तस्लीमा के लेख से हिंसाः दो की मौत
१ मार्च २०१०पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस फ़ायरिंग में एक शख़्स की मौत हो गई, जबकि दूसरे की मौत पथराव में लगी चोट से हुई. भारी भीड़ तस्लीमा नसरीन के उस लेख का विरोध कर रही थी, जिसे कर्नाटक के एक अख़बार ने छापा था. कर्नाटक के लोकप्रिय दैनिक में तस्लीमा ने बुर्क़ा प्रथा से जुड़ा लेख लिखा था.
इसके विरोध में सोमवार को सड़कों पर जमा कुछ लोगों ने गाड़ियों पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो उठी. कर्नाटक राज्य परिवहन की आठ गाड़ियों सहित 20 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. पुलिस ने बताया कि जब हालात क़ाबू से बाहर हो चले तो फ़ायरिंग की गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. पथराव के कारण चार लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती किया गया है. शिमोगा के एसपी एस मुरुगन ने बताया कि पूरे ज़िले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और अतिरिक्त पुलिस बल को मौक़े पर रवाना कर दिया गया है.
कर्नाटक का हासन ज़िला भी इस विवाद की वजह से प्रभावित हुआ. वहां क़रीब 15,000 लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा. पुलिस ने कहा कि कई दुकानों में आग लगा दी गई और गाड़ियों पर पत्थर मार कर उन्हें नुक़सान पहुंचाया गया.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस येदियुरप्पा ने ख़ुद ही शिमोगा और हासन के मामलों को विधानसभा में उठाया और बताया कि अब वहां स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने वाले लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है.
तस्लीमा नसरीन मूल रूप से बांग्लादेश की लेखिका हैं और बरसों पहले बांग्लादेश छोड़ चुकी हैं. वह कई साल तक कोलकाता में गुमनामी की ज़िन्दगी बिता चुकी हैं, जिसके बाद उन्हें हाल में भारत भी छोड़ना पड़ा. बताया जाता है कि इन दिनों वह अमेरिका में रह रही हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह