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तुरंत हमलों का खतरा नहीं हैः जर्मनी

Abha Mondhe२९ सितम्बर २०१०

जर्मनी का कहना है कि उसे इस बात की खबर है कि अल कायदा के आतंकवादी अमेरिका और यूरोप में हमलों की योजना बना रहे हैं. लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं है कि इस सूचना से एकदम खतरा है. सुरक्षा व्यवस्था में फिलहाल बदलाव नहीं.

तस्वीर: picture alliance / empics

जर्मनी में गृह मंत्री के प्रवक्ता ने कहा, "ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया में जो खबरें छपी हैं, उनके बारे में जर्मन रक्षा मंत्रालय को खबर है. लेकिन तुरंत जर्मनी पर किसी हमले की कोई ठोस जानकारी नहीं है. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव नहीं किया जा रहा है."

मीडिया की खबरों के मुताबिक आतंकवादी लंदन के अलावा जर्मनी और फ्रांस के बड़े शहरों पर एक साथ हमले करने की फिराक में थे. ब्रिटेन के स्काई न्यूज का कहना है कि हमलों की साजिश काफी आगे बढ़ चुकी थी लेकिन हमलों का तुरंत कोई खतरा नहीं है. अमेरिका को भी निशाना बनाए जाने की आशंका के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा को खतरे के बारे में जानकारी दे दी गई है.

अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वे इस बात की पुष्टि अभी नहीं कर सकते हैं कि आतंकवादी मंसूबे को नाकाम कर दिया गया है लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि यह खतरा बराबर बना हुआ है.

तस्वीर: picture-alliance/ dpa

स्काई न्यूज और एबीसी न्यूज के मुताबिक खुफिया एजेंसियां पिछले काफी समय से कुछ आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रख रही थीं. आतंकी 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए हमलों की तरह आतंकवादी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. खुफिया सूत्र इसे अल कायदा से जुड़ी साजिश बता रहे हैं.

एक जर्मन अधिकारी का कहना है कि आतंकवादी हमलों की रिपोर्ट का आधार वह जर्मन अफगान संदिग्ध आतंकवादी हो सकता है जिसे यूरोप आते वक्त अफगानिस्तान में ही हिरासत में ले लिया गया. अफगान मूल के इस जर्मन नागरिक का नाम अहमद सिद्दिकी है और वह हैम्बर्ग का रहने वाला है.

उधर मंगलवार को पेरिस के प्रसिद्ध एफिल टावर को बम की आशंका के चलते खाली करवा लिया गया. एक महीने में यह दूसरी बार है जब एफिल टावर को सुरक्षा खतरे के मुद्देनजर खाली कराया गया है. फ्रांस में सुरक्षा अधिकारी लगातार आतंकी हमलों के संबंध में चेतावनी जारी कर रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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