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तुर्की और अमेरिका की डील से कितना समाधान कितनी उलझन

१८ अक्टूबर २०१९

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को सभ्यता के लिए एक महान दिन बताया क्योंकि इस दिन तुर्की और अमेरिका के बीच सीरिया में हमला रोकने पर सहमति बनी. हालांकि इस करार से समाधान की बजाय ज्यादा सवाल खड़े हो रहे हैं.

Militärischer Konflikt in Nordsyrien | Türkischer Präsident Recep Tayyip Erdogan mit US-Vizepräsident Mike Pence
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP/Presidential Press Service

गुरुवार को हुए करार में तुर्कों और कुर्दों के बीच लड़ाई को पांच दिनों के लिए रोकने की बात हुई है. इससे सीरिया की सीमा पर चल रही लड़ाई फिलहाल रुक जाएगी. इसके साथ ही तुर्कों को सीरिया में 32 किलोमीटर अंदर तक का इलाका सुरक्षित इलाके के रूप में देने के बात है जिसकी तुर्की कई महीनों से मांग कर रहा था. हालांकि अमेरिकी फौज की सीरिया से वापसी का क्या होगा यह अभी साफ नहीं है. तुर्की के साथ समझौते के एलान के बाद शुक्रवार सुबह भी लड़ाई जारी थी.

क्या समझौता हुआ है?

अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने अंकारा में राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोवान और तुर्की के दूसरे नेताओं से मुलाकात की. करीब चार घंटे चली मुलाकात के बाद उत्तरी सीरिया में कुर्द लड़ाकों पर तुर्की के हमले को पांच दिन के लिए रोकने पर सहमति बनी. इसमें यह भी सहमति बनी है कि कुर्द लड़ाके सीरिया में 32 किलोमीटर भीतर के दायरे से हट जाएंगे. इस सुरक्षित इलाके का विस्तार सीरिया और तुर्की की सीमा पर करीब 125 किलोमीटर लंबे इलाके में होगा.

हालांकि इसके तुरंत बाद ही इस बात पर असहमति सामने आ गई कि इस करार को क्या कहा जाए और इसका मतलब क्या होगा. पेंस और ट्रंप ने इसे युद्धविराम कहा जबकि तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत चावुसोग्लू ने इसे खारिज कर दिया. तुर्क विदेश मंत्री ने इसके पीछे दलील दी कि युद्धविराम केवल "दो वैध पक्षों" के बीच हो सकता है. चावुसोग्लु का कहना है कि "उत्तर पूर्वी सीरिया से आतंकवादी तत्वों के चले जाने" तक तुर्क अपना अभियान बंद नहीं करेंगे. फिलहाल यह भी साफ नहीं हो सका है कि तुर्की समर्थित सीरियाई लड़ाके क्या करेंगे और तुर्की का उन पर कितना नियंत्रण रख पाएगा.

तुर्की को क्या मिला

युद्ध विराम या कार्रवाई में स्थगन के बदले में तुर्की को वो मिल रहा है जिसकी वह लंबे समय से मांग कर रहा था. यह है सीरिया में सुरक्षित जोन का नियंत्रण. अगर युद्ध विराम जारी रहता है तो ट्रंप तुर्की पर से आर्थिक प्रतिबंध हटा सकते हैं जिसका एलान उन्होंने सोमवार को किया था और जिससे तुर्की की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही थी.

अमेरिका का कहना है कि इन पांच दिनों में तुर्की पर कोई नया प्रतिबंध लगाने का एलान नहीं होगा. आगे अगर स्थिति बेहतर होती है तो जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वो हटाए जा सकते हैं. अमेरिका ने तुर्की के कई वरिष्ठ अधिकारियों को भी प्रतिबंधित कर दिया है.

मनबीज में कुर्द लड़ाके और सीरिया की सेना के जवानतस्वीर: AFP

अमेरिकी फौज की वापसी

गुरुवार को हुए समझौते का अमेरिकी फौज की सीरिया से वापसी पर क्या असर होगा इस बारे में मिले जुले संकेत मिल रहे हैं. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सेना की वापसी जारी रहेगी और इस काम के पूरा होने में कुछ हफ्ते लगेंगे.

