अनुभवी राजनेता फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने जर्मनी के 12वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते ही तुर्की में गिरफ्तार जर्मन पत्रकार की रिहाई की मांग की. उन्होंने कहा बंद होनी चाहिए "गंदी नाजी तुलना."
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जर्मनी के नये राष्ट्रपति फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद पहले भाषण में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान से संयम बरतने की अपील की है. उन्होंने तुर्की में गिरफ्तार जर्मन पत्रकार डेनिस यूशेल की रिहाई की भी मांग की. राष्ट्रपति ने कहा, "खत्म कीजिए गंदी नाजी तुलना. आदर कीजिए कानूनी राज्य और मीडिया तथा पत्रकारों की आजादी का. डेनिस यूशेल को रिहा कीजिए."
फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने इससे पहले जर्मन राजधानी बर्लिन में देश के 12वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. संसद के संयुक्त अधिवेशन में बुंडेसटाग के अध्यक्ष नॉर्बर्ट लामर्ट ने उन्हें पद की शपथ दिलायी.
दो दिन पहले ही जर्मन राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास श्लॉस बेलव्यू में निवर्तमान राष्ट्रपति ने सैनिक सम्मान के साथ उनका स्वागत किया था. 61 साल के सोशल डेमोक्रैट श्टाइनमायर राष्ट्रपति चुने जाने से पहले देश के विदेश मंत्री थे. उप चांसलर जिगमार गाब्रिएल ने यह जिम्मेदारी संभाल ली है.
श्टाइनमायर ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में उप चांसलर समेत कई बड़े पद संभाले हैं. लेकिन 1998 से 2005 तक तत्कालीन चांसलर श्रोएडर के समय चांसलर कार्यालय के मंत्री के रूप में उनकी भूमिका सबसे ज्यादा यादगार मानी जाती है. इसके अलावा 2003 में आर्थिक और कल्याण सुधारों का एक पैकेज पास करवाने में भी श्टाइनमायर ने अहम भूमिका निभायी थी.
उस समय जर्मनी को "यूरोप का बीमार आदमी” कहा जा रहा था. कारण था कामगारों के करीब 11.6 फीसदी हिस्से का सामाजिक भत्तों पर जीना. यह माना जा रहा था कि बेरोजगारी का कोई इलाज नहीं है केवल उसका प्रबंधन ही किया जा सकता है. लेकिन तभी इस धारणा को नकारते हुए श्रोएडर ने हार्त्स समिति के सुझाये 'अजेंडा 2010' पैकेज की घोषणा की. अजेंडा 2010 ने जर्मनी के श्रम बाजार को क्रांतिकारी तरीके से बदल डाला. इसके बाद से जर्मनी एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा, जहां रिकॉर्ड रोजगार के साथ और यूरोप में सबसे कम युवा बेरोजगारी दर है.
सार्वजनिक जीवन में श्टाइनमायर ने आमतौर पर कूटनीतिक रवैया ही दिखाया है लेकिन हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान उन्होंने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए डॉनल्ड ट्रंप को "नफरत का उपदेशक" कह डाला था.
उनकी पत्नी एल्के बुइडेनबेंडर देश की प्रथम महिला होंगी. राष्ट्रपति के समारोही पद पर पांच साल रहते हुए गाउक ने अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया है. 77 साल के हो चुके गाउक राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार नहीं थे. उन्हें सैनिक सम्मान के साथ राष्ट्रपति भवन से विदाई दी गयी थी.
आरपी/एमजे (डीपीए)
श्टाइनमायर एक अनुभवी और लोकप्रिय नेता
जर्मनी में सत्ताधारी सीडीयू-सीएसयू और एसपीडी गठबंधन के उम्मीदवार फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर को राष्ट्रपति चुना गया है. उन्हें ग्रीन और एफडीपी पार्टी का भी समर्थन मिला.
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चांसलर की बधाई
निर्वाचक मंडल के वोटों के गिनती के बाद फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर को विजेता घोषित किया गया. राष्ट्रपति चुने जाने के तुरंत बाद चांसलर मैर्केल ने उन्हें बधाई दी.
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संसद के मार्शलों के साथ
राष्ट्रपति चुने जाने के बाद फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर संसद के मार्शलों के साथ दिखाई दे रहे हैं, जिन्होंने मतदान की देखरेख की.
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अनुभवी राजनेता
सोशल डेमोक्रैट श्टाइनमायर एक अनुभवी राजनेता हैं. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले तक वह चांसलर मैर्केल की गठबंधन सरकार में विदेश मंत्री थे.
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संभाली अहम जिम्मेदारियां
इससे पहले 2005 से 2009 तक भी वह जर्मनी के विदेश मंत्री रहे. इसके अलावा 2007 से 2009 के बीच उन्होंने जर्मनी के उपचांसलर का भी पद संभाला है.
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श्रोएडर के सहयोगी
लॉ में डॉक्टररेट की डिग्री रखने वाले श्टाइनमायर जर्मनी के पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर के सहयोगी रहे हैं. राजनीति में आने से पहले वह सरकारी अधिकारी थे.
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मैर्केल को टक्कर
श्टाइनमायर 2009 के आम चुनावों में एसपीडी के चांसलर पद के उम्मीदवार थे और उनका मुकाबला था मैर्केल से. हालांकि जीत मैर्केल की हुई. चुनावों के बाद उन्होंने विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभाली.
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फिर से मिली जिम्मेदारी
2013 के आम चुनावों के बाद मैर्केल की सीडीयू और एसपीडी में फिर से गंठबंधन हुआ और श्टाइनमायर को दोबारा विदेश मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई.
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बढ़ई पिता की संतान
श्टाइनमायर का जन्म जर्मन राज्य नॉर्थराइन वेस्टफालिया के डेटमोल्ड शहर में हुआ. उनके पिता बढ़ई थे. वे फुटबॉलप्रेमी थे और अपने दोस्तों के बीच वह फ्रांक के नाम से जाने जाते हैं.
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निजी जिंदगी
बताया जाता है कि श्टाइनमायर को जैज पसंद है और फुटबॉल के भी वह शौकीन हैं. उनकी एक बेटी है. 2010 में उन्होंने अपनी एक किडनी अपनी बीमार पत्नी को दान की थी.
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लोकप्रिय राजनेता
श्टाइमायर जर्मन राजनीति का एक जाना माना चेहरा हैं. सर्वे दिखाते हैं कि वह कई वर्षों से जर्मनी के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं के बीच अपनी जगह बनाए हुए हैं.
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ट्रंप पर चेतावनी
श्टाइनमायर अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बारे में अपनी टिप्पणियों को लेकर भी सुर्खियों में रहे. ट्रंप की जीत पर उन्होंने कहा था कि पुरानी विश्व व्यवस्था अब खत्म हो जाएगी.
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राष्ट्रपति का पद
भारत समेत दुनिया के कई और देशों की तरह जर्मनी में भी राष्ट्रपति का पद रस्मी है. लेकिन जर्मन राष्ट्रपति अपने भाषणों से राजनीतिक प्रक्रियाओं पर असर डालते हैं.