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तो क्या ब्रिटेन में हमला रूस ने ही कराया है?

१५ मार्च २०१८

ब्रिटेन में रूस के पूर्व जासूस को जहर दिए जाने के मामले में अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के नेता भी ब्रिटेन के साथ आ गए हैं. इन देशों ने संयुक्त बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है और रूस पर आरोप लगाया है.

Sergei Skripal
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों, जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, "दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में नर्व एजेंट के आक्रामक इस्तेमाल का यह पहला मामला है." संयुक्त बयान में इन नेताओं ने कहा है कि रूस के पास जिम्मेदारी से बचने के लिए "कोई सफाई देने का विकल्प संभव नहीं है." उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन के "वैधानिक अनुरोध" का जवाब देने में रूस की नाकामी भी उसकी जिम्मेदारी पर बल देती है." इन नेताओं का कहना है कि रासायनिक हथियार का इस्तेमाल, "ब्रिटेन की संप्रभुता पर हमला" और "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है."

तस्वीर: Reuters/Parliament TV

इस बीच यह खबर आ रही है कि अमेरिका ने चुनाव में दखलंदाजी के आरोप में रूस के 19 नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया है. रूस ने इसका जल्द ही "जवाब" देने की बात कही है. यूरोप और अमेरिका के नेताओं का बयान ब्रिटेन की कोशिशों का नतीजा है. 4 मार्च को पूर्व रूसी डबल एजेंट सर्गेइ स्क्रिपाल और उनकी बेटी यूलिया पर हुए हमले ने उन्हें गंभीर हालत में पहुंचा दिया है जबकि एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से बीमार हो गया है.

इस घटना के बाद ब्रिटेन और रूस के रिश्ते करीब करीब शीतयुद्ध वाले दौर में चले गए हैं. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने 23 रूसी राजनयिकों को वापस भेज दिया है, उच्च स्तर पर रूस के साथ संपर्क खत्म कर लिया है और साथ ही खुले और गुप्त रूप से कार्रवाई की शपथ ली है.

इधर रूस स्क्रिपाल को जहर दिए जाने के मामले में अपनी भूमिका से इनकार करता है. रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा है, रूस इस स्थिति से चिंतित है और वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति जल्दी ही स्पष्ट करेगा. रूसी विदेश मंत्री सेर्गेइ लावरोव ने गुरुवार को कहा रूस "निश्चित रूप से" कुछ ब्रिटिश राजनयिकों को जवाबी कार्रवाई में निष्कासित करेगा. लावरोव ने कहा है कि कार्रवाई "शीघ्र" होगी लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रूस ब्रिटेन को आधिकारिक चैनल के जरिए पहले जानकारी देगा, उसके बाद इसकी सार्वजनिक घोषणा होगी. रूस का यह भी कहना है कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर जाने की वजह से होने वाली समस्याओं की तरफ से ध्यान हटाने के लिए रूस पर आरोप लगाए जा रहे हैं.

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का तब एलान किया जब रूस की तरफ से जवाब दने की समयसीमा खत्म हो गई. मे ने बताया कि उच्च स्तर पर संपर्क खत्म करने की घोषणा के साथ ही ब्रिटेन ने रूसी विदेश मंत्री सेर्गेइ लावरोव को ब्रिटेन आने के लिए दिया गया न्यौता भी वापस ले लिया है. ब्रिटेन के मंत्री और शाही परिवार के सदस्य इस साल गर्मियों में रूस में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप में नहीं जाएंगे.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Zemlianichenko

ब्रिटेन रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों को एकजुट करने की भी कोशिश कर रहा है. ब्रिटेन का कहना है कि सालिसबरी में हमला इस बात का ताजा सबूत है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानकों की रूस कैसे अवहेलना करता है. संयुक्त बयान में ट्रंप, माक्रों, मैर्केल और मे ने मांग की है कि रूस नोविचोक प्रोग्राम के बारे में ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वीपंस को जानकारी दे.

नोविचोक एक नर्व एजेंट है जिसे सोवियत संघ ने 1970-80 के दशक में तैयार किया था. माना जाता है कि ये दुनिया का सबसे खतरनाक नर्व एजेंट है. नर्व एजेंट एक तरह के रसायन हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों को दिमाग से भेजे जाने वाले संदेश को रोक देते हैं. रूस की खुफिया एजेंसियों पर अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए इस तरह के नर्व एजेंटों के इस्तेमाल के आरोप पहले से ही लगते रहे हैं.

एनआर/एके (एपी)

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