तुर्की को नाटो से निकालने के हक में ज्यादातर जर्मन: सर्वे
२९ अक्टूबर २०१९
एक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर जर्मन लोग चाहते हैं कि तुर्की को नाटो से बाहर कर दिया जाना चाहिए. पश्चिमी सैन्य संगठन नाटो में तुर्की अकेला मुस्लिम बहुल देश है. हाल में सीरिया में तुर्की ने जो कुछ किया है, उससे लोग खफा है.
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सर्वे कराने वाली संस्था यूगोव के मुताबिक सर्वे में लगभग दो हजार जर्मन लोगों ने हिस्सा लिया. जर्मन समााचार एजेंसी डीपीए के लिए किए गए इस सर्वे में शामिल 58 प्रतिशत लोगों ने तुर्की को नाटो से निकालने की वकालत की है और वे उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों के साथ साथ निर्यात रोकने तक का समर्थन कर रहे हैं.
यह सर्वे उत्तरी सीरिया में तुर्की की सैन्य कार्रवाई के बाद किया गया. सर्वे में शामिल सिर्फ 18 प्रतिशत लोगों ने तुर्की को नाटो में बनाए रखना का समर्थन किया.
सर्वे में शामिल बहुत से लोग चाहते हैं कि जर्मन सरकार तुर्की के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए. 61 प्रतिशत लोगों ने तुर्की के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने की हिमायत की तो 69 प्रतिशत तुर्की को होने वाला निर्यात रोक देने की बात कर रहे हैं.
रिपब्लिक ऑफ तुर्की, जी हां, 1923 से तुर्की का यही असली नाम है और इसकी राजधानी विश्वप्रसिद्ध इस्तांबुल नहीं, बल्कि अंकारा है. समुद्री किनारों और चहल पहल भरे बाजारों के अलावा समृद्ध इतिहास वाले तुर्की के कुछ मजेदार तथ्य.
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कल्पना का घोड़ा: ट्रोजन हॉर्स
ट्रॉय के पुरातात्विक स्थल के प्रवेश द्वार पर रखी लकड़ी के घोड़े की एक शानदार प्रतिकृति. तुर्की के कुछ पुरातत्व विज्ञानियों ने दावा किया था कि उन्हें ऐतिहासिक ट्रॉय शहर में खुदाई के दौरान बड़ी लकड़ी की संरचना मिली जो ट्रोजन हॉर्स हो सकता है. कई इतिहासकार इसे केवल एक मिथक का हिस्सा मानते हैं.
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दो विश्व अजूबे
दुनिया के 7 प्राचीन अजूबों में शामिल इफेसस और हेलिकार्नासुस तुर्की में ही हैं. माना जाता है कि इफेसस के दक्षिण में स्थित एक घर में खुद वर्जिन मेरी रही थीं. प्राचीन शहर हेलिकार्नासुस में राजा मुसोलस का मकबरा विश्व अजूबा माना गया.
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असली सांता क्लॉज
दुनिया भर में सांता क्लॉज के नाम से मशहूर संत का असली नाम सेंट निकोलस था. उनका जन्म तुर्की के पटारा में हुआ माना जाता है. बाद में वे तुर्की में भूमध्यसागर के तट पर बसे शहर डेमरी के बिशप बने.
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दो महाद्वीपों की कड़ी
दुनिया भर में केवल इस्तांबुल ही एक ऐसा शहर है जो दो महाद्वीपों में बसा है. वैसे तुर्की का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा ही यूरोप में और बाकी एशिया में है. 2010 में यूरोपीय संघ ने इस्तांबुल को यूरोपियन कैपिटल ऑफ कल्चर घोषित किया था.
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नीदरलैंड्स के नहीं थे ट्यूलिप
इतिहासकारों ने पाया है कि 16वीं सदी में तुर्की के व्यापारियों ने ही सबसे पहले डच लोगों को ट्यूलिप के फूलों से परिचित करवाया. आधुनिक समय में ट्यूलिप का पर्याय बन चुके नीदरलैंड्स के मशहूर कोएकेनहोफ बागीचे में ईरान, तुर्की, बुल्गारिया के ट्यूलिप पहली बार 1954 में बोए गए.
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कॉफी का यूरोप से परिचय
15वीं सदी में तुर्की के रास्ते ही यूरोप में कॉफी आई. तुर्की के तत्कालीन ओटोमन साम्राज्य ने सबसे पहले कॉफी के बीजों से इतावली लोगों को परिचित कराया. फिर इटली से इसकी लोकप्रियता दूसरे यूरोपीय देशों में फैली.
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हेजलनट का दबदबा
आज तमाम चॉकलेट, केक और मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाले मेवे हेजलनट का करीब 80 फीसदी केवल तुर्की से ही निर्यात होता है. मेवों से बनने वाली बकलावा जैसी कई तुर्क मिठाइयां आज विश्व भर में पसंद की जाती हैं.
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नाम के अनुरूप- ग्रैंड
इस मशहूर बाजार में 64 गलियां, करीब 4,000 दुकाने और 25,000 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं. ग्रैंड बाजार दुनिया के सबसे विशाल और सबसे पुराने ढके हुए बाजारों में एक है. हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक इन बाजारों का रूख करते हैं.
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धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक
तुर्की मुस्लिम बहुल होकर भी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर चलता है. 1923 में आजादी की लड़ाई के बाद से यह रिपब्लिक ऑफ तुर्की बना और साथ ही देश में इन सेकुलर और डेमोक्रेटिक प्रक्रियाएं लागू हुईं.
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महिला अधिकारों में अव्वल
जून 2015 में 25वें आम चुनावों में अपना वोट देती तुर्क महिला. 1750 ईसा पूर्व से 1190 के बीच तुर्की में प्रभावशाली हितितीज ने शासन किया, जो महिला और पुरुष अधिकारों में समानता के पक्षधर थे. आधुनिक काल में भी, अमेरिका या किसी भी यूरोपीय देश से पहले तुर्की में ही महिलाओं को मत का अधिकार मिला था.
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सीरिया में नौ अक्टूबर को तुर्की की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से जर्मनी ने उसे होने वाली हथियारों की बिक्री को सीमित कर दिया है. लेकिन अभी तक तुर्की को हथियार बेचने पर पूरी तरह पाबंदी नहीं लगाई गई है, जैसा कि पहले जर्मन चांसलर ने कहा था.
नाटो में यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 29 देश शामिल हैं. नाटो के स्थापना घोषणापत्र में किसी भी सदस्य को गठबंधन छोड़ने की अनुमति तो है, लेकिन ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं है कि दूसरे सदस्य किसी एक सदस्य को बाहर का रास्ता दिखा सकें. किसी सदस्य को नाटो गठबंधन से निकालना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है, जिस पर सभी सदस्यों की मंजूरी हासिल करनी होगी.
जर्मनी में वामपंथी पार्टी के बहुत से नेता तुर्की को नाटो से निकालने की अपील करते हैं. मध्यमार्गी वामपंथी पार्टी एसपीडी के कार्यवाहक चेयरमैन रोल्फ म्युत्सेनिश भी तुर्की की नाटो सदस्यता पर सवाल उठा चुके हैं.