भारत के सारे एयरपोर्ट कुल 31.7 करोड़ यात्रियों को संभाल सकते हैं. लेकिन जिस तेजी से मुसाफिरों की संख्या में वृद्धि हो रही है, उसे देखकर लगता है कि एयरपोर्टों की हालत रेलवे स्टेशन से भी बुरी हो सकती है.
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भारत हवाई परिवहन में रिकॉर्ड इजाफा देख रहा है. सस्ती बजट एयरलाइंसों और बेहतर होती कनेक्टिविटी ने इसे मुमकिन बनाया है. लोग अब 24, 48 या 72 घंटे तक ट्रेन का सफर करने के बजाए एक से ढाई घंटे की उड़ान भर रहे हैं. 2016 में रिकॉर्ड 26.5 करोड़ यात्रियों ने डोमेस्टिक उड़ान भरी. 2018 के अंत तक यह संख्या 30 करोड़ हो जाएगी.
लेकिन क्या भारत का एयरपोर्ट नेटवर्क यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभाल सकता है, इसका जवाब देते हुए सेंटर फॉर एविएशन के दक्षिण एशिया डायरेक्टर बिनीत सोमैया कहते हैं, "फौरन बड़े भारतीय एयरपोर्टों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि वे अधिकतम की सीमा पर पहुंचने जा रहे हैं."
सस्ती एयरलाइनों की बड़ी उड़ान
बेहद महंगे समझे जाने वाले हवाई सफर को बजट एयरलाइनों ने आम आदमी की पहुंच में ला दिया. साथ ही इनसे नियमित लंबी यात्राएं करने वालों को भी सुविधाएं हुई हैं. एक नजर दुनिया की 10 सबसे बड़ी बजट एयरलाइनों पर.
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10. इंडिगो
दिल्ली स्थित इस एयरलाइन की शुरुआत 2006 में हुई और यह जल्द ही एशिया की सबसे अच्छी बजट एयरलाइंस में से एक बन गई. इसके पास 100 से ज्यादा ए320 विमान हैं जबकि 400 विमानों का ऑर्डर उसने दे रखा है. यह एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती एयरलाइंस में से एक है.
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9. साउथवेस्ट एयरलाइंस
यह दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइंस में से एक है जिसके बेड़े में 700 से ज्यादा बोइंग737 विमान हैं. पिछले चार दशक में साउथवेस्ट एयरलाइंन ने अपनी किफायती फ्लाइट्स के कारण काफी नाम कमाया है. इस अमेरिकी एयरलाइंन का हेडक्वॉर्टर डैलेस में है.
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8. अजुल ब्राजीलियन एयरलाइंस
अजुल को डेविड नीलमन ने शुरू किया है जो इससे पहले जेटब्लू और वेस्टजेट एयरलाइंस के सह संस्थापक रह चुके हैं. साओ पाउलो में स्थित इस एयरलाइन के बेड़े में एयरबस, एटीआर और एंब्रायर एयरलाइनर विमान हैं. यह एयरलाइन दक्षिण अमेरिका में बेस्ट लो कॉस्ट एयरलाइन का खिताब भी जीत चुकी है.
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7. एयरएशिया एक्स
एयरएशिया एक्स मलेशिया की मेगा बजट एयरलाइन एयरएशिया की सहायक एयरलाइन है. इसके ए330-300 विमानों में प्रीमियम और इकॉनोमी, दोनों ही क्लास के मुसाफिरों का स्वागत है और यह एशिया भर में उड़ान भरती है.
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6. जेटस्टार एयरवेज
जेटस्टार एयरवेज ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय एयरलाइन क्वांटस की बजट एयरलाइन सब्सिड्री है. मेलबर्न स्थित इस एयरलाइन के बेड़े में एयरबस ए320 और बोइंग 787 विमान हैं. जेटस्टार कई साल से ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत क्षेत्र में सबसे अच्छी बजट एयरलाइन बनी हुई है.
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5. वर्जिन अमेरिका
वर्जिन अमेरिका अब उत्तर अमेरिका में सबसे अच्छी बजट एयरलाइन नहीं रही, फिर भी बहुत से लोग इसे पसंद करते हैं. कम पैसे में बढ़िया सफर के शौकीनों को अब भी यह एयरलाइन भाती है. 2016 में इस एयरलाइन को 2.6 अरब डॉ़लर में अलास्का एयरलाइन को बेच दिया गया.
