तियानानमेन चौक के 25 साल
४ जून २०१४अमेरिका ने एक बार फिर इस मौके पर चीन से अपील की है कि वह गलत तरीके से कैद लोगों को रिहा करे, जबकि हांग कांग में 25वीं बरसी के मौके पर एक बड़ी मोमबत्ती यात्रा होने वाली है, जिसमें दो लाख लोग तक हिस्सा ले सकते हैं.
ताइवान के राष्ट्रपति मा यिंग-जिऊ ने इस मौके पर अपने देश के लोगों को संबोधित किया और इसे "ऐतिहासिक जख्म" बताया. चीन इस द्वीपीय देश पर हक जताता आया है. इसके राष्ट्रपति ने चीन से कहा कि उसने जो पहले गलतियां की हैं, उसे सुधारे.
सुरक्षा चाक चौबंद
चीनी राजधानी में हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. हाल के दिनों में शिनजियांग प्रांत में अलगाववादियों की गतिविधियां बढ़ी हैं, जिसके बाद सुरक्षा खास तौर पर सख्त की गई है. इलाके में दमकल गाड़ियां और एंबुलेंस भी देखी जा सकती हैं. पर्यटक और खोमचे वाले चौक के आस पास जरूर हैं, लेकिन सादे पोशाक में पुलिस वाले भी हैं, जो किसी भी व्यक्ति से उसका पहचानपत्र मांग लेते हैं.
बुधवार को कुछ पर्यटकों ने लंबे वक्त तक पार्क में प्रवेश करने के लिए इंतजार किया, जिस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हो गई. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी ने इसकी तस्वीर अपनी वेबसाइट पर लगाई, तो अधिकारियों ने फौरन उसे तस्वीर हटाने को कहा.
क्या है मामला
चीन में आर्थिक बदलाव के बाद राजनीतिक बदलाव की मांग को लेकर 1989 में छात्रों ने लंबा विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन आम तौर पर शांतिपूर्ण था. लेकिन आखिर में तीन और चार जून को सरकार ने छात्रों पर गोलियां चलवा दीं. अनुमान लगाया जाता है कि इस हादसे में 1000 छात्र मारे गए. हालांकि सरकारी तौर पर कोई आंकड़ा नहीं दिया गया है.
इस कांड के बाद से चीन इस मामले की छवि लोगों के दिमाग से निकालने का प्रयास करता आया है. इस मुद्दे को वर्जना का विषय बना दिया गया है और इस बारे में चर्चा नहीं होती. इस मामले को उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और कलाकारों को गिरफ्तार कर लिया जाता है.
पच्चीस साल पुरानी घटना की तस्वीरें पश्चिमी देशों में टेलिविजन पर दिखाई जाती हैं. हालांकि चीन में ऐसे वीडियो नहीं चलते. हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय पटल पर आर्थिक महाशक्ति के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई है और वह अमेरिका के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है.
अमेरिका की अपील
इस मौके पर अमेरिका ने चीन से राजनीतिक स्वतंत्रता देने और गिरफ्तार लोगों को रिहा करने की अपील की है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारी हार्फ का कहना है, "मुझे लगता है कि यह वक्त है कि लोगों को ज्यादा खुलापन मिलना चाहिए ताकि वे अपने ही देश के बारे में चर्चा कर सकें. खास तौर पर आज जैसे दिनों पर."
जिन प्रमुख लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें मानवाधिकार कार्यकर्ता पू झिकियांग भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले महीने हिरासत में लिया गया. वह एक निजी कार्यक्रम में इस घटना पर चर्चा कर रहे थे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी रिहाई की मांग हो रही है.
मीडिया को चेतावनी
विदेशी समाचार संस्थाओं को चीन की पुलिस की तरफ से चेतावनी मिली है कि इससे जुड़ी खबरों का प्रसारण न करें, अन्यथा उनके वीजा भी रद्द किए जा सकते हैं. अधिकारियों के दबाव में आकर चीन के सोशल मीडिया वेबसाइटों ने इस मुद्दे पर खास नजर रखी है और तियानानमेन, 25वीं बरसी या 6/4 जैसे शब्द आते ही उन्हें डिलीट कर दिया जा रहा है. हालांकि कुछ लोगों ने इस सुरक्षा दीवारों को भेदते हुए मोमबत्तियों की तस्वीरें लगाई हैं, जिनमें जून 4,1989 लिखा है.
इस बारे में जब यूनिवर्सिटी के छात्रों से पूछा गया, तो उन्होंने या तो इस पर बात करने से इनकार कर दिया या कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं. बीजिंग यूनिवर्सिटी के पास एक छात्र ने कहा, "मुझे इस बारे में पता तो है लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं. उस वक्त तो मैं पैदा भी नहीं हुआ था."
एजेए/एएम (एएफपी)