अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पद संभालने में कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन उनके ट्वीट्स का इस हद तक असर देखने को मिल रहा है जैसे देश की बागडोर पहले से ही उनके हाथ में हो.
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अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को शपथ लेने जा रहे रिपब्लिकन नेता डॉनल्ड ट्रंप देश के पहले ऐसे नेता हैं जिसने चुने जाने के बाद कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है, लेकिन ट्विटर के जरिए देश की राजनीति में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं. विपक्षी डेमोक्रैट्स पर लगातार हमला कर रहे ट्रंप ने कांग्रेस में रिपब्लिकन और डेमोक्रैटिक पार्टी के साझा प्रयास से ऐसा हेल्थकेयर विकल्प लाने की बात की है जो कम खर्चीला हो. मजे कि बात यह भी है कि पद संभालने से पहले ही वे ऐसे लोकलुभावन विचार ट्विटर पर अपने करोड़ों फॉलोअर्स से साझा कर रहे हैं.
ओबामाकेयर का समर्थन कर रहे सीनेट के डेमोक्रैट नेता शूमर ने इस बात की जांच करवाने की मांग कर डाली कि ट्रंप ने अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख के तौर पर टॉम प्राइस को क्यों चुना. सार्वजनिक रिकॉर्ड देखने से साफ पता चलता है कि रिपब्लिकन नेता प्राइस कई हेल्थकेयर कंपनियों के शेयरधारी हैं. उनका इशारा इस ओर है कि ओबामाकेयर में बदलाव लाकर ऐसे कई लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. बुधवार को ओबामा ने कैपिटॉल हिल में डेमोक्रैट नेताओं से मुलाकात की और इस पर चर्चा हुई कि किस तरह रिपब्लिकन नेता बिना कोई बेहतर योजना बनाए, पूरी स्वास्थ्य सेवा को तहस नहस करने पर तुले हैं.
ट्रंप के ट्वीट्स के निशाने पर ऑटोमोबाइल कंपनियां भी रहीं. उन्होंने ट्विटर का इस्तेमाल कर ऑटो कंपनियों फोर्ड और जीएम के अलावा बोईंग, कैरियर, लॉकहीड जैसे बड़े निमार्ताओं पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है. इन कंपनियों की कॉर्पोरेट नीतियों की आलोचना करने का असर इनके फैसलों पर भी पड़ता दिख रहा है. जिन कंपनियों के निवेश या रोजगार अमेरिका के बाहर के देशों में गए हैं उन नौकरियों को वापस अमेरिका में लौटाने का दबाव बढ़ रहा है. राष्ट्रपति बनने पर ऐसे कदम उठाने की बात ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत से ही की है. अब नए ट्वीट के दबाव में फोर्ड ने मेक्सिको में 1.6 अरब डॉलर के निवेश से फिलहाल तौबा कर ली है और अमेरिका में 70 करोड़ डॉलर के निवेश की बात कही है.
ट्रंप ने चीन या मेक्सिको जैसे देशों में बनी चीजों पर आयात शुल्क लगाने और कनाडा जैसे देशों के साथ मौजूदा नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड समझौते को तोड़ने की भी बात की है. मेक्सिको में नई फैक्ट्री बनाने की योजना रद्द करने के फोर्ड के फैसले को कई अमेरिका विशेषज्ञ ट्रंप की आपत्ति को मान रहे हैं. फोर्ड ने इस कदम की वजह छोटी गाड़ियों की मांग में आई कमी को बताया है. ट्रंप ने इस कदम के लिए फोर्ड को बधाई देकर अमेरिका में ही 700 नई नौकरियां पैदा करने पर शाबाशी दी, और ये भी ट्विटर पर ही.
मेक्सिको के पूर्व राष्ट्रपति फेलिपे काल्डेरोन ने ट्वीट किया कि ऐसे कदमों से केवल मेक्सिको का ही नहीं खुद अमेरिका का भी नुकसान होगा. उन्होंने लिखा कि 2009 के आर्थिक संकट के दौरान फोर्ड, जनरल मोटर्स और क्राइसलर जैसी कंपनियां "लगभग दिवालिया" हो चुकी थीं, लेकिन मेक्सिको में निवेश ने उन्हें बचा लिया. मेक्सिको के लिए फोर्ड के इस कदम का अर्थ है 2,800 नौकरियों का नुकसान. तय योजना के अनुसार मेक्सिको में यह फैक्ट्री 2018 से ऑपरेशन शुरु कर देती. फोर्ड सन 1925 से ही मेक्सिको में कारोबार करता आया है.
