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तीन तलाक पर अध्यादेश के जरिए रोक लगाएगी सरकार

१९ सितम्बर २०१८

भारत की कैबिनेट ने अध्यादेश के जरिए तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने को मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट पिछले साल ही तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित कर चुका है.

Indien Protest gegen Triple Talaq
तस्वीर: picture-alliance/Pacific Press/S. Saha

भारत के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को इस बारे में जानकारी दी उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने इस कार्यकारी आदेश को मंजूरी देने का फैसला किया है क्योंकि कोर्ट के आदेश के बावजूद तीन तलाक की प्रथा जारी है. बीते साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने उस कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया था जिसके तहत मुस्लिम पुरुष अपनी बीवियों को महज तीन बार तलाक कह कर उन्हें तलाक दे सकते हैं.

मुस्लिम महिलाएं लंबे समय से इस पर रोक लगाने की मांग कर रही हैं. कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने इसे गैरजमानती अपराध बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसमें सजा का प्रावधान करने की बात कही. इस अपराध के लिए 3 साल की कैद का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगेगा. पीड़ित महिला को गुजारा भत्ता पाने का हक होगा.

तस्वीर: picture alliance/AP Photo/R. Kakade

नए प्रावधान के मुताबिक शिकायत केवल महिला या उसके परिवार की तरफ से दायर हो सकेगी. पीड़ित महिला पति से समझौता होने पर शिकायत वापस ले सकती है. इसके साथ ही इसमें जमानत का भी प्रावधान किया गया है. जज बीवी की दलील सुनने के बाद जमानत पर फैसला कर सकता है. प्रस्तावित कानून में "निकाह हलाला" के बारे में भी चर्चा की गई है. "निकाह हलाला" के तहत कोई बीवी तलाक के बाद तब तक अपने पति से दोबारा शादी नहीं कर सकती जब तक कि वह किसी और के साथ शादी कर के तलाक ना ले ले.

केंद्र सरकार इस बारे में संसद के दोनों सदनों से बिल पास कराना चाहती थी. मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में बिल पेश करने से ठीक पहले ऐेन वक्त पर इसे कुछ सुधारों को लागू करने के लिए टाल दिया गया. लोकसभा से यह बिल पहले ही पास किया जा चुका है. 

माना जाता है कि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी तीन तलाक को मुद्दा बना कर मुस्लिम महिलाओँ में अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उसे इसका फायदा मिलने की बात भी कही गई थी. विरोधियों का कहना है कि 2019 के चुनाव से पहले पार्टी हर उस संभावना को टटोल रही है जिससे उसकी सत्ता बनी रहे. सरकार का कहना है कि उसकी कोशिश तीन तलाक को "पूरी तरह से प्रतिबंधित" करने की है. पिछले महीने भारत के स्वाधीनता दिवस के मौके पर भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने औरतों के बारे में कहा था कि वह तब तक, "नहीं रुकेंगे जब तक कि उन्हें न्याय ना मिल जाए."

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)

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