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तालिबान के खिलाफ उतरे शाहिद अफरीदी

३ जुलाई २०१२

एक तरफ तालिबान का फतवा है तो दूसरी ओर पोलियो से अपाहिज होते बच्चे. इनके बीच फंसा है पाकिस्तान का भविष्य.

तस्वीर: dapd

पाक क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और जाने माने क्रिकेट खिलाड़ी शाहिद अफरीदी अब तालिबान के फतवे के खिलाफ पोलियो का प्रचार करेंगे.

शाहिद अफरीदी अफगानिस्तान से सटे उन इलाकों में पोलियो के टीके का प्रचार करेंगे जहां तालिबान और अलकायदा का अच्छा खासा प्रभाव है. अफरीदी खुद खैबर जिले में पैदा हुए थे जो अफागनिस्तान से सटा हुआ इलाका है. इस इलाके में पश्तो बोली जाती है. इस अभियान से जुड़े हुए लोगों को यकीन है कि अफरीदी का पश्तो होना इस मामले में मददगार साबित होगा. अफरीदी कहते हैं, '' ये भलाई का काम है. और मैं इस अभियान से जुड़कर खुश हूं. पोलियो से पाकिस्तान के बच्चे अपाहिज हो रहे हैं. अभी हमारा मकसद दूर दराज के इलाके में प्रचार करना है. मैं उसी इलाके से आता हूं और वहीं की भाषा बोलता हूं. मैं हर घर में जाऊंगा और पोलियो के बारे में जो गलत बातें फैलाई गई हैं उन्हें दूर करने की कोशिश करूंगा.''

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ये अभियान पाकिस्तान सरकार और यूनिसेफ के प्रयास से चलाया जा रहा है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की सबसे छोटी बेटी असीफा इस अभियान की ब्रांड एंबेस्डर हैं. हालांकि वजीरिस्तान इलाके में ड्रोन हमले के विरोध में पाकिस्तान के स्थानीय तालिबान कमांडर हाफिज गुल बहादुर ने पोलियो के टीके पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि एक तरफ तो नाटो सेना नागरिकों को कत्ल कर रही है दूसरी ओर जासूसी करने के लिए इस तरह के अभियान का सहारा लिया जा रहा है.

अभी हाल में पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी द्वारा ओसामा बिन लादेन की शिनाख्त के लिए टीके का सहारा लेने कारण पोलियो विरोधी अभियान पर खासी चर्चा हुई है. अफरीदी को 33 साल के जेल की सजा सुनाई गई है. उन्हें अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की मदद करने का दोषी करार दिया गया है. माना जाता है कि सीआईए ने डॉक्टर अफरीदी की मदद से ही हेपेटाइटिस के टीके के बहाने ओसामा बिन लादेन को खोज निकाला था.अफगानिस्तान और नाइजीरिया के बाद पाकिस्तान तीसरा ऐसा देश है जहां एक खास इलाके में पोलियो गंभीर रूप से फैल रहा है. पोलियो ज्यादातर पांच साल के कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है और उन्हें अपंग बना देता है. कई मामलों में तो ये घातक साबित होता है.

तस्वीर: dapd

वीडी/एमजे (एएफपी)

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