आरपी/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)
कैसी होगी अमेरिका-मेक्सिको की दीवार?
डॉनल्ड ट्रंप मेक्सिको के साथ लगी अमेरिकी सीमा पर दीवार बनाना चाहते हैं. अगर ऐसा हुआ तो यह दुनिया की सबसे बड़ी निर्माण योजना होगी. कई सालों से बॉर्डर पर स्टील के कांटेदार तारों को लगाने का प्रोजेक्ट ही पूरा नहीं हुआ है.
तस्वीर: Reuters/J. L. Gonzalez
रियल एस्टेट मुगल ट्रंप का दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी के समय डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था, "हमारी दक्षिणी सीमा पर मैं एक शानदार दीवार बनाउंगा. मुझसे अच्छी दीवार तो कोई बना नहीं सकता. और मैं मेक्सिको से इसका खर्च वसूलूंगा." ये सच है कि उन्होंने कई टावर और होटल बनवाए हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/C. Torres
दीवार बनाना संभव है?
अमेरिका और मेक्सिको की सीमा करीब 3,200 किलोमीटर लंबी है. इसमें से लगभग 1,100 किलोमीटर पर अब तक बाड़ लगाई जा चुकी है. यह सीमा चार अमेरिकी राज्यों और छह मेक्सिकन राज्यों से होकर गुजरती है. इसमें रेगिस्तानी इलाकों से लेकर बड़े शहर तक आते हैं. न्यू मेक्सिको में एक छोटी दूरी को घेरना ही मुश्किल है. वहीं कुछ दूसरी जगहों पर सीमा सुरक्षा बल के लोग निगरानी रखते हैं.
तस्वीर: Reuters/M. Blake
स्टील का अंबार
हर साल करीब साढ़े तीन लाख अवैध प्रवासी अमेरिका में दाखिल होते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या मेक्सिको से आने वालों की है. अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले ऐसे मेक्सिकन लोगों का परिवार पीछे रह जाता है. ना वे उन्हें अमेरिका ला सकते हैं और ना ही अपना जीवन बेहतर करने के लिए कोई अच्छी नौकरी कर पाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Zepeda
हल्का सा स्पर्श
दो देशों के बीच बनी बाड़ से अलग हुए परिवार कभी एक दूसरे को गले नहीं लगा पाते. कई बार ऐसे खास आयोजन किए जाते हैं जिनमें ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे की अंगुलियां छू पाते हैं. देखना होगा कि डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसी मुलाकातों का कैसा भविष्य होगा.
तस्वीर: picture-alliance/ZumaPress/J. West
मेक्सिकन आबादी पर टिप्पणी
"जब मेक्सिको अपने लोग भेजता है, तो अपने सबसे अच्छे लोग नहीं भेजता," चुनावी रैली के दौरान कही अपनी इस बात से ट्रंप ने मेक्सिको से आने वालों में ज्यादातर के ड्रग्स और अपराध साथ लाने का आरोप लगाया था. ट्रंप अवैध आप्रवासियों को वापस भेजने का इरादा जता चुके हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/G. Bull
रेगिस्तान, बॉर्डर और वापसी
रेगिस्तानी रास्ते पार करते हुए सीमा पर पहुंचे कई मेक्सिको वासियों का अमेरिका जाने का सपना करीब जाकर टूटता है और वे जेल जा पहुंचते हैं. कई लोग मानव तस्करों को सीमा पार करवाने के लिए बहुत सारे पैसे देते हैं. कई बार इन्हें सीमा पार करते हुए गोली मार दी जाती है.
तस्वीर: Reuters/D.A. Garcia
अनचाहे मेहमानों का क्रूर स्वागत
तस्वीर में जिम चिल्टॉन नाम का एक अमेरिकी किसान अपनी संपत्ति की रखवाली करते हुए. उसका 200,000-वर्ग मीटर का खेत मैक्सिको की सीमा से लगे एरिजोना प्रांत में स्थित है. यहां दोनों देशों के बीच केवल एक कांटेदार तार ही है. अतिरिक्त सुरक्षा के लिए चिल्टॉन अपनी शॉटगन तैयार रखते हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/F.J. Brown
क्या होगा इस दीवार का
करीब 22.5 किलोमीटर लंबी इस सीमा को "टॉर्टिया वॉल" के अपमानजनक नाम से भी जाना जाता है. ट्रंप की दीवार को लेकर आशंकाओं का दौर जारी है. पहला कि ऐसी दीवार बनाना संभव है या नहीं और दूसरा कि क्या वे वाकई इसे बनाने की कोशिश करेंगे. (सबरीना पाब्स्ट/आरपी)