बैंक के बाहर रोते हुए इस पेंशनर की तस्वीर ने ऑस्ट्रेलिया के एक व्यक्ति को इतना व्यथित किया कि उसने ग्रीस जाकर उसकी मदद करने का फैसला किया. पिछले हफ्ते आई यह तस्वीर सारी दुनिया में छा गई. इसमें 77 वर्षीय ग्रीसवासी यॉर्गोस चात्सीफोटियाडिस को देखा जा सकता है. चार अलग अलग जगहों पर कोशिश करने के बावजूद जब वह अपनी बीवी की 120 यूरो की पेंशन निकालने में विफल हो गए तो जमीन पर बैठकर फूट फूट कर रोने लगे. तस्वीर में साफ देखा जा सकता था कि देश के कर्ज संकट ने वहां के लोगों को किन हालात में लाकर खड़ा कर दिया है और ऐसे में जीवन किस हद तक मुश्किल हो गया है.
इस बीच यह तस्वीर ऑस्ट्रेलिया में एक फाइनांस कंपनी में काम करने वाले जेम्स काउफोस ने देखी. उन्होंने पाया कि वह बूढ़ा बहुत कुछ उनके पिता के मित्र जैसा दिखता है. फिर उन्होंने फोन पर अपनी मां से बात की जो ग्रीस में रहती हैं. उन्होंने बताया कि काउफोस ने जिस व्यक्ति की तस्वीर देखी है वह वाकई उनके पिता के पुराने मित्र यॉर्गोस हैं. काउफोस के मुताबिक, "जब मैंने यह देखा तो अपनी मां से पूछा कि मैं क्या कर सकता हूं? मैंने अपनी मां से कहा कि वह कुछ रकम निकाल कर फौरन उनकी मदद करें."
काउफोस ने फेसबुक पर भी एक भावुक अपील करते यॉर्गोस को तलाश करने में उनकी मदद करने की अपील की. उन्होंने एक ट्रस्ट फंड की भी स्थापना की ताकि रकम जमा की जा सके. वह इस हफ्ते यॉर्गोस से मिलने ग्रीस जा रहे हैं. उन्होंने बताया, "हम वहां उन्हें भारी रकम देकर हैरान करने जा रहे हैं. साथ ही हम कॉर्पोरेशंस से भी रकम जमा करने की कोशिश कर रहे हैं....जो भी इसमें दान करना चाहे." वह कोशिश कर रहे हैं कि यॉर्गोस ही नहीं अन्य लोगों की भी उतनी मदद की जा सके जितनी उनके लिए संभव है.
काउफोस का परिवार भी उसी शहर थेसालोनिकी से है जहां यॉर्गोस चात्सीफोटियाडिस रहते हैं. उन्होंने बताया कि यॉर्गोस उनकी बहन की शादी में भी आए थे. ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में आप्रवासी ग्रीसवासी रहते हैं. काउफोस ने बताया कि वह तस्वीर देखकर बहुत ज्यादा भावुक हो गए, "वे तस्वीरें हजारों कहानियां कह रही थीं. उन तस्वीरों का असर सिर्फ मुझपर ही नहीं बल्कि कई और लोगों पर भी हुआ जिन्हें मैं जानता हूं."
इस बीच ब्रसेल्स में यूरोजोन के नेताओं के बीच हुई आपातकाल बैठक में फैसला लिया गया कि कर्ज संकट से जूझ रहा ग्रीस गुरुवार तक नए प्रस्ताव पेश करे ताकि किसी समझौते तक पहुंचा जा सके. ग्रीस में हुए जनमत संग्रह में ग्रीसवासियों ने अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं की योजना को ठुकरा दिया था.
एसएफ/एमजे(एएफपी)
सरकार जब कर्जदाताओं के दबाव का सामना नहीं कर पाई तो जनमत संग्रह का सहारा लिया. कर्जदाताओं की मांगों को नकारने की ग्रीक सरकार की सलाह को मिले 61 प्रतिशत से ज्यादा मत. जनमत संग्रह के बाद भविष्य पर उहापोह जारी.
तस्वीर: Reuters/Marko Djuricaजनमत संग्रह के बाद कर्जदाताओं के प्रस्तावों को नकारने के समर्थकों ने जीत का जश्न मनाया. टक्कर कांटे की थी, लेकिन नतीजा ना समर्थकों के लिए भारी बहुमत के रूप में सामने आया. ग्रीस के लिए जनमत संग्रह दोधारी तलवार था.
तस्वीर: Reuters/Dimitris Michalakisजीत के बाद संतुलित प्रतिक्रिया देकर प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास ने बातचीत के दरवाजे खोले रखे. उन्होंने जनमत संग्रह के नतीजों को लोकतंत्र की जीत बताया लेकिन साथ ही कहा कि ग्रीस यूरोजोन में बना रहना चाहता है.
तस्वीर: Reuters/ERT/Poolजनमत संग्रह में जीत के बावजूद वित्त मंत्री यानिस वारूफाकिस ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. यूरोजोन के साथी देश वार्ता में उनके रूखे रवैये से परेशान थे. उनका इस्तीफा दोनों ओर गुस्से को कम करने में योगदान देगा.
तस्वीर: Reuters/A. Konstantinidisहां और ना दोनों के पक्ष में बराबर वोट की उम्मीद की जा रही थी. जैसे ही एक्जिट पोल के नतीजे आए, जीत की खुशी में लोग एक दूसरे की बाहों में समा गए. यहां संसद भवन के सामने एक दूसरे को चूमती ना समर्थक दो महिलाएं.
तस्वीर: C. Furlong/Getty Imagesबैंकों को उन पेंशनरों को पेंशन देने के लिए खोला जा रहा है, जिनके पास क्रेडिट कार्ड या बैंक कार्ड नहीं हैं. बैंकों के सामने इतनी लंबी लाइनें थीं कि खाताधारियों को पहले एक लाइन में लगकर नंबर वाला टिकट लेना पड़ रहा था.
तस्वीर: Reuters/Christian Hartmannसरकार ने जनमत संग्रह से पहले बैंकों से भारी मात्रा में धन निकाले जाने को रोकने के लिए बैंकों को बंद कर दिया. एटीएम में सिर्फ 60 यूरो का भुगतान हो रहा था जबकि बैंकों के बाहर धन निकालने आए पेंशनरों की लाइन लगी थी.
तस्वीर: Reuters/Christian Hartmannप्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास ने वोट देने के बाद आम इंसान की तरह थूक से लिफाफे को चिपकाया. और वोटों के लिए हो रहे मीडिया युद्ध में यह संदेश दिया कि वे भी एक सामान्य नागरिक हैं, जिसकी आदतें भी दूसरों जैसी ही है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Kay Nietfeldआर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे स्पेन में जनमत संग्रह से पहले कर्जदाताओं के खिलाफ और ना समर्थक ग्रीकवासियों के समर्थन में प्रदर्शन. स्पेन और इटली भी आर्थिक मुश्किलों का सामना करने वाले देशों में शामिल हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Manu Fernandezग्रीक जनमत संग्रह के नतीजों की शेयर बाजार पर धमाकेदार असर की आशंका थी, लेकिन सोमवार को जर्मन शेयर बाजार में नुकसान सीमा में रहा. बाजार खुला तो वित्त मंत्री वारूफाकिस के इस्तीफे की खबर आई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Rumpenhorst