माइक पेंस ने ट्रंप की कही बात फिर से दोहराई है कि अमेरिका, "जमीन पर अपनी फौज नहीं रखेगा" लेकिन दूसरी कूटनीतिक और मानवीय सहायताएं जारी रहेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षित जोन से कुर्द लड़ाकों को व्यवस्थित रूप से हटाने में अमेरिका "मदद" करेगा जो पहले ही शुरू हो चुका है. ट्रंप का कहना है कि अमेरिका इस्लामिक स्टेट पर निगरानी जारी रखेगा और अमेरिकी देखरेख में कुर्द लड़ाके इस निगरानी का नियंत्रण करेंगे. पेंटागन के अधिकारियों नेइस बारे में कोई ब्यौरा नहीं दिया कि यह व्यवस्था कैसे काम करेगी.

इस्लामिक स्टेट पर नजर

अमेरिकी फौज की वापसी के साथ ही एक बुनियादी सवाल यह है कि इस्लामिक स्टेट के दोबारा उदय को रोकने के लिए चल रही जंग अब कैसी नजर आएगी. अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में कम ही बोला है लेकिन ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका सीरिया के पास इराक के सैन्य अड्डों से हमले शुरू कर सकता है. इसके साथ ही अमेरिका फिलहाल दक्षिणी सीरिया में 200-300 सैनिकों को अल तांफ सैन्य अड्डे पर छोड़ रहा है. 

इस पूरे विवाद में एक बड़ा खतरा यह है कि इस्लामिक स्टेट के हजारों लड़ाके और उनके परिजन जो फिलहाल अलग अलग जगहों पर बंदी बना कर रखे गए हैं वो भाग सकते हैं. इन बंदीगृहों की रक्षा फिलहाल कुर्द लड़ाके कर रहे हैं लेकिन कुछ लड़ाके इन जगहों को छोड़ कर सीमा पर चल रही लड़ाई में शामिल होने चले गए हैं. कुछ जगहों पर गोलीबारी में कुछ कैदी भागने में सफल भी हुए हैं. ट्रंप का कहना है कि हिरासत में मौजूद लोगों पर अलग अलग गुटों का नियंत्रण होगा. उनका यह भी कहना है, "हम नजर रखेंगे, हम इसके लिए जिम्मेदार होंगे और उन्हें बहुत ताकतवर और सख्त नियंत्रण में रखा जाएगा." हालांकि अमेरिकी फौज की गैरमौजूदगी में यह कर पाना बहुत मुश्किल होगा.

उत्तरी सीरिया के सेफ जोन में तुर्की और अमेरिका के सैनिक, यह तस्वीर 4 अक्टूबर की है.तस्वीर: picture-alliance/AA

कुर्द क्या करेंगे

सीरियाई कुर्द बलों के प्रवक्ता का कहना है कि उनके गुट के लोग फिलहाल सीमावर्ती इलाकों से बाहर नहीं जा रहे हैं. कुर्द प्रवक्ता ने आशंका जताई है, "ऐसा लगता है कि इस करार के साथ वो और ज्यादा जनसंहार करना चाहते हैं." प्रवक्ता ने यह भी कहा कि तुर्की और उसके समर्थन वाले लड़ाके अब भी रास अल अइन को निशाना बना रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय संस्था रेड क्रॉस का भी कहना है घायलों को निकालने के लिए उसकी गाड़ियां अब भी रास अल आइन में नहीं जा पा रही हैं. 

इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोवान का कहना है कि कुर्द उत्तर पूर्वी सीरिया के कुछ इलाकों से वापस लौट रहे हैं और यह काम लड़ाई रुकने के बाद शुरू हुआ है. एर्दोवान के मुताबिक उनके रक्षामंत्री ने इस बात की पुष्टि की है कि कुर्द लड़ाके पीछे हट रहे हैं. हालांकि एर्दोवान ने यह भी कहा, "यह आतंकवादी संगठन पूरी तरह से इलाके से बाहर जा रहा है," तुर्क सेना यह देखने के लिए वहां मौजूद रहेगी.

पत्रकार, कार्यकर्ता और युद्ध पर नजर रखने वाली सीरिया की एक एजेंसी का कहना है कि लड़ाई अभी चल रही है लेकिन एर्दोवान ने इससे इनकार किया है. एर्दोवान का कहना है,"मुझे नहीं पता कि आपको यह खबर कहां से मिल रही है लेकिन मेरे रक्षा मंत्री ने मुझसे पुष्टि की है कि अब कोई लड़ाई नहीं है. यह सब अटकलें हैं, झूठी खबरें हैं." एर्दोवान का कहना है कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से उत्तरी सीरिया के बारे में जल्दी ही बात करेंगे.

एनआर/एमजे(एपी)

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