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त्रिपोली में गद्दाफी के परिसर पर हमला

१६ जून २०११

लीबिया की राजधानी त्रिपोली पर गुरुवार सुबह ताजा हमले हुए हैं. अरब चैनल अल जजीरा ने खबर दी है कि लीबियाई नेता मुअम्मर अल गद्दाफी के कंपाउंड से धुआं निकलता देखा गया.

epa02770364 A member of foreign media takes images at the Tripoli compound of Libyan leader Muammar Gaddafi that was targeted by NATO air strikes earlier in the day, Tripoli, Libya, 07 June 2011. According to media sources, NATO planes bombed the Tripoli compound of Libyan leader Muammar Gaddafi for the second time on 07 June. There was fire in the Bab al-Aziziya compound and heavy black smoke was seen coming out. Four explosions were heard earlier in the day in the Libyan capital, three of them in Bab al-Aziziya. Witnesses said that attacks were also targeting intelligence offices in central Tripoli. EPA/MOHAMED MESSARA dpa +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture alliance/dpa

बाब अल अजीजिया सैनिक अड्डे में स्थित मकान पर पिछले सप्ताहों में नाटो के नियमित हमले होते रहे हैं. गद्दाफी सत्ता छोड़ने से मना करते रहे हैं जबकि विभिन्न मोर्चों पर सरकारी सैनिकों और विद्रोहियों की लड़ाई जारी है.

इस बीच रूस का एक राजनयिक लीबिया में युद्ध रुकवाने के प्रयासों के तहत त्रिपोली के लिए रवाना हुआ है. राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव के विशेष अफ्रीका दूत मिखाइल मार्गेलोव त्रिपोली में लीबियाई प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और दूसरे कैबिनेट मंत्रियों से मिलेंगे. मार्गेलोव ने लीबिया के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से कहा, "साफ है कि त्रिपोली में बातचीत आसान नहीं होगी." त्रिपोली जाने के लिए नाटो के ट्रांसपोर्ट कॉरीडोर का इंतजार कर रहे मार्गेलोव ने पिछले सप्ताह कहा था कि मेद्वेदेव ने उन्हें गद्दाफी से मिलने का निर्देश नहीं दिया है. लेकिन रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि वे किसी भी भेंट के लिए तैयार हैं.

तस्वीर: AP

इस महीने के शुरू में मार्गेलोव बेनगाजी गए थे और वहां उन्होंने विद्रोही नेताओं से मुलाकात की थी. लीबियाई विद्रोहियों के रुख के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वे गद्दाफी के लीबिया में रहने की बात मान लेंगे बशर्ते वे सत्ता त्याग दें और राजनीति से बाहर रहें. इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी से मार्गेलोव ने कहा, "अरब दुनिया में माफी और सहमेल की परंपरा है और बहुत से भूतपूर्व घिनौने नेता सत्ता से खदेड़े जाने के बाद भी अपने देशों में निजी हैसियत में रहते हैं."

गद्दाफी ने कहा है कि वे लीबिया छोड़ने के बदले मरना पसंद करेंगे. गद्दाफी के 41 साल के शासन को समाप्त करने के लिए पश्चिमी देशों की मदद से विद्रोहियों को पश्चिमी लीबिया में सरकारी नियंत्रण वाले इलाके में घुसने में सफलता मिली है लेकिन त्रिपोली पर गद्दाफी का नियंत्रण बना हुआ है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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