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"तुर्की को पाकिस्तान बना रहे हैं एरदोवान"

२९ जुलाई २०१५

विद्रोही कुर्द संगठन पीकेके पर तुर्की के हमलों के बीच जर्मनी की ग्रीन पार्टी के अध्यक्ष चेम ओएजदेमिर ने कहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति एरदोवान देश को मिनी पाकिस्तान बनाने में लगे हैं. अमेरिका ने तुर्की का समर्थन किया है.

तस्वीर: picture-alliance/AA

आईएस और पीकेके पर हमलों के बाद नाटो की बैठक में तुर्की को मिले समर्थन पर जर्मनी में विवाद छिड़ा है. ग्रीन पार्टी के अध्यक्ष चेम ओएजदेमीर ने तुर्की के राष्ट्रपति एरदोवान की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा, "एक देश, जो कल तक यूरोपीय संघ में शामिल होना चाहता था, जब वह एरदोवान के शासन में, ठीक यूरोप की सीमा पर एक तानाशाही में तब्दील होने लगे, तो हम इससे मुंह नहीं फेर सकते." चेम ओएजदेमिर तुर्क मूल के जर्मन हैं और उन्होंने तुर्की की स्थिति पर चिंता जताई है, "मैं एक ऐसे देश को देख रहा हूं, जो बिना किसी बात के ही, अपने नेता के कारण मुसीबत में उलझता चला जा रहा है." उन्होंने कहा कि एरदोवान तुर्की को "मिनी पाकिस्तान" बनाने में लगे हैं.

चेम ओएजदेमिरतस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Pedersen

तुर्की के राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए ओएजदेमिर ने उन्हें इस्लामिक स्टेट आईएस को बढ़ावा देने का जिम्मेदार भी ठहराया. उन्होंने कहा, "एरदोवान ने अब तक दोनों आंखें मूंद रखी थीं." तुर्की के आईएस पर हमलों को उन्होंने आंखों में धूल झोंकने जैसा बताया, "इसके जरिए वे हम पश्चिमी देशों को बेवकूफ बना रहे हैं. आईएस के अड्डों पर कोई हमले नहीं हुए हैं, तुर्की में गिरफ्तार किए गए आईएस समर्थकों की संख्या भी बेहद कम है."

शांति वार्ता मुमकिन नहीं: एरदोवान

इस बीच तुर्की ने कुर्द संगठन पीकेके पर हमले तेज कर दिए हैं. राष्ट्रपति एरदोवान ने कहा है कि पीकेके से देश को खतरा है, इसलिए उसके साथ शांति वार्ता नामुमकिन है. उन्होंने कहा, "हमारे लिए उन लोगों के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखना संभव नहीं है, जो देश की एकजुटता और भाईचारे के लिए खतरा हैं." दो दिन पहले ही जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने एरदोवान से फोन पर बातचीत की और शांति वार्ता पर जोर दिया. लेकिन एरदोवान ने अब इसे खारिज कर दिया है. वहीं मंगलवार को ब्रसेल्स में हुई नाटो की बैठक में सदस्य देशों ने आईएस पर हमलों के लिए जहां तुर्की को सराहा, वहीं कई देशों ने इराक में कुर्द विद्रोहियों पर किए गए हमलों की आलोचना भी की.

एरदोवान ने ऐसे नेताओं की इम्यूनिटी हटा लेने की भी बात कही है, जो किसी भी रूप में पीकेके से संबंध रखते हैं. उनका निशाना वामपंथी कुर्द पार्टी है जिसे पिछले समसदीय चुनावों में 13 प्रतिशथ वोट मिले थे. एरदोवान के इस बयान के कुछ ही घंटों बाद तुर्की की सेना ने इराक की सीमा से सटे सिरनाक जिले में विद्रोहियों पर हमले की घोषणा की. हमले के लिए सेना के एफ16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया गया. पीकेके विद्रोह 1984 से अब तक 40,000 लोगों की जान ले चुका है. तुर्की में जानकार एरदोवान के कड़े रुख को आने वाले चुनावों के मद्देनजर एक राजनीतिक कदम बता रहे हैं.

आईबी/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)

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