तूफान में आठ फुट बर्फ के नीचे घंटों दबे रह कर भी जिंदा निकला
२९ जनवरी २०२१
फ्रेंच आल्प्स में बीवी बच्चों के साथ घूमने निकला एक शख्स बर्फीले तूफान में घिर गया. ढाई घंटे से ज्यादा बर्फ के नीचे दबे रहने के बाद भी वो जिंदा बच गया. आमतौर पर 20 मिनट के बाद ही जिंदा बचने की उम्मीद खत्म हो जाती है.
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50 साल का यह शख्स गुरुवार को अपने दो बच्चों और बीवी के साथ काफी ऊंचाई पर बने वाल डीसेरे स्की रिसॉर्ट के पास घूमने निकला था. उनके पास बर्फीले तूफान से सुरक्षा के लिए कोई उपकरण भी नहीं था. स्थानीय इलाके सावी की पुलिस का कहना है, "शुक्र है कि तुरंत वहां करीब 100 लोग जमा हो गए... दो घंटे और 40 मिनट तक खोजने के बाद वह शख्स जिंदा मिल गया."
बहुत ज्यादा बर्फ होने की वजह से बचावकर्मियों के साथ मौजूद खोजी कुत्ते भी उसे ढूंढ पाने में नाकाम साबित हुए. हालांकि माउंटेन पुलिस के एक खास दस्ते ने वोल्फहाउंड उपकरण की मदद से बर्फ के नीचे उसके मोबाइल फोन पता लगा लिया.
चमत्कार था जीवित बचना
बचावकर्मियों की टीम पीजीएचेम के सदस्य अलेक्सांद्रे गेर्थर ने स्थानीय न्यूज चैनल फ्रांस 3 से कहा, "मुझे तो यह चमत्कार लगता है." ग्रेथर ने बताया कि वह शख्स सतह से ढाई मीटर यानी करीब आठ फुट नीचे दबा हुआ था. बर्फीले तुफान में दब जाने के 20 मिनट बाद ही जिंदा होने की उम्मीदें खत्म हो जाती है.
ग्रेथर ने समझाया कि उसकी जान कैसे बची, "उसकी रक्षा एक पेड़ ने की जिसने उसे ऊपर से गिरने वाली बर्फ के नीचे दबने से रोक लिया. उसके चारों तरफ बर्फ थी लेकिन पेड़ की वजह से एक छोटी सी दरार बन गई जिसने उसे सांस लेने के लिए हवा का रास्ता बनाए रखा. "पीड़ित शख्स के कूल्हे की एक हड्डी टूट गई है उसके जुड़ने के बाद वह पूरी तरह ठीक हो जाएगा.
बर्फीले तूफान में घिरा स्पेन
बर्फीला तूफान फिलोमेना पूरी ताकत के साथ स्पेन में आया. इसकी वजह से उत्तरी स्पेन में बर्फबारी हुई है तो दक्षिण की तरफ बाड़ आई. स्पेन के लिए तो यह कई दशकों की सबसे खराब सर्दियां हैं.
तस्वीर: Manu Fernandez/AP Photo/picture alliance
मदद के लिए आए पड़ोसी
मैड्रिड के ग्रेगोरियो मारानॉन हॉस्पीटल के पड़ोस में रहने वाले लोग बर्फ हटाने में मदद करने पहुंचे. मैड्रिड में 50 सेंटीमीटर से ज्यादा बर्फ गिरी है.
तस्वीर: Pablo Blazquez Dominguez/Getty Images
जहां तक नजर जाए सफेद ही सफेद
सप्ताहांत की बर्फबारी के बाद ओरियेंड स्क्वेयर कुछ दिनों के लिए ही सही लेकिन बर्फ की चादर से ढंक गया.
तस्वीर: Manu Fernandez/AP Photo/picture alliance
सड़क पर सोने वालों की मुश्किल
ऐसे मौसम में घर की जरूरत सबसे ज्यादा महसूस होती है, बेचारे सड़कों पर सोने वाले कहां जाएं. कम से कम दो लोगों की भारी बर्फबारी में जमने से मौत हो गई.
तस्वीर: Pablo Blazquez Dominguez/Getty Images
नया ट्रांसपोर्ट
गलियां और सड़कें बर्फ से ढंक कर फिसलन वाली बन गई हैं तो कुछ लोगों ने शहर में आस पास जाने के लिए नया तरीका निकाल लिया.
तस्वीर: Gabriel Bouys/AFP/Getty Images
सड़कों पर फंसे
देश भर में कम से कम 1500 लोग पूरे सप्ताहांत सड़कों पर फंसे रहे. सारे ड्राइवरों को निकालने में 24 घंटे से ज्यादा का समय लगा.
तस्वीर: Oscar Del Pozo/AFP/Getty Images
टनों की मात्रा में सफेदी
बर्फीले तूफान फिलोमेना ने कई जगहों पर आधे मीटर से ज्यादा बर्फ गिराई है. इस वजह से सड़कों और दूसरी जगहों को साफ करने में मशीनों को बड़ी मेहनत करनी पड़ी.
तस्वीर: Manu Fernandez/AP Photo/picture alliance
रास्ता बंद है
मैड्रिड के पराने बुर्गोज रेलवे की ट्रेनों के लिए तो इस तूफान में चलना नामुमकिन हो गया. जमीन के ऊपर मौजूद रेललाइनों पर कोई रेल नहीं चल सकी.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
मैड्रिड को भी नुकसान
कई पेड़ों की टहनियां बर्फ और तूफान का बोझ सहन नहीं करने के कारण टूट कर गिर गईं और सफाई का काम मुश्किल हो गया.
तस्वीर: Manu Fernandez/AP Photo/picture alliance
ला लिगा पर असर
पैम्पलोना के अल सदर स्टेडियम में ओसासुना और रियाल मैड्रिड के मैच के लिए मैदान समय पर साफ करने में मजदूरों ने बहुत पसीना बहाया. मैच बिना किसी गोल के ड्रॉ हुआ.
सारी परेशानियों के बीच कुछ लोगों ने बर्फ में मस्ती का मौका भी निकाल लिया. कई लोग तो स्लेजिंग करते भी नजर आए.
तस्वीर: Meng Dingbo/Xinhua/picture alliance
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सालों बाद ऐसी बर्फबारी
गुरुवार को इलाके में बर्फीले तूफान का अंदेशा बहुत ज्यादा था. पांच के स्केल पर इसे पांच ही बताया जा रहा था और बचाव दल के लोग सैलानियों से आग्रह कर रहे थे कि वो बाहर जाने से पहले बर्फ की स्थिति देख लें. कई सालों के बाद यहां जनवरी में इतनी भारी बर्फबारी हुई है. कोविड-19 की महामारी के चलते आल्प्स के स्की लिफ्ट को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है.
सैलानियों को बर्फ में घूमने फिरने की आजादी है हालांकि होटलों और कैम्पों में रुकने वालों लोगों की संख्या बहुत कम है. इलाके के कारोबारी मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं. सरकार ने उनकी मदद के लिए उन्हें आर्थिक पैकेज देने का वादा किया है.