तुर्की में संसदीय चुनाव के लिए मतदान
१२ जून २०११तुर्की के 57 साल के प्रधानमंत्री रैचप तय्यप एर्दोआन आर्थिक क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन के सहारे एक बार सत्ता में बने रहना पक्का मान रहे हैं. अगर एकेपी पार्टी चुनाव जीतती है तो यह उसका लगातार तीसरा कार्यकाल होगा. तुर्की का सकल घरेलू उत्पादन 2010 में 8.9 फीसदी की दर से बढ़ा जो विश्व अर्थव्यवस्था में सुधार की दर से काफी अधिक है. 2002 में पहली बार एकेपी पार्टी सत्ता में आई और उसके बाद से देश का जीडीपी दो गुना हो चुका है.
लेकिन यह सवाल अब भी बरकरार है कि क्या इस्लामवादी एकेपी को संविधान में संशोधन कर सकने लायक बहुमत मिल पाएगा या नहीं. 550 सांसदों वाले सदन में पार्टी को दो तिहाई बहुमत के रूप में 367 सीटें चाहिए. अगर पार्टी को बहुमत मिला तो जनमत संग्रह का सहारा लिए बिना पार्टी खुद संविधान में संशोधन कर सकती है. संसद में बदलाव के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एर्दोआन की पार्टी को 330 सीटें जीतनी होंगी.
आर्थिक मोर्चे पर सफलता के अलावा एकेपी ने अरब देशों के साथ नजदीकी संबंध बनाए हैं. तुर्की मुस्लिम बहुल देश है लेकिन यह आधिकारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष देश है. हाल के समय में एर्दोआन के नेतृत्व वाली सरकार ने आलोचना के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाया है. विश्लेषकों का मानना है कि सरकार सहनशीलता नहीं बरत रही है और मीडिया, इंटरनेट पर हमले हुए हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा