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तेलंगाना पर बिगड़ते हालात

७ अक्टूबर २०१३

भारत में अलग तेलंगाना राज्य बनाने के फैसले के बाद आंध्र प्रदेश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अनशन पर बैठ गए हैं. चुनाव नजदीक हैं और नए राज्य के पक्ष विपक्ष की राजनीति तेज होती जा रही है.

तस्वीर: NOAH SEELAM/AFP/Getty Images

तेलुगुदेशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अलग राज्य के गठन को लेकर दिल्ली में अनिश्चितकाल का अनशन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि कांग्रेस चुनाव को नजदीक देखते हुए राजनीति कर रही है, "वे आंध्र प्रदेश को पार्टी के अंदर के मुद्दे की तरह देख रहे हैं. उनकी रुचि राजनीति में है, राज्य के लोगों के हित में नहीं. वे हर काम राजनीति के हिसाब से कर रहे हैं. हर दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं."

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की इच्छा तेलंगाना और सीमांध्र दोनों ही हिस्सों में वोट पाना है और इसके लिए वे तेलंगाना राष्ट्रीय समिति और वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी से गठजोड़ बढ़ा रहे हैं, "मैं पूछता हूं कि क्या समाज की कीमत पर राजनीति करना ठीक है." यह पूछे जाने पर कि क्या वे अलग तेलंगाना राज्य की वकालत करते हैं या नहीं, उन्होंने कहा कि राज्य के तीनों हिस्से उनके लिए बराबर हैं और वे सबको बराबर नजर से देखना चाहेंगे.

मुलायम भी खिलाफ

भारत के पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक पार्टियों का आरोप है कि इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य के बंटवारे का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह भी राज्य के बंटवारे के खिलाफ हैं. उनका कहना है, "हम छोटे राज्यों को बनाए जाने का विरोध करते हैं. संसाधनों की कमी की वजह से उन्हें संभालना मुश्किल होता है. नक्सलवाद एक बड़ा कारण है, जो एक छोटे राज्य में फैला हुआ है."

अनशन पर नायडूतस्वीर: UNI

यादव का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब खुद उनके राज्य के नेता अजीत सिंह ने हरित प्रदेश के नाम से यूपी में नए राज्य की दोबारा मांग उठाई है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह अलग राज्य के नाम पर ही अपनी राजनीति करते हैं. जहां मायावती की बीएसपी और खुद अजीत सिंह की आरएलडी अलग राज्य का समर्थन करती हैं, वहीं मुलायम की एसपी इसका विरोध करती है. बीएसपी ने तो 2011 में उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव भी लाया था, लेकिन इसके बाद मायावती की सरकार चली गई. उन्होंने राज्य को बुंदेलखंड, पश्चिम प्रदेश, पूर्वांचल और हरित प्रदेश में बांटने का जिक्र किया था.

कर्फ्यू जारी

इस बीच, आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में कर्फ्यू जारी है, जहां अलग तेलंगाना राज्य के मुद्दे पर हिंसा हुई थी. जिले में कई जगहों पर सुरक्षा बलों ने गश्त लगाई. अब तक यहां 34 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. विशाखापत्तनम के डीआईजी पी उमापति का कहना है, "स्थिति नियंत्रण में है. कर्फ्यू जारी है. हम लोग स्थिति का दोबारा जायजा लेने के बाद सही कदम उठाएंगे."

तटीय आंध्र प्रदेश के विजयनगरम शहर में तीन अक्टूबर से ही हिंसा चल रही है, जिस दिन केंद्रीय कैबिनेट ने अलग तेलंगाना राज्य के गठन का एलान किया है.

उधर, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि उन्हें सीमांध्र इलाके के लोगों का गुस्सा समझ में आता है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि हैदराबाद में उनकी शिक्षा, सुरक्षा और रोजगार का पूरा ख्याल रखा जाएगा. उन्होंने प्रदर्शन कर रहे सभी सरकारी कर्मचारियों से अपील की कि वे काम पर लौट जाएं, "मैं उनसे अपील करता हूं कि वे काम पर लौटें. वे अपना वेतन गंवा रहे हैं और लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है." आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी सहित कई पार्टियों ने अलग तेलंगाना राज्य के गठन के खिलाफ प्रदर्शन कर रखा है.

एजेए/एमजे (पीटीआई)

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