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तहरीर चौक पर आज प्रदर्शन का आह्वान

२५ नवम्बर २०११

मिस्र की राजधानी काहिरा में प्रदर्शनकारियों ने आज बड़े प्रदर्शन का आह्वान किया है. प्रदर्शनकारियों की मौत के लिए माफी मांग चुकी सेना के सारे दांव पर बेकार साबित हो रहे हैं. नई सरकार के गठन के एलान का भी असर नहीं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

चार दिन के हिंसक प्रदर्शन के बाद गुरुवार को मिस्र की सैन्य परिषद ने पूर्व प्रधानमंत्री कमाल गानजौरी को सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया. गानजौरी पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के कार्यकाल में 1996-1999 तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं. सैन्य परिषद ने यह दिखाने की कोशिश की है कि वह लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ रही है. लेकिन युवा प्रदर्शनकारियों ने गानजौरी की नियुक्ति पर कोई उत्साह नहीं दिखाया.

इसके उलट प्रदर्शनकारियों ने सेना के खिलाफ शुक्रवार को फिर प्रदर्शन का आह्वान किया है. प्रदर्शनकारी सोमवार से शुरू हो रहे संसदीय चुनाव टालने की मांग कर रहे हैं. वे सैन्य परिषद के प्रस्तावित संविधान के मसौदे से नाराज हैं. उनका आरोप है कि प्रस्तावित संविधान के मसौदे से साफ हो रहा है कि सेना खुद को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ऊपर और अलग रखना चाहती है. आरोप लग रहे हैं कि सेना की मंशा किसी न किसी तरह सत्ता पर नियंत्रण रखने की है.

सड़कों में हिंसातस्वीर: dapd

सैन्य परिषद के प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के करीबी माने जाने वाले फील्ड मार्शल मोहम्मद हुसैन तनतावी हैं. इस साल की शुरुआत में हुए जोरदार प्रदर्शनों के बाद होस्नी मुबारक को राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा था. मुबारक 1981 से मिस्र की सत्ता पर काबिज थे. फरवरी में मुबारक की रवानगी के बाद सेना ने सत्ता अपने नियंत्रण में ली. वादा किया कि जल्द से जल्द चुनाव होंगे और लोकतांत्रिक ढंग से सरकार गठित की जाएगी. लेकिन बीते आठ महीनों में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. संविधान के मसौदे की वजह से सेना और ज्यादा विवाद में फंस गई.

आठ महीने की शांति के बाद बीते शनिवार से इस हफ्ते बुधवार तक काहिरा में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें 41 लोगों की मौत हुई. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक स्वास्थ मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. सेना ने मृतकों के परिवारजनों से माफी मांगी और संवेदना व्यक्त करते हुए मुआवजा देने की बात कही है. सेना की माफी पर प्रदर्शनकारी खालिद महम्मूद कहते हैं, "हम यह सुनना चाहते हैं कि वे कब जा रहे हैं."

ताजा प्रदर्शनतस्वीर: dapd

शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन के मद्देनजर सेना ने तहरीर चौक की तरफ जाने वाली गलियों में सीमेंट और लोहे के अवरोधक लगा दिए हैं. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कांटेदार तारों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. मीडिया संस्थानों से कहा गया है कि वह महिला पत्रकारों को मिस्र न भेजें. ऐसी रिपोर्टें हैं कि हिंसक प्रदर्शनों के दौरान दो महिला पत्रकार यौन हिंसा का शिकार हुईं.

मिस्र में 28 नवंबर को चुनाव होने हैं. कई मिस्रवासी और देश की मुख्य विपक्षी पार्टी चुनाव का समर्थन कर रही है. फरवरी के प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाली पार्टी मुस्लिम ब्रदरहुड ताजा प्रदर्शनों को समर्थन नहीं दे रही है. ऐसी स्थिति में आगे की राह काफी हद तक गानजौरी पर निर्भर है. गानजौरी खुद को मुबारक की सत्ता और छाया से दूर रखने की कोशिश करते हैं. माना जा रहा है कि गानजौरी राष्ट्रपति पद के दावेदार भी हैं.

रिपोर्ट: रॉयटर्स, एएफपी/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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