ी प्रजाति है. एक वयस्क एम्परर पेंग्विन का वजन 40 किलोग्राम तक हो सकता है. इनका औसत जीवनकाल करीब 20 साल का होता है.

दक्षिणी ध्रुव की कड़ाके की सर्दी के दौरान मादा एम्परर पेंग्विन अंडे देती है. इन अंडों को नर सेकते हैं. गर्मियों से ठीक पहले अंडों से बच्चे निकलते हैं. शुरुआत में करीब पांच महीने तक बच्चे बर्फ में ही रहते हैं. इस दौरान माता पिता समंदर में गोता लगा कर बच्चों के लिए भोजन का इंतजाम करते हैं.

वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस दौरान हेली बे पर बच्चे मौजूद थे, उसी दौरान मौसमी आपदा आई. नवजात और कमजोर बच्चे उसी का शिकार हुए और डूब कर मारे गए. रिसर्च टीम का कहना है कि 2016 के बाद हेली बे में फिर से बर्फ जमनी शुरू हुई. लेकिन वह बर्फ इतनी मजबूत और मोटी नहीं है कि पेंग्विन का झुंड उस पर भरोसा कर सके. ट्राथम कहते हैं, "यह उन बातों की चेतावनी है जो भविष्य में बेहद अहम साबित हो सकती हैं."

(अंटार्कटिका की दुलर्भ तस्वीरें और जानकारी)

ओएसजे/आरपी (एपी)

 

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें