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रईसों की तिजोरी

२२ जुलाई २०१४

क्या आपने करोड़ों की तिजोरी के बारे में सुना है. जर्मनी की एक कंपनी खूब महंगी तिजोरी बनाती है जिसे खरीदने वालों की भी कमी नहीं.

तस्वीर: Fotolia/m.schuckart

जर्मनी की डॉटलिंग कंपनी बरसों से खास तिजोरी बनाती आई है. बाहर और अंदर दोनों तरफ कीमती धातु लगाई जाती है. कंपनी खास ऑर्डर पर तिजोरियां बनाती है. कंपनी के प्रमुख मार्कुस डॉटलिंग कहते हैं, "हमारे ग्राहक बहुत अमीर लोग हैं, जिनके पास ऐशो आराम की हर चीज है और वे ऐश की एक और चीज लेना चाहते हैं."

कंपनी के पास ग्राहक बड़े बड़े सेलिब्रिटी और राष्ट्राध्यक्ष हैं. वे दुनिया के अलग अलग हिस्सों में रहते हैं और सुरक्षा की वजहों से उनके बारे में इससे ज्यादा जानकारी भी नहीं दी जा सकती है. इन ग्राहकों के लिए पैसा कोई मायने नहीं रखता, बस परफेक्शन मायने रखती है. वक्त चाहे जितना लगे, पैसे कितने भी लगें, माल पक्का तैयार होना चाहिए. कंपनी के कर्मचारी हर ऑर्डर को एक एडवेंचर की तरह लेते हैं.

अगर कोई अमीर ग्राहक जेम्स बॉन्ड फिल्म जैसी तिजोरी की हूबहू नकल चाहे, तो कंपनी उसकी ख्वाहिश पूरी करेगी. चाहे इसके लिए कितनी ही मेहनत क्यों न करनी पड़े. तिजोरी में जो चमड़ा लगता है, वह सिंगापुर से खास तौर पर मंगाया जाता है, मगरमच्छ का चमड़ा. एक पीस की कीमत करीब सवा लाख रुपये.

और चमड़े की खासियत यह होती है कि वह एक ही पीस में होता है. कंटे छंटे चमड़े की यहां कोई पूछ नहीं. कंपनी में काम करने वाली आंद्रिया गेर्के बताती हैं, "चमड़े को सिर्फ एक बार सिला जा सकता है. कपड़े में तो हम सिलाई उधेड़ कर दोबारा सिल सकते हैं. लेकिन चमड़े में सुई के निशान पड़ जाते हैं. फिर आपको इसे फेंकना पड़ता है और नई चमड़ी की दरकार होती है."

कंपनी आज कल छोटी तिजोरियां भी बना रही है और ट्रक से कुचल कर उनकी टेस्टिंग की जा रही है. इस तरह ठोक बजा कर जो तिजोरी तैयार होती है, उसकी कीमत होती है 65 लाख से चार करोड़ रुपये तक. फिर भी खरीदारों की कमी नहीं.

एजेए/आईबी

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