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तूफानों से टकराने वाले

२३ जनवरी २०१४

स्टॉर्म हंटर यानी तूफान का पीछा करने वाले लोग. कभी इन्हें सनकी कहा जाता था लेकिन अब रिसर्चरों को लग रहा है कि ये जाबांज बवंडरों को समझने में काफी मदद कर सकते हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/dpaweb

बवंडर के बारे में अभी वैज्ञानिकों को बहुत कम जानकारी है. स्वेन लुके एक स्टॉर्म हंटर हैं. जर्मनी में कहीं खराब या तूफानी मौसम की चेतावनी हो, चक्रवात आने को हो या फिर ओले पड़ने वाले हों, 37 साल से स्वेन लुके कार में बैठते हैं और खराब मौसम वाली जगह में पहुंच जाते हैं. कभी कभी उन्हें इसके लिए 700 किलोमीटर तक जाना पड़ता है. लुके बताते हैं कि प्रकृति की हिंसा देखना उनका शौक है.

उनके आस पास बिजली कड़कती है, बादल गजरते हैं और इनके बीच खड़े लुके फोटो लेते हैं, वीडियो बनाते हैं और यह सारा डाटा मौसम विभाग और डॉयचे वेटर डीन्स्ट को भेजते हैं. जर्मन मौसम विभाग लुके जैसे लोगों को मदद करते हैं क्योंकि जितनी जल्दी भरोसेमंद डाटा और खराब मौसम की निगरानी हो, उतना जल्दी लोगों को चेतावनी दी जा सकती है. जर्मन मौसम विभाग में तूफान मामलों के प्रबंधक आंद्रेयास फ्रिडरिष कहते हैं, "हमारा सपना है कि जर्मनी में कुछ और हजार लोग यह काम करें और हमारे लिए डाटा इकट्ठा करें." फिलहाल जर्मनी में 70 या 80 लोग स्टॉर्म हंटर हैं. अधिकतर लोग या सोशल नेटवर्क पर या फिर स्काईवार्न जैसे संगठनों के जरिए जुड़े हुए हैं.

मौके पर पहुंचे स्टॉर्म हंटरतस्वीर: picture-alliance/dpa/dpaweb

जर्मन मौसम विभाग के साथ

स्वेन लुके ने दस साल पहले स्काईवार्न की स्थापना की. तब से मौसम पर नजर रखने वाला यह संगठन जर्मन मौसम विभाग के साथ मिल कर काम कर रहा है. वह नए लोगों को ट्रेनिंग भी देते हैं. यहां वो सीखते हैं कि तूफान कैसे बढ़ते हैं और विनाशकारी साबित हो सकते हैं.

स्वेन खराब मौसम के दौरान कम हाइटेक उपकरणों के साथ मौके पर जाते हैं. उनके पास एक जीपीएस, एक टैबलेट और एक मोबाइल होता है. इतना काफी है. इसके अलावा वह रडार का डाटा लेते हैं. यह डाटा स्काईवार्न देता है जिससे पता चलता है कि बादल कितने खतरनाक हैं.

मोबाइल से लुके अपनी जानकारी आगे देते हैं. डिजिटल कोड बताते हैं कि मौके पर मौसम कैसे बदल रहा है. पांच प्वाइंट टोर्नाडो के लिए हैं और तीन ओलों के लिए. लेकिन इस बारे में बताया तभी जाता है जब वह सच में खतरनाक होता है. लुके बताते हैं, "एक ओला कम से कम दो सेंटीमीटर बड़ा होना चाहिए और एक तूफान कम से कम 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाला."

गाड़ी में तूफान का कंप्यूटर से विश्लेषणतस्वीर: picture-alliance/dpa/dpaweb

तूफानी मौसम

जर्मनी में इस तरह का बेहद खराब मौसम कई बार होता है. हर साल कम के कम 40 से 60 तूफान जर्मनी से गुजरते हैं वहीं अमेरिका में हर साल कम से कम हजार तूफान आते हैं.

कभी कभी तूफानों का पीछा करना खतरनाक भी साबित होता है. इस साल एक बहुत अनुभवी स्टॉर्म चेजर को जान से हाथ धोना पड़ा. जुलाई में टिम सामारास पॉल और साथी कार्ल युंग के साथ ओकलाहोमा टोर्नाडो का पीछा करते वक्त जान से हाथ धो बैठे. बेहद बड़े बवंडर ने अचानक इन तीनों को जकड़ लिया. उनके पास दूर भागने का मौका नहीं बचा.

प्रकृति का रौंद्र रूप झेलने की दीवानगी ही समारास और लुके जैसे लोगों को तूफानों की बीच पहुंचाती है. स्वेन लुके कहते हैं, "अगर मैं ऐसा कहूं कि मैं ये लोगों की सुरक्षा के लिए करता हूं, तो मैं झूठ बोलूंगा."

रिपोर्टः युडिथ हार्ट्ल/एएम

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी

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