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4. ईजीजेट
पिछले दो दशकों से ईजीजेट अपनी बढ़िया सर्विस के कारण दुनिया की बेहतरीन बजट एयरलाइंस में से एक बनी हुई है. इसके बेड़े में 230 से ज्यादा एयरबस विमान हैं जो यूरोप भर में 800 से ज्यादा जगहों के लिए उड़ान भरते हैं. इसका हेडक्वॉर्टर लंदन में है.
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3. जेट ब्लू एयरवेज
न्यूयॉर्क बेस्ड इस एयरलाइन को 1998 में शुरू किया गया था और इसने अमेरिका में बजट एयरलाइनों में सर्विस और सुविधाओं का स्तर ऊंचा किया है. खास लाइटिंग, फ्रेंडली स्टाफ और मुफ्त खाने और स्नैक्स ने इसे मार्केट लीडर बनाया है. इस एयरलाइन को लोग खुली खुली सीटों के लिए जानते हैं.
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2. नॉर्वेजियन
यह दुनिया की सबसे आक्रामक और विवादास्पद एयरलाइनों में से एक है. कंपनी को उस वक्त अपने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों की नाराजगी झेलनी पड़ी जब उसने आयरलैंड स्थित अपनी एक सब्सिड्री के जरिए ट्रांस अटलांटिक उड़ानों की योजना पेश की. कई विवादों के बावजूद यह लोगों की एक पसंदीदा एयरलाइन है.
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1. एयर एशिया
बीते नौ साल से एयर एशिया दुनिया की बेहतरीन बजट एयरलाइन बनी हुई है. इसके सीईओ टोनी फर्नांडेस और उनकी टीम ने वाकई शानदार काम किया है कि एक छोटी, नाकाम और सरकारी एयरलाइन को दुनिया की सबसे कामयाब बजट एयरलाइन बना दिया.
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बीते 10 साल में भारत में हवाई मुसाफिरों की संख्या 10 गुना बढ़ी है. भारतीय नागरिक उडड्यन रेगुलेटरी संस्था डीजीसीए के मुताबिक 2008 में कुल 4.4 करोड़ लोगों ने घरेलू उड़ान भरी. सेंटर फॉर सिविल एविएशन का अनुमान है कि 2025 तक भारत दुनिया का तीन बड़ा एयरलाइन बाजार होगा. 2036 तक भारत के भीतर ही हर साल करीब 47.8 करोड़ लोग फ्लाइट के जरिए सफर करेंगे.
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर भारत में एयरपोर्टों का जल्द ही विस्तार नहीं किया गया तो अव्यवस्था फैलने लगेगी. सोमैया कहते हैं, "कुछ एयरपोर्ट चरम क्षमता पर पहुंच चुके हैं. अगले पांच से सात साल में भारत के 30 से 40 एयरपोर्ट अपनी क्षमता से ज्यादा" मुसाफिरों को देखेंगे. हर साल उड़ानों की संख्या 20 फीसदी बढ़ रही है, इतने विमानों को सुरक्षित ढंग से लैंड और टेक ऑफ कराना बड़ी चुनौती होगी.
बजट एयरलाइंसों के चलते फ्लाइट के टिकट 1,000 रुपये तक मिलने लगे हैं. देहरादून, जयपुर, गुवाहाटी, पुणे, श्रीनगर और मैंगलुरू जैसे एयरपोर्ट तो अभी ही अपनी क्षमता से बाहर जा चुके हैं. बहुत जल्द दिल्ली और चेन्नई एयरपोर्ट की भी यही हालत होनी है. मुंबई के एयरपोर्ट की तो हालत अभी से बिगड़ने लगी है. एयरपोर्ट अपनी क्षमता का 94 फीसदी आंकड़ा छू चुका है. सिंगल रनवे वाले मुबंई एयरपोर्ट में दुनिया भर में हर दिन सबसे ज्यादा विमान का परिचालन करता है. 24 घंटे के भीतर मुंबई एयरपोर्ट 980 फ्लाइट ऑपरेट करता है.
केंद्र सरकार भारत के दूर दराज के इलाकों को हवाई परिवहन के माध्यम से जोड़ना चाहती है. इसके लिए एयरपोर्ट नेटवर्क के विस्तार की योजना है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए बजट में 61.3 करोड़ डॉलर की रकम रखी गई है. सेंटर फॉर सिविल एविएशन का अनुमान है कि अगर भारत बढ़ती डिमांड को सही ढंग से संभालना चाहता है तो उसे 2030 तक 45 अरब डॉलर खर्च करने होंगे.
भारत के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट
भारत में हवाई सफर करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 2016 में देश के एयरपोर्टों में 25 करोड़ से ज्यादा मुसाफिर पहुंचे. एक नजर देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्टों पर.